भारत के विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने देश में पंजीकृत कुछ बोइंग विमानों के ईंधन नियंत्रण स्विच के लॉकिंग मैकेनिज़्म की जांच 21 जुलाई 2025 तक अनिवार्य रूप से पूरी करने के आदेश दिए हैं। यह आदेश जून में दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान की जांच के दौरान सामने आई संभावित खामी के मद्देनज़र जारी किया गया है।
यह निर्देश संयुक्त राज्य अमेरिका के संघीय विमानन प्रशासन (FAA) द्वारा दिसंबर 2018 में जारी एक स्पेशल एयरवर्थीनेस इन्फॉर्मेशन बुलेटिन (SAIB) के अनुरूप है। उस बुलेटिन में ईंधन नियंत्रण स्विच के लॉकिंग फीचर के संभावित डिसएंगेजमेंट को लेकर चेतावनी दी गई थी।
SAIB और किन विमानों पर असर
2018 के FAA बुलेटिन (SAIB नंबर NM-18-33) में बोइंग के कुछ मॉडलों—विशेषकर 787 और 737 के वैरिएंट्स—में ईंधन नियंत्रण स्विच के लॉकिंग फीचर की जांच की सलाह दी गई थी। भारत में इससे प्रभावित ऑपरेटर निम्न हैं:
- एयर इंडिया – 787 विमान संचालित करता है (जिसमें यह दुर्घटना हुई)।
- एयर इंडिया एक्सप्रेस, आकासा एयर और स्पाइसजेट – 737 के विभिन्न वैरिएंट्स का संचालन करते हैं।
- एयर इंडिया के पास बोइंग 777 भी हैं, लेकिन ये इस SAIB के दायरे में नहीं आते और DGCA के आदेश से बाहर हैं।
- इंडिगो के पास एक डैम्प-लीज़ पर लिया गया 787 है, लेकिन वह भारत में पंजीकृत नहीं है, इसलिए इस आदेश के दायरे में नहीं आता।
एयर इंडिया दुर्घटना जांच का विवरण
भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट में सामने आया कि एयर इंडिया 787-8 दुर्घटनाग्रस्त हुआ क्योंकि उसके दोनों इंजनों को ईंधन मिलना बंद हो गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, विमान के दोनों ईंधन नियंत्रण स्विच RUN से CUTOFF स्थिति में एक ही सेकंड के भीतर चले गए, जिससे टेक-ऑफ के तुरंत बाद ईंधन आपूर्ति रुक गई।
यह 2018 का SAIB इस दुर्घटना की जांच में भी संदर्भित किया गया था। FAA ने उस समय 737 के कुछ ऑपरेटरों से मिली रिपोर्ट के बाद यह बुलेटिन जारी किया था कि कुछ स्विच बिना लॉकिंग फीचर के इंस्टॉल हुए थे। FAA ने इसे तत्काल असुरक्षित स्थिति नहीं माना था, लेकिन ऑपरेटरों को एहतियातन जांच की सलाह दी थी।
SAIB सिर्फ सलाहात्मक (advisory) था, बाध्यकारी नहीं, इसलिए एयर इंडिया ने इस विमान पर वह जांच नहीं करवाई थी। उल्लेखनीय है कि दुर्घटनाग्रस्त विमान में थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल (जिसमें ये स्विच लगे होते हैं) 2023 में बदला गया था और उसके बाद कोई खामी दर्ज नहीं हुई थी।
DGCA का नया आदेश
DGCA का यह निर्देश ऐसे समय आया है जब कई विदेशी एयरलाइंस—जैसे अबू धाबी की एतिहाद—ने अपनी 787 फ्लीट पर स्वेच्छा से यह जांच शुरू कर दी है, भले ही FAA और बोइंग दोनों ने यह कह रखा हो कि मौजूदा लॉकिंग मैकेनिज्म सुरक्षित है और कोई अतिरिक्त कार्रवाई आवश्यक नहीं है।
DGCA ने अपने आदेश में कहा:
“यह संज्ञान में आया है कि कई ऑपरेटर—अंतरराष्ट्रीय और घरेलू—ने SAIB के अनुसार अपने बेड़े में जांच शुरू की है… उपरोक्त के दृष्टिगत, सभी एयरलाइन ऑपरेटरों को सलाह दी जाती है कि वे SAIB नंबर: NM-18-33, दिनांक 17 दिसंबर 2018 के तहत आवश्यक जांच 21 जुलाई 2025 से पहले पूरी करें। निरीक्षण योजना और निरीक्षण के बाद की रिपोर्ट इस कार्यालय को संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को सूचना के साथ प्रस्तुत करें। सुरक्षित संचालन और एयरवर्थीनेस सुनिश्चित करने के लिए इस समयसीमा का कड़ाई से पालन आवश्यक है।”
लॉकिंग फीचर कैसे काम करता है?
विशेषज्ञों के अनुसार, इन स्प्रिंग-लोडेड ईंधन नियंत्रण स्विचों का अनजाने में मूवमेंट होना काफी असंभव है। स्विच के दोनों तरफ सुरक्षा ब्रैकेट होते हैं और इन्हें RUN से CUTOFF (या उल्टा) ले जाने के लिए पायलट को इसे ऊपर उठाकर मूव करना पड़ता है।
FAA के 2018 के निर्देश में कहा गया था:
“ईंधन नियंत्रण स्विच के लॉकिंग फीचर की जांच करें कि वह ठीक से एंगेज है या नहीं। विमान जमीन पर खड़ा हो तो देखें कि स्विच बिना ऊपर उठाए दोनों पोजिशन में मूव हो सकता है या नहीं। यदि ऐसा हो रहा है, तो लॉकिंग फीचर डिसएंगेज हो चुका है और स्विच को जल्द से जल्द बदलना चाहिए।”
जांच का अगला चरण
AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह नहीं कहा गया कि पायलटों ने स्विचों को जानबूझकर या गलती से फ्लिक किया। रिपोर्ट सिर्फ यह दर्ज करती है कि दोनों स्विच लगभग एकसाथ RUN से CUTOFF पोजिशन में चले गए। अब जांच अधिकारी यह पता लगाने पर ध्यान देंगे कि यह मानवीय त्रुटि थी, कोई तकनीकी, मैकेनिकल या सॉफ़्टवेयर समस्या थी।
फिलहाल, रिपोर्ट ने अन्य 787-8 विमान या उसके GE इंजनों के ऑपरेटरों के लिए कोई अतिरिक्त सिफारिश नहीं जारी की है। इसका मतलब है कि जांचकर्ताओं को अभी तक विमान या इंजन डिज़ाइन में कोई प्रणालीगत खामी नहीं दिखी है।
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