अहमदाबाद: शहर की सुरक्षा व्यवस्था और ट्रैफिक निगरानी आने वाले कुछ महीनों में पूरी तरह से बदलने वाली है। अहमदाबाद अपनी ‘सर्विलांस’ यानी निगरानी की क्षमता को दोगुना करने के लिए तैयार है। ‘सेफ एंड सिक्योर अहमदाबाद’ (SASA) परियोजना के दूसरे चरण के तहत शहर में 6,000 नए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
इन नए कैमरों के लगने के बाद शहर में कुल कैमरों की संख्या बढ़कर 12,200 हो जाएगी। इसका सीधा असर यह होगा कि शहर में निगरानी का घनत्व (density) मौजूदा 13 कैमरे प्रति वर्ग किलोमीटर से बढ़कर 25 कैमरे प्रति वर्ग किलोमीटर हो जाएगा।
19 तरह के नियमों के उल्लंघन पर नजर
इस परियोजना के लिए 27 नवंबर को ‘रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल’ (RFP) टेंडर जारी किया गया है। योजना के अनुसार, ये कैमरे शहर के 88 प्रमुख चौराहों (junctions) और 17 फ्लाईओवर, अंडरपास और कैनाल कल्वर्ट (canal culverts) पर स्थापित किए जाएंगे।
ये हाई-टेक कैमरे केवल निगरानी ही नहीं करेंगे, बल्कि 19 प्रकार के उल्लंघनों के लिए स्वचालित रूप से ई-मेमो (e-memo) भी जनरेट करेंगे। इनमें गलत दिशा में ड्राइविंग (wrong-side driving), बिना हेलमेट गाड़ी चलाना, नो-पार्किंग में वाहन खड़ा करना, सार्वजनिक स्थानों पर कचरा फेंकना या थूकना और वाहन चोरी जैसे अपराध शामिल हैं।
परियोजना का इतिहास और बुनियादी ढांचा
करीब नौ साल पहले, एएमसी (AMC) की स्मार्ट सिटी कंपनी ने अहमदाबाद शहर पुलिस के सहयोग से 239 करोड़ रुपये की लागत वाला SASA प्रोजेक्ट शुरू किया था। उस समय इस पहल का लक्ष्य 130 “जीरो टॉलरेंस जंक्शन” तैयार करना था, जिसके लिए 6,200 कैमरे और 126 वैरिएबल मैसेज डिस्प्ले (VMD) बोर्ड लगाए गए थे।
इस परियोजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए पालडी में 2,300 वर्ग मीटर के भूखंड पर एक कमांड कंट्रोल सेंटर का निर्माण किया गया था। इस सेंटर की लागत 9.16 करोड़ रुपये थी, जबकि इसमें 62 करोड़ रुपये का आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर लगाया गया था।
यह पूरा सिस्टम बीएसएनएल (BSNL) नेटवर्क लाइनों के माध्यम से 1,576 पॉइंट्स को जोड़ता है। सुरक्षा और तकनीक के लिहाज से इसमें बायोमेट्रिक आरएफआईडी (RFID) एक्सेस कंट्रोल और हाई-एंड एचवीएसी (HVAC) सिस्टम जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
रखरखाव को लेकर चुनौतियां
बुनियादी ढांचे ने ट्रैफिक उल्लंघनों के ई-मेमो संग्रह को सक्षम बनाया है, लेकिन रखरखाव एक चुनौती बना हुआ है। पहले चरण (Phase 1) के तहत लगाए गए 6,200 सीसीटीवी कैमरों का संचालन और रखरखाव (O&M) अनुबंध मार्च 2023 में समाप्त हो गया था।
हालांकि, इसके बाद तीन साल के लिए एक नया O&M टेंडर जारी किया गया, लेकिन इसके बावजूद शहर भर में कैमरों के काम न करने की शिकायतों में बढ़ोत्तरी देखी गई है। प्रशासन को उम्मीद है कि दूसरे चरण के विस्तार से निगरानी तंत्र और मजबूत होगा।
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