सूरत में शिक्षा के अधिकार (RTE) के तहत प्रवेश पाने वाले छात्रों के साथ भेदभाव का एक गंभीर मामला सामने आया है। सूरत जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने गुरुवार को शहर के सात निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें नोटिस जारी किया और जुर्माना लगाया है। इन स्कूलों पर आरोप है कि उन्होंने आरटीई छात्रों और सामान्य छात्रों के बीच भेदभाव को बढ़ावा दिया।
क्या है पूरा मामला?
अभिभावकों की ओर से यह आरोप लगाया गया कि कुछ स्कूलों ने आरटीई के तहत एडमिशन लेने वाले बच्चों के लिए अलग व्हाट्सएप ग्रुप बना रखा था, जबकि रेगुलर फीस देकर आने वाले छात्रों का व्हाट्सएप ग्रुप अलग था।
सूत्रों के मुताबिक, अभिभावकों की शिकायतें सिर्फ व्हाट्सएप ग्रुप तक ही सीमित नहीं थीं। शिकायतों में कहा गया है कि स्कूल प्रशासन ने अभिभावकों पर स्कूल से ही महंगी स्टेशनरी और यूनिफॉर्म खरीदने का दबाव बनाया। इसके अलावा, आरटीई छात्रों को अलग कक्षाओं में बैठाने की बात भी सामने आई है। इन परेशान अभिभावकों ने अपनी शिकायतें ‘मुख्यमंत्री जन संवाद पोर्टल’ पर भी दर्ज कराई थीं।
इन 7 स्कूलों पर हुई कार्रवाई
सूरत के डीईओ भागीरथसिंह परमार को कुछ दिन पहले ही अभिभावकों से शिकायतें मिली थीं। जांच के दायरे में आए और जुर्माना भरने वाले स्कूलों के नाम इस प्रकार हैं:
- एलपी सवानी एकेडमी (LP Savani Academy)
- रयान इंटरनेशनल स्कूल (Rayan International School)
- ज्ञान गंगा विद्यालय (Gyan Ganga Vidhyalay)
- माधवबाग विद्याभवन (Madhavbaag Vidhyabhavan)
- आशादीप विद्यालय (Ashadeep Vidhyalay)
- ब्रॉडवे इंटरनेशनल स्कूल (Broadway International School)
- के7 इंटरनेशनल स्कूल (K7 International School)
ये सभी स्कूल सूरत शहर में स्थित हैं। जब इस मुद्दे पर एलपी सवानी स्कूल के अधिकारियों से संपर्क किया गया, तो उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वहीं, अन्य स्कूलों ने भी कई बार संपर्क करने के बावजूद कोई जवाब नहीं दिया।
जुर्माना और चेतावनी
सूरत डीईओ ने गुरुवार को कार्रवाई करते हुए इन सातों स्कूलों पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। शिकायतें मिलने के बाद, शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने व्यक्तिगत रूप से छात्रों से संपर्क किया, उनकी समस्याएं सुनीं और वास्तविक स्थिति को समझने के लिए संबंधित स्कूल अधिकारियों से बात की।
क्या कहा शिक्षा अधिकारी ने?
मामले पर बात करते हुए डीईओ परमार ने बताया, “ये सातों स्कूल शहर के प्रतिष्ठित स्कूल हैं और यहां सीबीएसई पाठ्यक्रम चलता है। आमतौर पर नया शैक्षणिक सत्र अप्रैल में शुरू हो जाता है, लेकिन आरटीई प्रवेश हर साल जून या जुलाई में होते हैं। पाठ्यक्रम को समय पर पूरा करने के लिए स्कूल प्रबंधन ने आरटीई छात्रों के लिए अलग कक्षाएं लगाई थीं ताकि उनका छूटा हुआ सिलेबस पूरा कराया जा सके।”
व्हाट्सएप ग्रुप के मुद्दे पर उन्होंने स्पष्ट किया कि नियमित प्रवेश वाले छात्रों का ग्रुप पहले से बना हुआ था। चूंकि आरटीई छात्रों का प्रवेश देर से हुआ, इसलिए उनके लिए एक नया ग्रुप बनाया गया था, जिसके माध्यम से शिक्षक प्रोग्रेस रिपोर्ट और आवश्यक निर्देश अभिभावकों तक पहुंचाते हैं।
हालांकि, डीईओ ने कड़े शब्दों में कहा, “हमने इन स्कूलों पर जुर्माना लगाया है और उन्हें सख्त चेतावनी दी है कि भविष्य में इस तरह की गलती नहीं दोहराई जानी चाहिए। यदि दोबारा ऐसा पाया गया, तो और भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
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