अहमदाबाद: अडानी यूनिवर्सिटी ने शनिवार को शांतिग्राम स्थित यूनिवर्सिटी ऑडिटोरियम में अपना दूसरा दीक्षांत समारोह आयोजित किया। इस समारोह में कुल 87 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं, जिनमें तीन मेधावी पदक विजेता (medallists) भी शामिल हैं।
समारोह की अध्यक्षता अडानी यूनिवर्सिटी की प्रेसिडेंट और अडानी फाउंडेशन की चेयरपर्सन डॉ. प्रीति जी. अडानी ने की। इस अवसर पर क्वालकॉम इंडिया के प्रेसिडेंट श्री सावी एस. सोइन ने दीक्षांत भाषण दिया।
‘बेहतर निर्माण है अगले दशक की जरूरत’
अपने अध्यक्षीय संबोधन में डॉ. प्रीति अडानी ने भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास परिदृश्य में हो रहे बदलावों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आज डिजिटल परिवर्तन और स्थिरता (sustainability) राष्ट्रीय प्रगति के केंद्र में हैं।
छात्रों को संबोधित करते हुए डॉ. अडानी ने कहा, “कनेक्टिविटी और सुविधा से परे एक बड़ी जिम्मेदारी यह है कि हम ऐसी प्रणालियां बनाएं जिससे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य, सुरक्षा और अवसर मिल सकें। प्रगति को अब केवल गति या पैमाने से नहीं, बल्कि इस बात से मापा जाएगा कि हमारे नागरिक कितना अच्छा जीवन जी रहे हैं”।
उन्होंने जोर देकर कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर का अगला दशक “अधिक निर्माण (building more) के बारे में नहीं, बल्कि बेहतर निर्माण (building better) के बारे में है”।
‘आप महान सभ्यता के वारिस हैं’
डॉ. अडानी ने भारत की सभ्यतागत गहराई को प्रेरणा का स्रोत बताया। उन्होंने स्नातकों से कहा, “आप उस सभ्यता के वारिस हैं जिसने गहराई से कल्पना की, साहस के साथ निर्माण किया और नैतिकता के साथ नेतृत्व किया। इस विरासत को इतिहास के रूप में नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी के रूप में अपने करियर में आगे बढ़ाएं”।
उन्होंने छात्रों से उद्देश्य और नैतिकता में निहित नवाचार (innovation) के साथ भारत के विकास को आगे बढ़ाने का आग्रह किया।
तकनीकी नेतृत्व और इंडस्ट्री-एकेडेमिया साझेदारी
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए क्वालकॉम इंडिया के प्रेसिडेंट श्री सावी एस. सोइन ने सेमीकंडक्टर्स, एआई (AI) और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में भारत की बढ़ती रफ्तार पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे भारत इन क्षेत्रों में नेतृत्व कर रहा है, उद्योग और शिक्षा जगत (Industry and Academia) के बीच साझेदारी पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। अडानी यूनिवर्सिटी का दृष्टिकोण स्नातकों को इस बदलाव का नेतृत्व करने के लिए तैयार करता है”।
87 छात्रों को मिली डिग्रियां
समारोह में एमबीए (इन्फ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट) के 79 स्नातकों और एम.टेक (कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट) के 8 स्नातकों को डिग्रियां प्रदान की गईं। इस दौरान छात्रों के परिवार, फैकल्टी और उद्योग जगत के कई दिग्गज मौजूद रहे।
डॉ. अडानी ने यूनिवर्सिटी के नए कैंपस की योजनाओं को भी दोहराया, जो अनुसंधान और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किया गया है। गौरतलब है कि 2022 में स्थापित अडानी यूनिवर्सिटी गुजरात की पहली ऐसी यूनिवर्सिटी है जिसे ISO 21001:2018 सर्टिफिकेशन प्राप्त है।
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