नई दिल्ली: अहमदाबाद में हुए दर्दनाक एयर इंडिया विमान हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट में पायलटों पर दोषारोपण को लेकर पायलट संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई है। यह विरोध उस समय सामने आया है जब एक अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि कप्तान ने उड़ान भरते ही इंजनों की ईंधन आपूर्ति काट दी थी।
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि ब्लैक बॉक्स की रिकॉर्डिंग से संकेत मिलता है कि फ्लाइट AI 171 के कप्तान, 56 वर्षीय सुमीत सभरवाल, ने उड़ान भरने के तुरंत बाद फ्यूल कंट्रोल स्विच को ‘रन’ से ‘कटऑफ’ पोजिशन पर कर दिया था। यह विमान, जो लंदन जा रहा था, अहमदाबाद स्थित बी. जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल भवन से टकरा गया। हादसे में 241 यात्री और क्रू सहित 260 लोगों की जान चली गई।
कैप्टन ने क्यों बदले फ्यूल स्विच?
रिपोर्ट में दावा किया गया कि विमान के उड़ान भरते ही पहले अधिकारी, 32 वर्षीय क्लाइव कुंदर (जिनके पास 3,403 घंटे की उड़ान का अनुभव था), ने कप्तान से पूछा कि उन्होंने स्विच को ‘रन’ से ‘कटऑफ’ क्यों किया। यह देखकर पहले अधिकारी घबरा गए, जबकि कप्तान शांत दिखाई दिए।
भारत की विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि ईंधन नियंत्रण स्विच उड़ान के कुछ ही सेकंड बाद बदले गए थे, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया कि इन्हें किसने बदला। इन स्विचों का काम इंजनों में ईंधन की आपूर्ति को नियंत्रित करना होता है।
पायलट संगठनों की तीखी प्रतिक्रिया
फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) ने इस रिपोर्ट पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि जांच प्रक्रिया में पायलट संगठनों को शामिल नहीं किया गया और मीडिया में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया गया।
FIP ने कहा, “शुरुआत में ही हम यह असंतोष दर्ज कराना चाहते हैं कि इस जांच में पायलट प्रतिनिधियों को शामिल नहीं किया गया। पूरी, पारदर्शी और डेटा-आधारित जांच से पहले किसी को दोष देना न केवल अपरिपक्व है बल्कि गैर-जिम्मेदाराना भी है।”
एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन – इंडिया (ALPA India) ने भी प्रतिक्रिया दी कि मृत पायलटों की छवि को बिना प्रमाण के खराब किया जा रहा है।
ALPA India ने कहा, “AI 171 की क्रू टीम ने अंतिम क्षण तक हरसंभव प्रयास किया कि विमान में सवार यात्रियों की जान बचाई जा सके और ज़मीन पर नुकसान को न्यूनतम रखा जाए।”
मानव त्रुटि या तकनीकी खराबी?
उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि ड्रीमलाइनर विमान में फ्यूल स्विच का अचानक कटऑफ पोजिशन में चला जाना आसान नहीं है क्योंकि इन स्विचों पर लॉकिंग मैकेनिज्म होता है। हादसे के बाद एयर इंडिया ने अपने पूरे 787 बेड़े में इन स्विचों की जांच करवाई और कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई।
एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जांचकर्ता इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि कहीं विमान के इलेक्ट्रिकल या सॉफ्टवेयर सिस्टम की गड़बड़ी से तो ये स्विच बिना किसी पायलट कमांड के ‘कटऑफ’ मोड में नहीं चले गए।
सरकार की अपील: निष्कर्ष पर न पहुंचे अभी
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह रिपोर्ट केवल प्रारंभिक मूल्यांकन है और अंतिम रिपोर्ट आने में एक साल तक का समय लग सकता है। ऐसे में मीडिया और आमजन से आग्रह किया गया है कि वे जल्दबाज़ी में निष्कर्ष न निकालें।
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