नई दिल्ली: पिछले पांच वर्षों में गुजरात में 37,56,390 नए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) पंजीकृत हुए हैं, जबकि इसी अवधि में 8,779 MSME बंद हो गए। यह जानकारी केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने सोमवार को राज्यसभा में एक असितारांकित प्रश्न के उत्तर में दी।
यह प्रश्न राज्यसभा सांसद परिमल नाथवानी ने उठाया था, जिसमें उन्होंने यह जानना चाहा था कि क्या सरकार ने वैश्विक आर्थिक मंदी का MSME पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन किया है, और क्या गुजरात एवं आंध्र प्रदेश में MSME के बंद होने की कोई रिपोर्ट सामने आई है। उन्होंने यह भी पूछा कि सरकार ने इस क्षेत्र को गिरती वैश्विक मांग से उबरने में मदद करने के लिए कौन-से कदम उठाए हैं या उठाने का प्रस्ताव है।
अपने लिखित उत्तर में करंदलाजे ने बताया:
“उद्यं पंजीकरण पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार, 01 जुलाई 2020 से 15 जुलाई 2025 के बीच गुजरात में 8,779 और आंध्र प्रदेश में 2,892 MSME बंद हुए हैं। वहीं, इसी अवधि में गुजरात में 37,56,390 और आंध्र प्रदेश में 33,78,109 नए MSME पंजीकृत हुए हैं।”
मंत्री ने अपने जवाब में यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने MSME सेक्टर को समर्थन देने के लिए कई महत्वपूर्ण पहलें की हैं। इनमें क्रेडिट गारंटी योजनाएं, प्रौद्योगिकी उन्नयन, बाजार समर्थन कार्यक्रम और वित्तीय राहत पैकेज शामिल हैं, जिनका उद्देश्य कोविड-19 महामारी और वैश्विक मंदी के प्रभाव को कम करना है।
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