नई दिल्ली — अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की ₹1,000 करोड़ की गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) पेशकश को बुधवार को इसके खुलने के महज तीन घंटे के भीतर पूरी तरह सब्सक्राइब कर लिया गया। यह जानकारी स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों से मिली है।
यह एनसीडी इश्यू 9 जुलाई को खुला था और 22 जुलाई तक खुला रहने वाला था, लेकिन तेजी से हुई सब्सक्रिप्शन के चलते इसे तय समय से पहले बंद किया जा सकता है। शाम 3:30 बजे तक इसमें ₹1,400 करोड़ से अधिक की बोलियां आ चुकी थीं।
यह पेशकश पूरी तरह से फर्स्ट-कम, फर्स्ट-सर्व्ड के आधार पर थी और इसमें निवेश पूरी तरह गैर-संस्थागत निवेशकों — खुदरा निवेशकों, हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) और कॉर्पोरेट्स — से आया। संस्थागत निवेशकों के लिए कोई हिस्सा निर्धारित नहीं था।
इश्यू के एक प्रमुख प्रबंधक ने कहा, “यह उत्साहजनक प्रतिक्रिया खास तौर से गैर-संस्थागत निवेशकों से मिली है, जिससे यह साफ है कि अडानी का ब्रांड खुदरा निवेशकों के बीच मजबूत पहचान बना रहा है। खुदरा, एचएनआई और कॉर्पोरेट निवेशकों ने कंपनी की क्रेडिट प्रोफाइल और भविष्य की संभावनाओं में भरोसा जताया है।”
यह अडानी एंटरप्राइजेज द्वारा जारी किया गया दूसरा सार्वजनिक एनसीडी इश्यू है। इससे पहले सितंबर 2023 में कंपनी ने ₹800 करोड़ का एनसीडी इश्यू लाया था, जो पहले ही दिन 90% सब्सक्राइब हो गया था।
वर्तमान इश्यू का बेस साइज ₹500 करोड़ था, जिसमें ₹500 करोड़ के ग्रीनशू विकल्प के जरिए अतिरिक्त सब्सक्रिप्शन बनाए रखने की सुविधा थी। कुल मिलाकर इसका आकार ₹1,000 करोड़ तक रखा गया था। प्रत्येक एनसीडी का फेस वैल्यू ₹1,000 है और न्यूनतम 10 एनसीडी (₹10,000) का आवेदन करना अनिवार्य था।
अडानी एंटरप्राइजेज ने निवेशकों को सालाना अधिकतम 9.3% ब्याज देने की पेशकश की है। ये एनसीडी 24 महीने, 36 महीने और 60 महीने की अवधियों में उपलब्ध हैं, जिनमें त्रैमासिक, वार्षिक और संचयी ब्याज भुगतान के विकल्प दिए गए हैं। कुल मिलाकर इश्यू में आठ सीरीज़ हैं।
कंपनी के मुताबिक, इस एनसीडी इश्यू से जुटाई गई राशि का कम से कम 75% हिस्सा मौजूदा कर्ज के आंशिक या पूर्ण पुनर्भुगतान में इस्तेमाल किया जाएगा, जबकि अधिकतम 25% हिस्सा सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए रखा गया है।
इस इश्यू के प्रमुख प्रबंधक नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट लिमिटेड, ट्रस्ट इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड और टिपसन्स कंसल्टेंसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड हैं।
गौरतलब है कि एनसीडी (गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर) कंपनियों द्वारा निवेशकों से फंड जुटाने का एक ऋण उपकरण है, जिसमें निश्चित ब्याज दर का भुगतान किया जाता है, लेकिन इन्हें शेयरों में बदला नहीं जा सकता।
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