नई दिल्ली – अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (APSEZ) ने वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी की मजबूत राजस्व वृद्धि और लॉजिस्टिक्स व मरीन जैसे प्रमुख कारोबार क्षेत्रों में मार्जिन में सुधार ने देश-विदेश की बड़ी ब्रोकरेज कंपनियों को आकर्षित किया है। गोल्डमैन सैक्स, HSBC, कोटक और जेफ़रीज़ जैसी प्रमुख संस्थाओं ने कंपनी पर विश्वास जताते हुए इसे ‘BUY’ रेटिंग दी है।
इस तिमाही में एक और बड़ा बदलाव यह रहा कि गौतम अडानी ने कार्यकारी अध्यक्ष (Executive Chairman) के पद से हटते हुए अब नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन की भूमिका निभाने की घोषणा की है। इसके साथ ही वे अब कंपनी के Key Managerial Personnel (KMP) नहीं रहेंगे।
Q1 FY25: प्रदर्शन पर नजर
जेफ़रीज़ की रिपोर्ट के मुताबिक, Q1 में कंपनी का EBITDA अनुमान से 14% अधिक रहा, जिसका श्रेय डोमेस्टिक पोर्ट्स में मार्जिन सुधार और लॉजिस्टिक्स व मरीन सेगमेंट में 2.0 से 2.9 गुना राजस्व वृद्धि को जाता है।
कंपनी ने वित्त वर्ष 2026 के लिए वॉल्यूम गाइडेंस 505-515 मिलियन टन रखा है, जो कि 12-14% वार्षिक वृद्धि को दर्शाता है। साथ ही, प्रबंधन ने दोहराया कि कंपनी अब केवल वॉल्यूम ग्रोथ नहीं, बल्कि एंड-टू-एंड सॉल्यूशंस देने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
HSBC और गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
HSBC ने कहा, “नए एसेट्स की तेज़ रफ्तार से शुरुआत और इंटरनेशनल पोर्ट व लॉजिस्टिक्स में मार्जिन में सुधार कंपनी की कमाई की स्थिरता को दर्शाता है।”
वहीं गोल्डमैन सैक्स ने भी सकारात्मक रुख दिखाते हुए कहा कि टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितता के बावजूद, APSEZ के मजबूत पोर्ट पोर्टफोलियो के चलते कंपनी को मार्केट शेयर बढ़ाने में मदद मिलेगी — विशेषकर विझिंजम, कोलंबो और तंज़ानिया के बंदरगाहों की रैंप-अप से।
गोल्डमैन के अनुसार, गंगावरम पोर्ट के वॉल्यूम की वापसी भी वॉल्यूम ग्रोथ (12.5%) में सहायक होगी।
व्यापारिक प्रदर्शन और आंकड़े
- Q1 राजस्व: ₹9,126 करोड़ (21% सालाना वृद्धि)
- Q1 शुद्ध मुनाफा: ₹3,314.6 करोड़ (6.5% सालाना वृद्धि)
- EBITDA: ₹5,494 करोड़ (13% सालाना वृद्धि)
- EBITDA मार्जिन: 60.2% (पिछले वर्ष 64.1% था)
लॉजिस्टिक्स और मरीन बिजनेस बना ग्रोथ का इंजन
ल्डमैन सैक्स के विश्लेषकों के अनुसार, इस तिमाही में लॉजिस्टिक्स और मरीन सेगमेंट ने सबसे अधिक योगदान दिया। कंपनी ने विझिंजम और गोपालपुर जैसे नए एसेट्स की शुरुआत से मुंद्रा पोर्ट की कमजोरी की भरपाई की, जो कि भूराजनीतिक प्रतिबंधों और कोयले की मांग में कमी के कारण प्रभावित हुआ।
भविष्य की दिशा: FY26 का दृष्टिकोण
- राजस्व गाइडेंस (FY26): ₹36,000 – ₹38,000 करोड़
- EBITDA अनुमान: ₹21,000 – ₹22,000 करोड़
- कैपेक्स अनुमान: ₹11,000 – ₹12,000 करोड़
HSBC और जेफ़रीज़ दोनों ने इस बात को सराहा कि कंपनी का इंटरनेशनल लॉजिस्टिक्स और पोर्ट सेगमेंट अब भी अच्छे रिटर्न देने की क्षमता रखता है।
कोटक ने भी बताया कि कंपनी ने 30% सालाना EBITDA ग्रोथ दर्ज की है, जबकि कोयला आयात और ट्रांसशिपमेंट से जुड़ी चुनौतियों का सामना करते हुए भी कंपनी ने मार्जिन में सुधार जारी रखा है।
दीर्घकालिक निवेश का अवसर
APSEZ ने अपने रणनीतिक दृष्टिकोण, व्यापारिक विविधता और निरंतर निवेश के ज़रिए यह संकेत दिया है कि यह कंपनी भारत के बंदरगाह, लॉजिस्टिक्स और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की रीढ़ बन सकती है।
गौतम अडानी की भूमिका में बदलाव भी इस बात की ओर इशारा करता है कि अब कंपनी की कमान प्रोफेशनल प्रबंधन के हाथों में सौंपी जा रही है, जिससे कॉरपोरेट गवर्नेंस और मज़बूत हो सकती है।









