बेंगलुरु/अहमदाबाद: गुजरात की 30 वर्षीय एक महिला को बेंगलुरु के कई स्कूलों में बम होने की झूठी धमकी वाले ईमेल भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार, महिला ने यह कदम निजी बदले की भावना से उठाया था। इस हरकत ने शहर भर के अभिभावकों, छात्रों और स्कूल स्टाफ के बीच भारी दहशत फैला दी थी।
ठुकराए जाने का बदला लेने के लिए फंसाया
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी महिला एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, जिसकी पहचान रेने जोशीदा (Rene Joshida) के रूप में हुई है। उसने यह पूरी साजिश केवल एक व्यक्ति को आपराधिक मामले में फंसाने के लिए रची थी, जिसने उसके प्यार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। जोशीदा ने बेंगलुरु के सात स्कूलों को धमकी भरे ईमेल भेजे, इस उम्मीद में कि जांच के दौरान डिजिटल सबूत उस व्यक्ति की ओर इशारा करेंगे और वह फंस जाएगा।
पहचान छुपाने के लिए हाई-टेक तरीका अपनाया
पुलिस ने बताया कि रेने ने अपनी पहचान और लोकेशन छिपाने के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का इस्तेमाल किया। यही नहीं, उसने ‘गेट कोड’ (Gate Code) नामक मोबाइल एप्लिकेशन का सहारा लिया, जिससे फर्जी नंबर जेनरेट किए जा सके। इन फर्जी नंबरों से उसने सात अलग-अलग व्हाट्सएप अकाउंट बनाए ताकि वह गुमनाम रहकर अपनी योजना को अंजाम दे सके।
पहले भी जा चुकी है जेल
धमकी मिलने के बाद पुलिस ने स्कूलों के परिसरों में व्यापक तलाशी अभियान चलाया था। हालांकि, कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली, लेकिन एहतियात के तौर पर स्कूलों को कुछ समय के लिए बंद करना पड़ा था। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि आरोपी महिला आदतन अपराधी है; उसे पहले भी इसी तरह की बम धमकी के मामले में चेन्नई पुलिस ने गिरफ्तार किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, उस पर तमिलनाडु और गुजरात सहित अन्य राज्यों में भी आपराधिक मामले दर्ज हैं।
एडवांस फॉरेंसिक टूल्स से खुला राज
नॉर्थ डीसीपी बाबासाहेब नेमागौड़ा ने मामले की जानकारी देते हुए कहा, “ईमेल अलर्ट मिलते ही जांच शुरू कर दी गई थी। हमने एडवांस फॉरेंसिक टूल्स का उपयोग करके डिजिटल फुटप्रिंट्स का पता लगाया। भले ही उसने वीपीएन और वर्चुअल आईडी का इस्तेमाल किया, लेकिन हमारी टीम आईपी (IP) विसंगतियों के जरिए उसकी पहचान करने में सफल रही।”
उन्होंने बताया कि आरोपी को तीन दिनों की पुलिस हिरासत में लिया गया था और 31 अक्टूबर को गुजरात कोर्ट में पेश किया गया। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या कर्नाटक में पहले हुई इसी तरह की अन्य घटनाओं से भी उसका कोई संबंध है।
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