जूनागढ़: गुजरात के तीन विधायकों को पश्चिमी अफ्रीका के कांगो (DRC) से धमकी भरी कॉल मिलने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने कहा कि एक भारतीय नागरिक, जो वहां होटल मैनेजर का काम करता है, पर इन विधायकों से रंगदारी मांगने का संदेह है।
जूनागढ़ के विधायक संजय कोराडिया की शिकायत के बाद पुलिस ने शुक्रवार को दो कथित साथियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि मुख्य आरोपी समीर गलीफ रिंगब्लोक अभी भी भारत से बाहर फरार है।
जूनागढ़ ‘बी’ डिवीजन पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR के आधार पर, जूनागढ़ पुलिस ने गिर-सोमनाथ निवासी इमरान उर्फ जॉन नूरमोहम्मद सिमारी और अहमदाबाद के रोनक राजू ठाकोर को सह-आरोपी के तौर पर गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी रिंगब्लोक मूल रूप से गिर-सोमनाथ के तलाल का रहने वाला है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, रिंगब्लोक ने जूनागढ़ के विधायक कोराडिया के अलावा राजकोट और अहमदाबाद के दो अन्य विधायकों से भी वसूली का प्रयास किया था। हालांकि, पुलिस ने कहा कि अन्य दो विधायकों ने आधिकारिक तौर पर शिकायत दर्ज नहीं कराई है। स्थानीय अधिकारी इन कॉल्स की भी समानांतर जांच कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
एफआईआर के मुताबिक, विधायक संजय कोराडिया को 26 अक्टूबर को उनके व्हाट्सएप नंबर पर पहली कॉल आई थी। आरोप है कि कॉल करने वाले ने पहले उन्हें गाली दी और फिर 30 लाख रुपये की मांग की, जिसके बाद कोराडिया ने नंबर ब्लॉक कर दिया।
इसके बाद, 28 अक्टूबर को उन्हें एक दूसरे नंबर से फिर धमकी भरी कॉल और कई मैसेज आए। इसमें पैसे न देने पर उनके परिवार के सदस्यों को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी गई। कॉल करने वाले ने कथित तौर पर यह भी कहा कि “गुजरात में उसके कई आदमी हैं” और गुजरात पुलिस “उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती”।
आरोपी ने विधायक कोराडिया को अहमदाबाद के रोनक राजू ठाकोर का भारतीय फोन नंबर दिया और उसे अंगड़िया के जरिए पैसे भेजने को कहा। पुलिस ने रोनक ठाकोर, अनाम कॉलर और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ बीएनएस की धाराओं (जबरन वसूली, आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया है।
पुलिस ने दो को दबोचा
जूनागढ़ पुलिस ने जांच करते हुए पहले रोनक ठाकोर और उसके जरिए इमरान सिमारी को ढूंढ निकाला। डीएसपी हितेश धांधलिया ने कहा कि ये दोनों केवल वसूली की रकम इकट्ठा करने के काम में शामिल थे, जबकि रिंगब्लोक ही इस पूरे रैकेट का “मुख्य मास्टरमाइंड” है। पीआई ए बी गोहिल ने पुष्टि की कि रिंगब्लोक ने पैसे न मिलने पर कोराडिया के परिवार के सदस्यों को “जान से मारने” की धमकी दी थी।
डीएसपी धांधलिया ने रिंगब्लोक के बारे में और जानकारी देते हुए कहा, “रिंगब्लोक पर कई साल पहले मारपीट का एक मामला दर्ज हुआ था, लेकिन वह करीब सात साल से कांगो में है। वह वहां मोरबी के एक व्यापारी के होटल में काम करता है। वह बीच-बीच में भारत आता रहता है और हम उसे पकड़ने के रास्ते तलाश रहे हैं।”
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