अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने हाल ही में 1,400 करोड़ रुपये से अधिक के क्रिकेट सट्टेबाजी (betting) रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने कहा कि दुबई, लंदन और अन्य जगहों के सटोरिए (bookies) इस रैकेट में शामिल थे। इतना ही नहीं, इस रैकेट में दाऊद इब्राहिम के सिंडिकेट के शामिल होने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
जैसे ही अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने बिंदुओं को जोड़ने का प्रयास किया, उन्हें गुगली और बाउंसर मिले, जिसने उन्हें हक्का-बक्का कर दिया। शायद गुजरात से आज तक का सबसे बड़ा सट्टेबाजी का रैकेट सामने आया है। यह मुख्य रूप से नवरंगपुरा इलाके में एक डमी बैंक खाते से चलाया जा रहा था।
वाइब्स ऑफ इंडिया को पता चला है कि 11 बैंक खातों से लगभग 1,800 करोड़ रुपये के कुल लेनदेन किए गए। इनमें से लगभग 1,400 करोड़ रुपये की जांच की जा रही है। पुलिस ने अब फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की मदद मांगी है। और रैकेट की जड़ तक पहुंचने के लिए चार्टर्ड एकाउंटेंट को भी जोड़ा गया है।
पुलिस क्या खोज रही हैः
बैंक खातों की स्कैनिंग से पता चलता है कि सैकड़ों करोड़ रुपये डेबिट किए गए थे, साथ ही इन खातों में जमा भी किए गए थे। अपराध शाखा के अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि पैसा कहां से जमा किया गया था और किसके पास जमा किया गया था।
पहली नजर में पता चला है कि कथित सटोरियों यानी राकेश राजदेव, खन्ना नाम के एक व्यक्ति, आशिक उर्फ रवि हसमुख पटेल और कर्मेश किरीट पटेल के रूप में पहचाने गए संदिग्धों ने बैंक खाते खोलने के लिए आकाश ओझा के आधार और पैन कार्ड का इस्तेमाल किया। इस अकाउंट से 170,70,43,359.85 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन किया गया।
कैसे काम करते हैं सट्टेबाजः
क्रिकेट सट्टेबाजी बड़ा बिजनेस है। सट्टा न केवल मैच के रिजल्ट पर लगाए जाते हैं, बल्कि गेंद-दर-गेंद के आधार पर भी लगाए जाते हैं। जैसे, सट्टेबाज उस स्थान पर जहां मैच चल रहा है, इस बात पर सट्टा लगाते हैं कि हर गेंद पर कितने रन बनेंगे। फिर टीवी पर छह सेकंड की देरी से हुए प्रसारण का लाभ उठाएंगे। ऐसे कई सटोरियों को मोहाली क्रिकेट स्टेडियम सहित भारत के विभिन्न स्थानों से गिरफ्तार किया गया है।
गुजरात में सटोरिए बड़े पैमाने पर भारत के बाहर से काम करते हैं। उनके पास ऐसे सहयोगी हैं, जो उन्हें आईडी प्रदान करते हैं और कुछ व्यवसायी भी हैं जो मैचों पर दांव लगाते हैं। गुजरात के सटोरियों को मैचों के दौरान राज्य के बाहर के होटलों में रुकने के लिए भी जाना जाता है।
इस मामले में डीसीपी चैतन्य मांडलिक ने कहा कि संदिग्धों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। हालांकि सूत्रों ने बताया कि गुजरात में बड़ा सट्टेबाज माने जाने वाले राकेश राजदेव उर्फ आरआर के खिलाफ पहले एक शिकायत दर्ज की गई थी। लेकिन उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। इससे उसका हौसला बढ़ा और अब वह पुलिस की पहुंच से बाहर है।
आरआर कहां है?
माना जा रहा है कि राकेश राजदेव दुबई के रास्ते मिस्र पहुंच गया। माना जाता है कि अन्य संदिग्ध यानी खन्ना, आशिक उर्फ रवि हसमुख पटेल और कर्मेश किरीट पटेल दुबई में हैं। पुलिस सूत्रों ने कहा कि ये सट्टेबाज ऐशो-आराम की जिंदगी जीते हैं। महंगे होटलों से खरीदे गए बिलों की प्रतियों से पता चलता है कि वे 50 लाख रुपये तक की तो सिर्फ चाय पी जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक, “सट्टेबाजी का नया घोटाला गुजरात के बजट से अधिक है। इससे पता चलता है कि राज्य में सट्टेबाजी का खतरा कितना गहरा हो गया है।”
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