गुजरात में एक युवा किसान जोड़े (young farmer couple) ने काले जादू की रस्म के लिए गिलोटिन जैसे उपकरण का उपयोग करके खुद को मार डाला।
38 वर्षीय किसान हेमू मकवाना और पत्नी हंसा मकवाना (35) के बच्चे रविवार की सुबह जब पास के एक गांव में अपने मामा के घर पर कुछ देर रहने के बाद घर लौटे, तो वे अपने ही खेत में अपने माता-पिता की क्षत-विक्षत लाशें देखकर सहम गए। लड़के (13) और लड़की (12) ने तुरंत शोर मचाया और आसपास के लोगों को इसकी सूचना दी।
पुलिस को बुलाया गया और दोनों के अंगूठे के निशान के साथ गुजराती में एक हस्तलिखित नोट मिला, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने खुद को स्वेच्छा से मार डाला और किसी को दोष नहीं दिया जाना चाहिए। फॉरेंसिक पोस्टमार्टम (forensic post-mortem) के लिए शवों को राजकोट सिविल अस्पताल (Rajkot civil hospital) भेज दिया गया है।
“दंपति ने अपना जीवन समाप्त करने के लिए एक मेक-शिफ्ट गिलोटिन का इस्तेमाल किया। ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने गिलोटिन के ब्लेड को खुद खींच लिया और इसे इस तरह से छोड़ा कि उनके सिर एक हवन कुंड में गिर गए,” विंचिया पुलिस उप-निरीक्षक इंद्रजीतसिंह जडेजा ने साझा किया।
प्रथम दृष्ट्या पाया गया कि, दंपति ने पिछले एक साल में अनाज की पैकिंग में इस्तेमाल होने वाली जूट की बोरियों के साथ एक अस्थायी मंदिर बनाया था। इसमें भगवान शिव की एक तस्वीर और मिट्टी से बना एक शिवलिंग था, दोनों की युगल द्वारा नियमित रूप से पूजा की जाती थी, जैसा कि ग्रामीणों ने बताया।
“इतना बड़ा कदम उठाने के कारणों का पता लगाने के लिए हम बयान दर्ज कर रहे हैं,” जडेजा ने कहा, घटना से एक दिन पहले, दंपति ने अपने बच्चों को उनके मामा के यहां भेज दिया था।
शवों के पास उनके मोबाइल फोन के साथ मिले नोट के अनुसार, हंसा की तबीयत ठीक नहीं थी। नोट में यह भी दर्ज है कि हेमू “अपने भाइयों पर भरोसा करता था और उसके ससुराल वालों ने उसे कभी किसी बात के लिए फटकार नहीं लगाई।”
हंसा की चचेरी बहन जयंती जटापारा ने आर्थिक तंगी के सुझावों का खंडन करते हुए कहा कि दंपति कभी भी दिन-प्रतिदिन के खर्चों से नहीं जूझे। उसने पुलिस को बताया है कि, “न ही उनका कोई वैवाहिक या पारिवारिक विवाद था।”
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