भारत सरकार ने दशकों बाद नागालैंड, असम और मणिपुर राज्यों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) के तहत अशांत क्षेत्रों को कम करने का फैसला किया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी है. केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व में भारत सरकार ने दशकों बाद नागालैंड, असम और मणिपुर राज्यों में अफस्पा के तहत अशांत क्षेत्रों को कम करने का फैसला किया है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अगले ट्वीट में कहा कि AFSPA के इलाकों में कमी सुरक्षा में सुधार और प्रधानमंत्री द्वारा उत्तर पूर्व में स्थायी शांति लाने और उग्रवाद को समाप्त करने के लिए लगातार प्रयासों और कई समझौतों के कारण तेजी से विकास का परिणाम है.
प्रधानमंत्री का धन्यवाद. उन्होंने आगे कहा कि हमारा पूर्वोत्तर क्षेत्र, जो दशकों से उपेक्षित था, अब शांति, समृद्धि और अभूतपूर्व विकास के एक नए युग का गवाह बन रहा है. मैं इस महत्वपूर्ण अवसर पर पूर्वोत्तर के लोगों को बधाई देता हूं.
2014 में नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद सुरक्षा स्थिति में सुधार की वजह से अब से अब 1 अप्रैल 2022 से असम के 23 जिलों को पूर्ण रूप से और 1 जिले को आंशिक रूप से अफस्पा के प्रभाव से हटाया जा रहा है. मणिपुर में इंफाल नगर पालिका को छोड़कर अशांत क्षेत्र घोषणा साल 2004 से चल रही है.
लेकिन, अब सरकार ने 6 जिलों के 15 पुलिस स्टेशन क्षेत्र को 1 अप्रैल 2022 से अशांत क्षेत्र अधिसूचना से बाहर किया जा रहा है. अरूणाचल प्रदेश में 2015 में 3 जिले, अरूणाचल प्रदेश की असम से लगने वाली 20 किमी. की पट्टी और 9 अन्य जिलों में 16 पुलिस स्टेशन क्षेत्र में अफस्पा लागू था. जो धीरे धीरे कम करते हुए अब सिर्भ 3 जिलों में और 1 अन्ये जिले के 2 पुलिस स्टेशन क्षेत्र में लागू है. पूरे नगालैण्ड में अशान्त क्षेत्र अधिसूचना साल 1995 से लागू है. केन्द्र सरकार ने इस सन्दर्भ में गठित कमेटी की चरणबद्ध तरीके से AFSPA हटाने की सिफारिश को मान लिया
बाबा रामदेव 31000 करोड़ की कंपनी में बिना किसी निवेश के होंगे 80% के मालिक