कनाडा/अमेरिका: सोशल मीडिया पर कनाडा के एक कथित अमेज़न (Amazon) वेयरहाउस का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। क्रिसमस पार्टी के दौरान रिकॉर्ड किए गए इस वीडियो ने रोजगार और हायरिंग प्रक्रिया को लेकर एक नई और गंभीर बहस छेड़ दी है। वीडियो बनाने वाले शख्स का दावा है कि वेयरहाउस में मौजूद लगभग सभी लोग—चाहे वो वर्कर्स हों, टेक्नीशियन या मैनेजर—एक ही बैकग्राउंड यानी भारतीय मूल के लग रहे हैं।
क्या है वायरल वीडियो में?
वीडियो में एक विशाल कैफेटेरिया जैसा क्षेत्र दिखाई दे रहा है, जहां लोग खाना खा रहे हैं और उत्सव मना रहे हैं। वहां एक व्यक्ति संता क्लॉज की ड्रेस में भी नजर आ रहा है। वीडियो के बैकग्राउंड में एक शख्स (वॉयसओवर) कह रहा है, “यह वीडियो कनाडा के एक विशाल अमेज़न वेयरहाउस का है। लोग नोटिस कर रहे हैं कि यहां लगभग हर कोई—कर्मचारी, तकनीशियन और यहां तक कि मैनेजर भी—एक ही पृष्ठभूमि से हैं।”
हालांकि, वीडियो बनाने वाले ने स्पष्ट किया कि उसका मकसद वहां काम करने वाले लोगों की आलोचना करना नहीं है। उसने कहा, “मैं बिल्कुल स्पष्ट कर दूं, यह श्रमिकों की आलोचना नहीं है। हर कोई नौकरी का हकदार है। लेकिन कनाडाई लोग यह पूछ रहे हैं कि हजारों नौकरियों वाला इतना बड़ा कार्यस्थल ऐसा कैसे हो गया कि वहां सिर्फ एक ही समूह का वर्चस्व दिखाई दे रहा है?”
हायरिंग सिस्टम पर उठाए सवाल
वीडियो में शख्स ने मौजूदा हायरिंग सिस्टम पर सवालिया निशान लगाए हैं। उसने कहा, “कई कनाडाई कहते हैं कि वे नॉन-स्टॉप आवेदन कर रहे हैं: ऑनलाइन आवेदन, अलग-अलग लोकेशन्स पर दोबारा आवेदन, फिर भी उन्हें कॉल वापस नहीं आती। इसलिए असली सवाल ‘रेस’ (नस्ल) के बारे में नहीं है; यह हायरिंग सिस्टम के बारे में है। क्या यह रेफरल चेन है? क्या मैनेजर्स अपने ही नेटवर्क से लोगों को काम पर रख रहे हैं?”
उसने आगे सवाल उठाया कि चर्चा हमेशा टिम हॉर्टन्स (Tim Hortons) जैसी कम वेतन वाली नौकरियों के बारे में क्यों होती है, और इस बारे में क्यों नहीं कि अमेज़न जैसी ज्यादा वेतन देने वाली बड़ी कॉरपोरेट कंपनियां कनाडाई लोगों को काम पर क्यों नहीं रख रही हैं?
अमेरिका में भी भारतीयों को बनाया जा रहा निशाना
यह वीडियो ऐसे संवेदनशील समय में सामने आया है जब अमेरिका में भी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स द्वारा भारतीयों को निशाना बनाया जा रहा है। भारतीयों की टारगेटिंग अब कई स्तरों पर हो रही है—जहां एक तरफ आईटी पेशेवरों पर अमेरिकियों की नौकरियां चुराने का आरोप लगाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ भारतीय मूल के हाई-प्रोफाइल लोगों को भी नहीं बख्शा जा रहा।
भारतीय मूल के राजनेता विवेक रामास्वामी और यहां तक कि अमेरिका की ‘सेकंड लेडी’ ऊषा वेंस को भी उनके भारतीय मूल के कारण सार्वजनिक रूप से अपमानजनक टिप्पणियों का सामना करना पड़ रहा है।
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
कथित अमेज़न वीडियो के वायरल होने के बाद इंटरनेट पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोगों ने कमेंट किया कि अब हर जगह यही स्थिति देखने को मिल रही है। वहीं, कुछ यूजर्स ने जवाबी तर्क देते हुए कहा कि “सिर्फ भारतीय ही हैं जो क्रिसमस के दौरान भी काम करते हैं,” जबकि कुछ ने यह भी बताया कि कनाडाई लोग वेयरहाउस की इन नौकरियों के लिए आवेदन ही नहीं करते हैं।
(नोट: इस वीडियो की प्रमाणिकता की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन इसने प्रवासी रोजगार और स्थानीय हायरिंग को लेकर एक बड़ी चर्चा को जन्म दे दिया है।)
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