बनासकांठा (गुजरात): मई महीने में गुजरात के थराड़ तालुका के 23 वर्षीय हरेश चौधरी और 18 वर्षीय चंद्रिका चौधरी ने परिजनों की मर्जी के खिलाफ जाकर लिव-इन रिलेशनशिप में रहने का फैसला किया। कानूनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दोनों ने अहमदाबाद में लिव-इन एग्रीमेंट साइन किया और फिर मध्यप्रदेश होते हुए राजस्थान चले गए।
लेकिन 12 जून को, तीन पुलिसकर्मी और चंद्रिका का एक रिश्तेदार उन्हें राजस्थान के एक होटल से ढूंढ निकाला। वहां से चंद्रिका को उसके चाचा को सौंप दिया गया, जबकि हरेश को एक पुराने शराबबंदी कानून (Prohibition Act) के केस में गिरफ्तार कर लिया गया।
जेल से छूटने के बाद हरेश ने चंद्रिका को खोजने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने गुजरात हाई कोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दायर की, जिसमें मांग की गई थी कि लड़की को अदालत में पेश किया जाए। लेकिन सुनवाई से दो दिन पहले, 25 जून को उन्हें पता चला कि चंद्रिका की मौत हो चुकी है।
पुलिस जांच में जुटी
बनासकांठा के एसपी अक्षयराज माकवाना के अनुसार, चंद्रिका की मौत के मामले में जांच शुरू कर दी गई है। एसपी माकवाना ने कहा, “परिजनों का दावा है कि सुबह जब वे उठे तो लड़की मृत पाई गई और यह प्राकृतिक मौत थी। अंतिम संस्कार गांव वालों की मौजूदगी में कर दिया गया।”
हालांकि, हरेश का आरोप है कि चंद्रिका की हत्या उसके परिजनों ने की क्योंकि वे इस रिश्ते के खिलाफ थे। 26 जून को हरेश ने मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, डीजीपी, राज्य मानवाधिकार आयोग और राज्य महिला आयोग को पत्र लिखकर न्याय की मांग की थी। शुरूआत में एक जूनियर अधिकारी ने जांच की थी, लेकिन परिणाम संतोषजनक न होने पर 31 जुलाई को जांच को सीनियर अधिकारी को सौंपा गया।
अब यह जांच डांटा डिवीजन की एएसपी सुमन नाला की अगुवाई में चल रही है।
बड़ी चुनौती: मौत का कारण पता नहीं
जांच टीम के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि चंद्रिका की मौत का सटीक कारण पता लगाना फिलहाल संभव नहीं है, क्योंकि परिजनों ने पुलिस को सूचित किए बिना उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
एएसपी नाला ने शुक्रवार को मृतका के परिजनों से पूछताछ की और मामले की जांच शुरू की। टीम अभी भी मामले की तह तक पहुंचने के लिए काम कर रही है।
पुलिस पर भी लगे सवाल
हरेश ने अपनी शिकायत में थराड़ पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके मुताबिक, चंद्रिका को जब थराड़ पुलिस स्टेशन लाया गया तो उसने अपने घर जाने से इनकार किया था, लेकिन पुलिस ने उसे धमकी देकर परिजनों को सौंप दिया।
हरेश के अनुसार, 17 जून को जेल में रहने के दौरान चंद्रिका ने इंस्टाग्राम पर दो मैसेज भेजे थे, जिसमें उसने अपनी जान को खतरा बताया था और जबरन शादी कराए जाने की आशंका जताई थी। जेल से बाहर आने पर हरेश ने ये मैसेज पढ़े।
27 जून को हाईकोर्ट में जब उनकी याचिका पर सुनवाई हुई, तब अदालत को लड़की की मृत्यु प्रमाण-पत्र दिखाया गया, जिसके बाद न्यायमूर्ति वैभवी नानावटी की बेंच ने याचिका खारिज कर दी।
एसपी माकवाना ने स्वीकार किया कि अब चंद्रिका की मौत का कारण जानना बेहद कठिन है। उन्होंने कहा, “परिवार का कहना है कि उसे दिल का दौरा पड़ा था। अगर पुलिस को जानकारी दी गई होती, तो हम ‘Accidental Death Report’ दर्ज कर जांच करते।”
हालांकि एसपी ने भरोसा दिलाया कि एएसपी नाला की टीम सभी संभावनाओं की गहराई से जांच करेगी।
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