अहमदाबाद: आम आदमी पार्टी (AAP) के गुजरात इकाई के कई वरिष्ठ नेताओं ने रविवार को “निराशा” का हवाला देते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया। इनमें राज्य सचिव सूर्यसिंह डाभी, अहमदाबाद शहर अध्यक्ष ओम प्रकाश तिवारी सहित 500 से अधिक कार्यकर्ता शामिल हैं। यह शामिलीकरण कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय राजीव गांधी भवन (अहमदाबाद) में हुआ।
नए सदस्यों का स्वागत अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के महासचिव एवं गुजरात प्रभारी मुकुल वासनिक, गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी (GPCC) अध्यक्ष अमित चावड़ा और विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता तुषार चौधरी समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने किया।
जहां कांग्रेस नेताओं ने नए साथियों को “सम्मान बनाए रखने” का भरोसा दिलाया, वहीं AAP गुजरात अध्यक्ष इसुदान गढवी ने इस कदम को “कुछ नेताओं की असुरक्षा की भावना” बताया।
गढवी ने मीडिया से बातचीत में कहा— “1 से 6 अगस्त के बीच आयोजित 200 से अधिक जनसभाओं में 5,000 से ज्यादा भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ता AAP में शामिल हुए। इन सभाओं में एक लाख से अधिक लोगों की मौजूदगी रही। पार्टी लगातार मजबूत हो रही है और गुजरात में अगली सरकार AAP की होगी। जल्द ही कांग्रेस के पूर्व विधायक भी हमारे साथ आएंगे। इतने बड़े पैमाने पर कांग्रेस और भाजपा से नेता हमारे साथ जुड़ रहे हैं, जिससे कुछ लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और पार्टी छोड़ रहे हैं। आने वाले समय में और भी लोग AAP से जुड़ेंगे।”
रविवार को कांग्रेस में शामिल होने वालों में कांति जी ठाकोर (AAP प्रत्याशी, कालोल विधानसभा), रामभाई यादव (राज्य संयुक्त सचिव), राजेशभाई भट्ट (जिला सचिव, गांधीनगर), नरेंद्रसिंह डाभी (जिला सचिव), नत्वरसिंह डाभी (वार्ड अध्यक्ष), प्रवीनभाई ससला (अहमदाबाद शहर सचिव) और अशोकभाई यादव (अहमदाबाद शहर लीगल चेयरमैन) शामिल रहे।
गुजरात कांग्रेस ने बयान जारी कर कहा कि AAP केवल “विरोधी मतों को बांटकर भाजपा की मदद करने का काम कर रही थी। दिल्ली से आए AAP नेता केवल भाजपा के समर्थन में आदेश दे रहे थे। अंततः यह समझने के बाद कि भाजपा के तानाशाही शासन को चुनौती देने और जनहित की राजनीति करने में सिर्फ कांग्रेस ही सक्षम है, इन नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस का दामन थामा। हम कांग्रेस की विचारधारा को जनता तक ले जाएंगे।”
कार्यक्रम में मुकुल वासनिक ने कहा कि भाजपा की नीतियों से गरीब और मध्यम वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा, “गरीब और गरीब होते जा रहे हैं, जबकि अमीर और अमीर। महंगाई और बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। कांग्रेस की विचारधारा हमेशा सबको साथ लेकर चलने की रही है। आजादी की लड़ाई से लेकर अब तक कांग्रेस ने जनता के अधिकारों की लड़ाई लड़ी है।”
GPCC अध्यक्ष अमित चावड़ा ने कहा कि भाजपा सरकार की “जनविरोधी नीतियों से लोग भारी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। कांग्रेस सकारात्मक एजेंडे के साथ आगे बढ़ रही है। लगातार राजनीतिक और गैर-राजनीतिक, दोनों तरह के नेता और कार्यकर्ता कांग्रेस से जुड़ रहे हैं। हम सभी नए साथियों का स्वागत करते हैं और भरोसा दिलाते हैं कि उनका सम्मान सुरक्षित रहेगा। लोकतंत्र को बचाने और संविधान की रक्षा के लिए हमें मिलकर भाजपा की विभाजनकारी राजनीति का मुकाबला करना होगा।”
विपक्ष के नेता तुषार चौधरी ने कहा कि कांग्रेस में “तानाशाही नहीं, बल्कि लोकतंत्र” है। उन्होंने दावा किया कि विभिन्न दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं के जुड़ने से कांग्रेस और अधिक मजबूत होगी।
गौरतलब है कि जुलाई में गुजरात दौरे के दौरान AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने साफ किया था कि कांग्रेस से पार्टी का अब कोई ताल्लुक नहीं है। उन्होंने कहा था कि INDIA गठबंधन केवल 2024 लोकसभा चुनाव तक सीमित है और 2027 गुजरात विधानसभा चुनाव AAP अपने दम पर लड़ेगी।
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