कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के ऑफिस (CMO) के एक अधिकारी ने समाचार संगठनों (news organisations) के पत्रकारों (reporters) और संपादकों(editors) को दीपावली हैम्पर्स की आड़ में 1 लाख से लेकर 2.5 लाख रुपये तक की रिश्वत देने की कोशिश की। तीन पत्रकारों ने तो कन्फर्म भी किया कि कैश के साथ हैम्पर दिए गए थे। जबकि दो ने कहा कि उन्होंने इसे वापस सीएमओ को लौटा दिया। एक अन्य पत्रकार ने कहा कि उन्हें तो हैम्पर नहीं मिला था, लेकिन दूसरों के बारे में जानते थे, जिन्हें दिया गया।
एक बड़े अखबार के सीनियर जर्नलिस्ट ने कहा, “हां, उन्होंने पैसे भेजे थे। लेकिन मैंने यह नहीं देखा कि उन्होंने कितने पैसे भेजे। पता लगते ही मैंने तुरंत वापस भेज दिया। ” उन्होंने बताया कि दीपावली स्वीट हैम्पर को पिछले शनिवार की रात गार्ड के साथ उन्हें ऑफिस में भेजा गया था। पत्रकार ने कहा, “मैंने उसे उठाया और जब खोला, तो उसमें कैश के साथ एक लिफाफा देखा। मैंने बिना गिने फौरन वापस लौटा दिया।”
पत्रकार ने कहा कि उन्होंने इसे लेकर सीएम को नाराजगी भरा पत्र भेजा है। उन्होंने कहा, “उन्होंने सॉरी भी कहा है। मैं वर्षों से पॉलिटिकल रिपोर्टर रहा हूं, मेरे साथ ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।”
एक दूसरे बड़े पब्लिकेशन (leading publication) के पत्रकार ने बताया कि उन्हें इसी तरह की मिठाई की पेशकश की गई थी और जब उन्होंने इसे खोला तो उन्होंने पाया कि इसमें 1 लाख रुपये नकद शामिल थे। उन्होंने कहा, “मैंने अपने संपादकों को इसकी सूचना दी। सीएमओ अधिकारी से कहा कि मैं इसे कतई स्वीकार नहीं कर सकता। यह गलत है। तीसरे पत्रकार एक टीवी चैनल के एडिटर हैं। उन्होंने बताया कि हैम्पर्स बंटने की बात उन्हें मालूम थी। इसे कन्फर्म करने के लिए उन्होंने सीएम ऑफिस से पूछा, लेकिन वहां से कुछ नहीं कहा गया।
दरअसल बड़े रिपोर्टरों और एडिटरों (editorial heads) के लिए पैसे अलग-अलग थे। यह रेंज 1 लाख रुपये से 3 लाख रुपये के बीच थी। यह कैश हैम्पर कितने पत्रकारों को दिया गया और कितनों ने लौटाया, यह स्पष्ट नहीं है। इस बीच, कर्नाटक सरकार के एक मंत्री द्वारा चुनिंदा पत्रकारों को सोने के सिक्के बांटने की खबरें सामने आई हैं।
कर्नाटक कांग्रेस ने इन आरोपों पर मुख्यमंत्री से सवाल करने के लिए शुक्रवार शाम को ट्विटर का सहारा लिया। इसमें कहा गया कि एक पत्रकार ने मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा दी गई ढाई लाख रुपये की रिश्वत लौटाकर पत्रकारिता को बरकरार रखा है। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि कर्नाटक के पत्रकार पत्रकारिता की शुचिता (sanctity of journalism ) को खतरे में नहीं पड़ने देंगे। मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए कि पत्रकारों को रिश्वत क्यों दी गई।
इस बीच, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनके स्टाफ के सदस्य ने दीपावली गिफ्ट हैम्पर में पत्रकारों को क्या दिया।