नई दिल्ली – देश की राजधानी दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) पर साल 2020 से अब तक सबसे ज़्यादा 695 बर्ड हिट (पक्षी टकराव) की घटनाएं दर्ज की गई हैं। यह जानकारी नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोळ ने सोमवार को राज्यसभा में दी।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली एयरपोर्ट के बाद मुंबई में 407, बेंगलुरु में 343, और अहमदाबाद में 337 बर्ड हिट की पुष्टि हुई है।
केवल 2024 में जून तक दिल्ली एयरपोर्ट पर 41 बर्ड हिट दर्ज किए गए हैं। इससे पहले 2023 में 185, 2022 में 183, और 2021 में 130 घटनाएं सामने आई थीं।
मंत्री ने बताया कि विमान संचालन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी हवाई अड्डों पर वाइल्डलाइफ हैज़र्ड मैनेजमेंट प्लान (WHMP) तैयार करना और प्रक्रियात्मक उपाय लागू करना अनिवार्य किया गया है।
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने पक्षी टकराव और वन्यजीव हमलों की घटनाओं को कम करने के लिए कई उपाय किए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- बर्ड रिपेलेंट और चूहा नियंत्रण उपाय
- वैज्ञानिक और रेस्क्यू उपाय
- कीट और आवास प्रबंधन
- जैविक और रासायनिक नियंत्रण विधियां
- जागरूकता और सामुदायिक सहयोग
DIAL ने पहले भी यह चिंता जताई थी कि टेक-ऑफ और लैंडिंग के दौरान पक्षी टकराव की घटनाएं एयरपोर्ट ऑपरेशंस के लिए बड़ी चुनौती बनती हैं और इस पर विमानन नियामक और एयरपोर्ट प्रबंधन लगातार नजर बनाए हुए हैं।
एयरपोर्ट ऑपरेटर ने नागरिकों से अपील की है कि वे एयरपोर्ट के पास घरेलू या रसोई का कचरा न फेंके, क्योंकि इससे पक्षी और चूहे आकर्षित होते हैं और बर्ड हिट की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही लोगों से यह भी कहा गया है कि वे एयरपोर्ट के आसपास कबूतरों या अन्य पक्षियों को न खिलाएं, और खुले में जानवरों की कटाई न करें, क्योंकि इससे उत्पन्न अवशेष पक्षियों को आकर्षित करते हैं।
इसके अलावा DIAL ने आग्रह किया है कि यदि एयरपोर्ट के आसपास कोई परित्यक्त इमारत, ढांचा या पेड़ नजर आए जिसमें चमगादड़ों की मौजूदगी की आशंका हो, तो उसकी जानकारी तुरंत हवाई अड्डा प्राधिकरण को दी जाए।
यह भी पढ़ें- क्या जस्टिस वर्मा के खिलाफ प्रस्ताव बना उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की वजह?











