अहमदाबाद: गुजरात में निवेश का परिदृश्य बहुत तेजी से बदल रहा है और इस बदलाव की अगुवाई कर रहा है राज्य का सबसे बड़ा शहर—अहमदाबाद। शेयर बाजार में पूरे साल रहे उतार-चढ़ाव के बावजूद, अहमदाबाद ने इक्विटी एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) में बढ़ोतरी के मामले में देश के शीर्ष 10 म्यूचुअल फंड हब में अपनी धाक जमाई है। विकास दर के मामले में यह शहर मुंबई के बाद दूसरे स्थान पर है।
अहमदाबाद की लंबी छलांग
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के ताजा आंकड़े बताते हैं कि अहमदाबाद का इक्विटी एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) 16.6% बढ़कर 2.26 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है।
हालाँकि, कुल आंकड़ों की बात करें तो 21.18 लाख करोड़ रुपये (17.3% की वृद्धि) के साथ मुंबई अभी भी देश में सबसे आगे है। लेकिन, जिस रफ्तार से अहमदाबाद के निवेशक बाजार में भागीदारी बढ़ा रहे हैं, वह ध्यान देने योग्य है। निवेश के प्रति इस बदलते व्यवहार ने अहमदाबाद को राष्ट्रीय स्तर पर छठे स्थान पर पहुंचा दिया है और ‘ग्रोथ मोमेंटम’ (विकास की गति) के मामले में इसने कई बड़े महानगरों को पीछे छोड़ दिया है।
क्या है इस तेजी की वजह?
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि एसआईपी (SIP) कल्चर का गहरा होना, इक्विटी (शेयर बाजार) के प्रति लोगों का बढ़ता रुझान और डिस्पोजेबल इनकम (खर्च योग्य आय) में बढ़ोतरी इसके मुख्य कारण हैं। लोग अब लंबी अवधि के लिए धन जुटाने की रणनीतियों पर काम कर रहे हैं।
एक वित्तीय कंसल्टेंसी फर्म के निदेशक, मुमुक्षु देसाई ने एक राष्ट्रीय दैनिक को बताया कि “TINA” (देयर इज़ नो अल्टरनेटिव यानी कोई और विकल्प नहीं है) फैक्टर म्यूचुअल फंड में निवेश बढ़ा रहा है।
देसाई कहते हैं, “रियल एस्टेट अब आम लोगों की पहुंच से थोड़ा दूर हुआ है और एफडी (FD) की ब्याज दरों में भी गिरावट आई है। वहीं, भारत ने कई वैश्विक इक्विटी बाजारों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने निवेश को इतना आसान बना दिया है कि एसआईपी की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां तक कि हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs), जो पहले फिक्स्ड इनकम पर भरोसा करते थे, अब हाइब्रिड और मल्टी-एसेट फंड्स की तरफ रुख कर रहे हैं। जब एफडी रेट्स 6% के आसपास थे, तब 8-9% रिटर्न और टैक्स में लाभ के चलते म्यूचुअल फंड्स एक बहुत ही आकर्षक विकल्प बन गए।”
पूरे गुजरात में दिख रहा है असर
निवेश की यह लहर सिर्फ अहमदाबाद तक सीमित नहीं है। गुजरात के 9 शहर अब देश के टॉप 100 म्यूचुअल फंड बाजारों में शामिल हो चुके हैं, जो इसे देश के सबसे व्यापक निवेश क्षेत्रों में से एक बनाता है।
- वडोदरा की एंट्री: वडोदरा ने 15% की शानदार छलांग लगाते हुए 65,027 करोड़ रुपये के इक्विटी AUM के साथ राष्ट्रीय टॉप 10 में जगह बना ली है। इसने चेन्नई और हैदराबाद जैसे बड़े महानगरों को भी विकास दर में पछाड़ दिया है।
- सूरत: डायमंड सिटी सूरत 58,222 करोड़ रुपये और 12.7% की वृद्धि के साथ एक मजबूत टियर-2 मार्केट बना हुआ है, हालांकि अन्य शहरों के आगे निकलने से इसकी रैंकिंग में एक पायदान की गिरावट आई है।
छोटे शहर भी नहीं हैं पीछे
मध्यम आकार के शहरों में भी यह तेजी जारी है। राजकोट ने 13.2% की बढ़त दर्ज की और इसका AUM 24,952 करोड़ रुपये हो गया, जो कोचीन, रांची, भुवनेश्वर और विशाखापत्तनम जैसी कई राज्यों की राजधानियों से बेहतर प्रदर्शन है।
उधर, गांधीनगर में पीएसयू कर्मचारियों और गिफ्ट सिटी (GIFT City) की बढ़ती आर्थिक गतिविधियों के कारण 15.7% की तेज वृद्धि दर्ज की गई। आनंद में एसएमई (SME) और डेयरी उद्योग से जुड़े निवेशकों के चलते AUM 7,561 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
वलसाड ने राज्य में सबसे बड़ी छलांगों में से एक लगाई है, जो 12.3% की वृद्धि के साथ पांच पायदान ऊपर चढ़ा है। भावनगर और भरूच ने भी दो अंकों (double-digit) में विस्तार दर्ज किया है।
कंसल्टेंट ने अंत में कहा, “बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान भी एसआईपी का ऐसा लगातार प्रवाह दिखाता है कि इन शहरों में निवेश को लेकर परिपक्वता कितनी बढ़ गई है।”
एक नजर आंकड़ों पर
टॉप 10 म्यूचुअल फंड बाजार (इक्विटी AUM – सितंबर 2023 | AMFI)
| शहर | AUM (रुपये में) |
| मुंबई | 21,18,000 करोड़ |
| दिल्ली | 9,27,000 करोड़ |
| बेंगलुरु | 4,06,000 करोड़ |
| पुणे | 2,96,000 करोड़ |
| कोलकाता | 2,49,000 करोड़ |
| अहमदाबाद | 2,26,000 करोड़ |
| चेन्नई | 1,57,000 करोड़ |
| हैदराबाद | 1,50,000 करोड़ |
| वडोदरा | 65,027 करोड़ |
| जयपुर | 54,271 करोड़ |
भारत के टॉप 100 MF बाजारों में गुजरात के अन्य शहर (AUM करोड़ रुपये में)
- वडोदरा: 65,027
- राजकोट: 24,952
- गांधीनगर: 11,348
- भावनगर: 7,561
- वापी: 6,775
- आनंद: 6,019
- वलसाड: 5,285
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