जानिए सप्तऋषि की मूर्तियाँ बनाने वाली सूरत की फर्म ने क्या कहा? - Vibes Of India

Gujarat News, Gujarati News, Latest Gujarati News, Gujarat Breaking News, Gujarat Samachar.

Latest Gujarati News, Breaking News in Gujarati, Gujarat Samachar, ગુજરાતી સમાચાર, Gujarati News Live, Gujarati News Channel, Gujarati News Today, National Gujarati News, International Gujarati News, Sports Gujarati News, Exclusive Gujarati News, Coronavirus Gujarati News, Entertainment Gujarati News, Business Gujarati News, Technology Gujarati News, Automobile Gujarati News, Elections 2022 Gujarati News, Viral Social News in Gujarati, Indian Politics News in Gujarati, Gujarati News Headlines, World News In Gujarati, Cricket News In Gujarati

जानिए सप्तऋषि की मूर्तियाँ बनाने वाली सूरत की फर्म ने क्या कहा?

| Updated: June 2, 2023 10:01

मध्य प्रदेश में एक बार फिर भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक गहमागहमी शुरू हो गई है। उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar temple) परिसर में बने महाकाल लोक कॉरिडोर (Mahakal Lok corridor) में स्थापित सप्तऋषियों की सात में से छह मूर्तियां तेज हवा के कारण ढह गई, जिसके बाद कांग्रेस ने भाजपा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए राजनीतिक गलियारों को गर्म कर दिया है।

कांग्रेस पार्टी (Congress party) ने राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने निर्माण की “घटिया” गुणवत्ता की जांच की मांग की है।

आपको बता दें कि, मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar temple) के परिसर में महाकाल लोक कॉरिडोर (Mahakal Lok corridor) विकसित किया गया है। मंदिर के पहले चरण का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में किया था।

मूर्तियाँ बनाने वाली कंपनी का तर्क

कंपनी की वेबसाइट का कहना है कि यह बावरिया ग्रुप के स्वामित्व में है, और इसने 2006 में परिचालन शुरू किया। कंपनी की वेबसाइट का कहना है कि यह ‘AA Class‘ और “गुजरात सरकार के साथ बिल्डिंग कॉन्ट्रैक्टर में विशेष श्रेणी -1” के रूप में पंजीकृत है। कंपनी की वेबसाइट आगे कहती है, “2014 से हमने कोई काम अधूरा नहीं छोड़ा है और न ही हमारी किसी भी पार्टी के साथ कोई मुकदमेबाजी हुई है। हमारे पास एक मजबूत कार्य बल है जो सुरक्षा उपायों का पालन करने के साथ अपने विषयों में पूरी तरह से सक्षम और कुशल है।”

कांग्रेस का आरोप

कांग्रेस नेता शोभा ओझा व पूर्व मंत्री व विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा, “हम मांग करते हैं कि उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश को महाकाल लोक कॉरिडोर परियोजना (Mahakal Lok corridor project) में भ्रष्टाचार और घटिया काम की जांच करनी चाहिए। हम सभी सबूत और दस्तावेज जज को सौंपेंगे।”

ओझा और अन्य कांग्रेस नेताओं की एक टीम ने मूर्ति निर्माताओं और विशेषज्ञों के साथ महाकाल कॉरिडोर का दौरा किया। “विशेषज्ञों ने कहा कि मूर्तियों की कीमत लगभग 80% बढ़ा दी गई थी,” उन्होंने कहा। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मूर्तियों के लिए निर्धारित तकनीकी विशेषता निर्माण कार्य में पूरा नहीं किए गए, जिसके परिणामस्वरूप यह घटना हुई। उनका कहना था कि काम जल्दबाजी में पूरा किया गया ताकि पीएम मोदी पिछले साल अक्टूबर में इसका उद्घाटन कर सकें। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और घटिया काम के कारण हल्की आंधी के दौरान भी मूर्तियां गिर गईं। कांग्रेस नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि मूर्तियों और महाकाल लोक कॉरिडोर के निर्माण में चीनी सामग्री का इस्तेमाल किया गया था।

भाजपा नेता और शहरी विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सभी आरोपों का खंडन किया और एक ट्वीट में कहा, महाकाल लोक कॉरिडोर लेकर गंदी राजनीति करने वाली कांग्रेस को याद रखना चाहिए कि उज्जैन के प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा थे और वे उस प्रजेंटेशन में मौजूद थे जहां हमारी भाजपा सरकार का टेंडर प्रस्तुति के लिए आया था। उनके हस्ताक्षर भी इसका प्रमाण हैं। तो अब उनकी समस्या क्या है?”

मूर्तियाँ

जो 6 मूर्तियां टूट कर गिरी हैं उनकी ऊंचाई 10 से 25 फीट तक थी। यह फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक (एफआरपी) से बनी हैं। इन पर गुजरात की एमपी बावरिया फर्म से जुड़े गुजरात, ओडिशा और राजस्थान के कलाकारों ने कारीगरी की थी। इन मूर्तियों की लाइफ 10 साल बताई गई थी, लेकिन गत रविवार शाम 30 किमी की रफ्तार से चली तेज हवा से 7 में से 6 मूर्तियाँ टूटकर खंडित हो गईं।

मूर्तियां बनाने वाली एमपी बावरिया कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर संजय पटेल ने कहा कि, “तेज हवा ने बवंडर बना दिया, जिससे मूर्ति के अंदर का स्ट्रक्चर टूट गया”, पटेल ने माना कि “मूर्तियों के अंदर माइल्ड स्टील का जॉइन्ट कमजोर पड़ गया होगा। अब इनमें स्टील के साथ कंक्रीट का इस्तेमाल करेंगे”, उन्होंने कहा।

मामले में, कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि, मुख्यमंत्री के आदेश के मुताबिक सभी 6 मूर्तियों को नया इन्स्टॉल किया जाएगा। इसका खर्च भी कंपनी ही वहन करेगी। इसमें दो महीने का वक्त लगेगा।

यह भी पढ़ें- गुजरात: कक्षा 12वीं की सामान्य स्ट्रीम से छात्रों की उत्तीर्ण दर 73 प्रतिशत के साथ रही निराशाजनक

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d