चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर द्वारा कांग्रेस को दी गई प्रस्तुति पर विचार करने के लिए सोनिया गांधी द्वारा गठित समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने के कुछ दिनों बाद, पार्टी अध्यक्ष ने राजनीतिक चुनौतियों का सामना करने के लिए एक और आंतरिक समूह का गठन किया है। अधिकार प्राप्त कार्य समूह-2024 इसका नाम है। हालांकि, इस एक्शन ग्रुप की संरचना की घोषणा अभी बाकी है।
पार्टी ने आधिकारिक तौर पर यह भी घोषणा की कि वह 13 मई से 15 मई तक राजस्थान के उदयपुर में एक मंथन शिविर लगाई जाएगी। तीन दिवसीय इस शिविर में देश भर से लगभग 400 कांग्रेस नेता शामिल होंगे।
सोनिया गांधी ने आठ सदस्यीय समूह के सदस्यों से भी मुलाकात की, जिन्होंने किशोर की प्रस्तुति देखी थी। पी चिदंबरम, अंबिका सोनी, प्रियंका गांधी वाड्रा, दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश, मुकुल वासनिक, केसी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला वाले इस समूह ने किशोर के प्रेजेंटेशन के अध्ययन के बाद रिपोर्ट तैयार करने के लिए पिछले सप्ताह कई बार मुलाकात की थी। सूत्रों ने कहा कि सिद्धांत रूप में समिति किशोर द्वारा दिए गए अधिकांश सुझावों से सहमत है।
यह बैठक प्रशांत किशोर की कंपनी रही आई-पैक द्वारा 2023 के विधानसभा चुनावों के लिए तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के साथ करार पर हस्ताक्षर के एक दिन बाद भी हुई। सूत्रों ने कहा कि कई वरिष्ठ नेता इस बात से नाराज हैं कि आई-पैक ने कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी टीआरएस के साथ उस समय अनुबंध किया है, जब किशोर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ बातचीत कर रहे थे।
कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि श्रीमती गांधी ने समूह के साथ उस रिपोर्ट पर चर्चा की है। चर्चाओं के आधार पर कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे की राजनीतिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक अधिकार प्राप्त कार्य समूह- 2024 का गठन करने का निर्णय लिया है।
सुरजेवाला ने कहा कि विचार-मंथन सत्र में विचार-विमर्श का जोर वर्तमान राजनीतिक और आर्थिक स्थिति और समाज के सामने आने वाली चुनौतियों पर होगा। इसके अलावा किसानों और खेत मजदूरों, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, ओबीसी, धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यकों और महिला सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण और युवाओं के कल्याण संबंधित मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, संगठनात्मक पुनर्गठन और सुदृढ़ीकरण से संबंधित मामलों पर भी बात होगी। चिंतन शिविर 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की व्यापक रणनीति पर भी विचार करेगा।
पार्टी पहले ही सत्र में पारित होने वाले प्रस्तावों का मसौदा तैयार करने के लिए छह समितियों का गठन कर चुकी है। जबकि राजनीतिक प्रस्ताव का मसौदा तैयार करने वाली समिति की अध्यक्षता राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे करेंगे। आर्थिक स्थिति पर प्रस्ताव की अध्यक्षता पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम करेंगे।
कागजात तैयार करने, किसानों और कृषि से संबंधित मुद्दों पर चर्चा का नेतृत्व करने वाली एक अन्य समिति की अध्यक्षता हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा करेंगे, जो असंतुष्टों के जी-23 समूह के सदस्य हैं। समिति में छत्तीसगढ़ के मंत्री टीएस सिंहदेव, शक्तिसिंह गोहिल, नाना पटोले, प्रताप सिंह बाजवा, अरुण यादव, अखिलेश प्रसाद सिंह, गीता कोरा और अजय कुमार लल्लू सदस्य हैं।
खड़गे के नेतृत्व वाले समूह, जो चिंतन शिविर में राजनीतिक प्रस्ताव तैयार करेगा और प्रस्तुत करेगा, उसमें वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, अशोक चव्हाण, एन उत्तम कुमार रेड्डी, शशि थरूर, गौरव गोगोई, सप्तगिरी शंकर उलाका और रागिनी नायक सदस्य हैं। .
चिदंबरम की अगुआई वाली समिति के सदस्य सिद्धारमैया, आनंद शर्मा, सचिन पायलट, मनीष तिवारी, राजीव गौड़ा, प्रणति शिंदे, गौरव वल्लभ और सुप्रिया श्रीनेत हैं।
“सामाजिक और सशक्तिकरण” से संबंधित मुद्दों पर रिपोर्ट का मसौदा तैयार करने के लिए बनी समिति का नेतृत्व सलमान खुर्शीद करेंगे। इसके सदस्य मीरा कुमार, दिग्विजय सिंह, कुमारी शैलजा, नबाम तुकी, सुखजिंदर सिंह रंधावा, नारनभाई राठवा, एंटो एंटनी और के राजू हैं।
संगठन से संबंधित मामलों की समिति के अध्यक्ष मुकुल वासनिक हैं, जो जी-23 के पत्र पर दस्तखत करने वालों में रहे हैं। इसके सदस्य अजय माकन, तारिक अनवर, रमेश चेन्नीथला, रणदीप सिंह सुरजेवाला, अधीर रंजन चौधरी, नेट्टा डिसूजा और मीनाक्षी नटराजन हैं। युवा और आधिकारिता पर बनी समिति की अध्यक्षता पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग करेंगे।