एक डॉक्टर का काम लोगों की जान बचाना होता है, लेकिन जब वही डॉक्टर जान लेने की साजिश का हिस्सा बन जाए, तो सवाल उठना लाजिमी है। 46 वर्षीय शाहीन सईद की कहानी कुछ ऐसी ही है। दो असफल शादियां, एक नई मोहब्बत और फिर धीरे-धीरे आतंकवाद के दलदल में धंसना—यह कहानी है दिल्ली के लाल किले के पास हुए 10/11 धमाके की मुख्य आरोपी डॉ. शाहीन सईद की।
सूत्रों के मुताबिक, फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में शाहीन की मुलाकात कश्मीरी डॉक्टर मुजामिल शकील से हुई, जो वहां उनका जूनियर था। जांच एजेंसियों का मानना है कि सितंबर 2023 में मुजामिल से हुई शादी ही वह पड़ाव था, जिसने शाहीन को आतंकवाद की दुनिया से रूबरू करवाया।
लखनऊ से दिल्ली तक का सफर
लखनऊ के घनी आबादी वाले डालीगंज इलाके में पली-बढ़ीं शाहीन पढ़ाई में काफी होशियार थीं। उन्होंने इलाहाबाद से एमबीबीएस (MBBS) की डिग्री हासिल की और बाद में फार्माकोलॉजी में स्पेशलाइजेशन किया। उनके पिता, सैयद अहमद अंसारी, एक सरकारी कर्मचारी हैं और उनका परिवार इलाके में एक शिक्षित और सम्मानित परिवार माना जाता है।
10 साल तक चला पहला रिश्ता
शाहीन की पहली शादी नवंबर 2003 में नेत्र रोग विशेषज्ञ (Ophthalmologist) डॉ. जफर हयात से हुई थी। इस शादी से उनके दो बच्चे भी हुए। हालांकि, यह रिश्ता लंबे समय तक नहीं चल सका और 2012 के अंत में दोनों का तलाक हो गया।
डॉ. हयात ने एक इंटरव्यू में बताया, “हम दोनों अलग-अलग मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे और मैं उनका सीनियर था। हमारे बीच कभी कोई झगड़ा या विवाद नहीं हुआ। वह बहुत ही प्यार करने वाली इंसान थीं और अपने बच्चों से बेहद लगाव रखती थीं। मुझे कभी आभास नहीं हुआ कि वह ऐसी गतिविधियों में शामिल हो सकती हैं। वह अपने परिवार के प्रति समर्पित थीं।”
डॉ. हयात ने याद करते हुए बताया कि शादी के दिन को छोड़कर शाहीन ने कभी बुर्का नहीं पहना। उनके मुताबिक, तलाक की मुख्य वजह करियर का तनाव और शाहीन की विदेश बसने की इच्छा थी।
हयात ने कहा, “एक बार उन्होंने सुझाव दिया कि हमें बेहतर वेतन और जीवन के लिए ऑस्ट्रेलिया या यूरोप में बस जाना चाहिए। लेकिन मैंने कहा कि हम यहां अच्छी जिंदगी जी रहे हैं, हमारे पास अच्छी नौकरियां हैं और बच्चे भी खुश हैं। हमारे रिश्तेदार सब यहीं हैं, वहां हम अकेले पड़ जाएंगे।”
तलाक का गहरा सदमा और दूसरा विवाह
तलाक ने शाहीन को काफी प्रभावित किया और वह अकेलेपन का शिकार हो गईं। उन्होंने अचानक गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल (GSVM) मेडिकल कॉलेज जाना बंद कर दिया, जहां वह पढ़ाती थीं। कॉलेज प्रशासन को बिना कोई नोटिस दिए उन्होंने आना छोड़ दिया।
सूत्रों के मुताबिक, शाहीन अगले आठ साल तक किसी के संपर्क में नहीं रहीं और 2021 में उनकी नौकरी भी खत्म हो गई। इसके बाद उन्होंने गाजियाबाद के एक कपड़ा व्यापारी से दूसरी शादी की, लेकिन अफसोस कि यह रिश्ता भी ज्यादा दिन नहीं टिक सका।
मुजामिल की एंट्री और कट्टरपंथ की शुरुआत
शाहीन के जीवन में मुजामिल शकील की एंट्री तब हुई जब वह हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में थे। मुजामिल वहां शाहीन का जूनियर था। कॉलेज में साथ काम करने और एक ही पेशे में होने के कारण दोनों करीब आ गए।
पूछताछ के दौरान शकील ने खुलासा किया कि उन्होंने सितंबर 2023 में यूनिवर्सिटी के पास स्थित एक मस्जिद में निकाह किया था। मुजामिल ने मेहर के तौर पर करीब 6,000 रुपये दिए थे।
एक साथ रहने के दौरान ही शाहीन की मुलाकात कुछ छात्र समूहों से हुई और उन्होंने धार्मिक गतिविधियों में भाग लेना शुरू कर दिया। इन्ही मुलाकातों के दौरान जैश-ए-मोहम्मद (JeM) की महिला विंग ‘जमात-उल-मोमिनात’ के सदस्यों ने उनसे संपर्क किया। जांच एजेंसियों के अनुसार, यहीं से शाहीन को कट्टरपंथ और आतंकवादी विचारधारा की ट्रेनिंग मिलनी शुरू हुई।
अपनी डॉक्टर की पहचान का फायदा उठाते हुए, शाहीन ने जम्मू-कश्मीर, दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा के बीच यात्राएं शुरू कर दीं। वह फंड ट्रांसफर करने और संदेश पहुंचाने में मदद करने लगीं। आरोप है कि शाहीन को जमात-उल-मोमिनात की भारत शाखा की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिसका संचालन पाकिस्तान से मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर करती है।
परिवार को अब भी यकीन नहीं
शाहीन के बड़े भाई, मोहम्मद शोएब, पिछले चार साल से उनके संपर्क में नहीं थे। उन्होंने कहा, “जब वह डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही थीं, तब भी कभी ऐसा कोई संकेत नहीं मिला कि वह किसी संदिग्ध गतिविधि में शामिल हो सकती हैं। मुझे अभी भी इन आरोपों पर विश्वास नहीं हो रहा है।”
शाहीन के पिता सैयद अहमद अंसारी भी गहरे सदमे में हैं। उन्होंने मीडिया से कहा, “मैं मान ही नहीं सकता कि मेरी बेटी ऐसी गतिविधियों में शामिल थी।”
जांच और गिरफ्तारियां
21 नवंबर को मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि शाहीन 5 “टेरर डॉक्टर्स” (आतंकी डॉक्टरों) की टीम बनाने की प्रभारी थीं।
दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच में शाहीन सईद और उनके दो साथियों—मुजामिल शकील और अदील अहमद राथर—को गिरफ्तार किया गया है। लाल किले के पास हुए इस धमाके में एक धीमी गति से चल रही हुंडई i20 कार का इस्तेमाल किया गया था, जिसे सुसाइड बॉम्बर उमर मोहम्मद (उर्फ उमर उन नबी) चला रहा था।
इस दर्दनाक हादसे में कम से कम 15 लोगों की जान गई थी और कई अन्य घायल हुए थे। सुसाइड बॉम्बर उमर भी अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ एक कश्मीरी डॉक्टर था।
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