अफगानिस्तान के पूर्वी हिस्से में 1 सितंबर की रात आए भूकंप ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 6.0 थी और इसका केंद्र जलालाबाद से 27 किलोमीटर पूर्व में, महज 10 किलोमीटर की उथली गहराई पर था। इस भूकंप से सबसे ज्यादा तबाही नंगरहर और कुनार प्रांत में हुई, जहाँ सैकड़ों लोग मलबे में दब गए, सैकड़ों की मौत हो गई और हजारों घायल हुए।
सोमवार को उत्तरी अफगानिस्तान में आए सबसे विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है, बचाव कार्य अभी भी जारी है और हजारों लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है। तालिबान सरकार के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि पूर्वी अफगानिस्तान में आए भीषण भूकंप में मरने वालों की संख्या 2200 से ज्यादा हो गई है।
जबीहुल्लाह मुजाहिद ने सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि 3,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। पहाड़ी इलाकों में रविवार देर रात 6.0 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जब लोग सो रहे थे। इस भूकंप ने घरों को तहस-नहस कर दिया और पूरे के पूरे गांव तहस-नहस हो गए।
‘बढ़ सकती है मरने वालों की संख्या’
अफगानिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता यूसुफ हम्माद ने बताया, “घायलों को निकाला जा रहा है, इसलिए इन आंकड़ों में काफी बदलाव हो सकता है।” उन्होंने कहा, “भूकंप के कारण कुछ क्षेत्रों में भूस्खलन हुआ, जिससे सड़कें अवरुद्ध हो गईं, लेकिन उन्हें पुनः खोल दिया गया है। बाकी सड़कों को भी फिर से खोल दिया जाएगा, ताकि उन क्षेत्रों तक पहुंच संभव हो सके, जहां पहुंचना कठिन था।”
रविवार रात को आया था भयंकर भूकंप
हालांकि, अफगान रेड क्रिसेंट सोसाइटी के एक अलग और अधिक गंभीर अनुमान के अनुसार 3,251 लोग घायल हुए हैं और 8,000 से अधिक घर नष्ट हो गए हैं। रविवार देर रात कई प्रांतों में 6.0 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे गांव तबाह हो गए और लोग मिट्टी की ईंटों और लकड़ी से बने घरों के मलबे में फंस गए, जो झटके झेल नहीं पाए। भूकंप के बाद कई झटके भी आए।
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