नई दिल्ली/अहमदाबाद। देशभर के शहरों की स्वच्छता रैंकिंग में गुजरात का ऐतिहासिक शहर अहमदाबाद स्वच्छता के मामले में 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में नंबर एक पर आ गया है। गुरुवार को घोषित स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 के नतीजों में अहमदाबाद ने यह मुकाम हासिल किया। वहीं, सूरत को ठोस कचरा प्रबंधन में उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया गया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय समारोह में गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल, अहमदाबाद की मेयर प्रतिभा जैन और नगर आयुक्त बंछानिधि पानी को यह पुरस्कार प्रदान किया।
हालांकि, देशभर के सभी शहरों में मध्यप्रदेश का इंदौर एक बार फिर देश का सबसे स्वच्छ शहर चुना गया है। छत्तीसगढ़ का अंबिकापुर दूसरे स्थान पर और कर्नाटक का मैसूरु तीसरे स्थान पर रहा।
स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत किए जाने वाले इस सर्वेक्षण की शुरुआत 2016 में मात्र 73 नगर निकायों से हुई थी, जो अब बढ़कर 4,500 से अधिक शहरों को कवर कर चुका है। अहमदाबाद, जिसे 2015 में 15वां स्थान मिला था, आज शीर्ष स्थान पर है।
इस बार किन श्रेणियों में दिए गए पुरस्कार:
इस बार के सर्वेक्षण में पुरस्कार चार प्रमुख श्रेणियों में दिए गए:
- सुपर स्वच्छ लीग (SSL) शहर
- पांच अलग-अलग जनसंख्या श्रेणियों में शीर्ष तीन स्वच्छ शहर
- विशेष श्रेणियाँ – जैसे गंगा नगर, कैंटोनमेंट बोर्ड, सफाईमित्र सुरक्षा और महाकुंभ
- राज्य स्तरीय पुरस्कार – राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के आशाजनक प्रदर्शन करने वाले शहरों को
इस समारोह में कुल 78 पुरस्कार प्रदान किए गए।
सुपर स्वच्छ लीग: स्थायी प्रदर्शन करने वाले शहरों को मिला नया दर्जा
इस वर्ष की एक अनोखी पहल रही सुपर स्वच्छ लीग (SSL), जिसमें उन शहरों को शामिल किया गया जो पिछले तीन वर्षों में कम से कम एक बार टॉप 3 में रहे हैं और इस साल भी अपनी जनसंख्या श्रेणी के शीर्ष 20% में बने हुए हैं। इसका उद्देश्य लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले शहरों को सम्मानित करना और अन्य शहरों को प्रेरित करना है।
इस बार की खास बातें:
- सर्वेक्षण में 10 पैरामीटर और 54 इंडिकेटर के आधार पर मूल्यांकन किया गया।
- 45 दिनों तक चले इस सर्वेक्षण में देशभर के हर वार्ड का निरीक्षण किया गया।
- 3,000 से अधिक प्रशिक्षित मूल्यांकनकर्ताओं ने सर्वेक्षण में भाग लिया।
- 11 लाख से अधिक घरों से सीधा संवाद किया गया।
- 14 करोड़ से अधिक नागरिकों की सहभागिता दर्ज की गई, जिसमें फेस-टू-फेस इंटरैक्शन, स्वच्छता ऐप, माईगव और सोशल मीडिया जैसे प्लेटफॉर्म शामिल रहे।
- इस बार का फोकस था – “Reduce, Reuse, Recycle” (कम करें, पुन: उपयोग करें, पुनर्चक्रण करें)।
आबादी के अनुसार शहरों की नई श्रेणियाँ:
पहली बार शहरों को उनकी आबादी के अनुसार पांच श्रेणियों में बांटा गया:
- बहुत छोटे शहर (20,000 से कम)
- छोटे शहर (20,000-50,000)
- मध्यम शहर (50,000-3 लाख)
- बड़े शहर (3-10 लाख)
- मिलियन-प्लस शहर (10 लाख से अधिक)
इस नयी व्यवस्था से मूल्यांकन में ज्यादा पारदर्शिता और संतुलन लाने का प्रयास किया गया।











