अहमदाबाद: गुजरात ने नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) के क्षेत्र में देशभर में पहला स्थान हासिल किया है। राज्य में 31 जुलाई 2025 तक कुल 38,219.18 मेगावाट की स्थापित क्षमता दर्ज की गई है। इसमें सबसे बड़ा योगदान सौर ऊर्जा का है, जिसकी क्षमता 21,904.55 मेगावाट है। इसके बाद पवन ऊर्जा का स्थान है, जिसकी क्षमता 14,081.48 मेगावाट है। शेष क्षमता बड़े और छोटे पावर प्रोजेक्ट्स तथा बायो-पावर से आई है।
इसके साथ ही गुजरात में भविष्य में 2,20,504.51 मेगावाट और नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की संभावना है। इसमें सबसे अधिक क्षमता पवन ऊर्जा से है, जो 1,80,790 मेगावाट आंकी गई है, जबकि सौर ऊर्जा से 35,770 मेगावाट की क्षमता संभावित है। यह जानकारी राज्यसभा में प्रश्नोत्तर के दौरान केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा तथा विद्युत राज्य मंत्री श्रीपाद येसो नाइक ने राज्यसभा सांसद परिमल नथवानी के सवाल के जवाब में दी।
भारत की कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता
केंद्रीय मंत्री के अनुसार, देश की कुल स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 31 जुलाई 2025 तक 2,37,491.08 मेगावाट रही। पिछले तीन वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के मामले में गुजरात देश में दूसरे स्थान पर रहा। गुजरात ने 2022-23 में 35,895.77 मिलियन यूनिट (MUs), 2023-24 में 43,039.55 MUs और 2024-25 में 52,002.50 MUs नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन किया। वहीं, 2024-25 में पूरे भारत में कुल नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन 4,03,643.17 MUs रहा।
2030 के लक्ष्य से पहले ही उपलब्धि
मंत्री ने बताया कि भारत ने अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (Nationally Determined Contribution – NDC) के तहत 2030 तक 50% विद्युत उत्पादन क्षमता गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित स्रोतों से हासिल करने का संकल्प लिया था। यह लक्ष्य भारत ने जून 2025 में ही हासिल कर लिया, यानी निर्धारित समय से पूरे पांच साल पहले।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री द्वारा COP26 में की गई घोषणा के अनुरूप मंत्रालय 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित स्रोतों से 500 गीगावाट बिजली उत्पादन क्षमता हासिल करने की दिशा में कार्य कर रहा है। 31 जुलाई 2025 तक देश में 246.28 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित क्षमता स्थापित की जा चुकी है।
नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में विदेशी निवेश
नाइक ने एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) और इन्वेस्ट इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, 01 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2025 के बीच नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में लगभग 12,674 मिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आया है। इसमें सबसे अधिक निवेश सौर ऊर्जा क्षेत्र में हुआ है। वहीं, इस अवधि में देश के पश्चिमी क्षेत्र ने एफडीआई का सबसे बड़ा हिस्सा प्राप्त किया है।
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