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अमेरिका में नौकरी का झांसा: अहमदाबाद के होटल सुपरवाइजर से 12.07 लाख की ठगी, इंस्टाग्राम के जरिए फंसाया जाल में

| Updated: December 12, 2025 18:15

'एक्सेस कंसल्टेंट यूएसए' के नाम पर इंस्टाग्राम से बिछाया जाल, फर्जी इंटरव्यू और ऑफर लेटर का नाटक कर ऐसे हड़पे 12 लाख रुपये

अहमदाबाद: विदेश जाकर काम करने और बेहतर भविष्य बनाने की चाहत ने शहर के एक व्यक्ति को लाखों रुपये की चपत लगा दी। आंबावाड़ी इलाके के रहने वाले एक 44 वर्षीय होटल सुपरवाइजर के साथ अमेरिका के वीजा और वर्क परमिट के नाम पर 12.07 लाख रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पीड़ित की शिकायत पर एलीसब्रिज पुलिस ने गुरुवार को मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

इंस्टाग्राम पर विज्ञापन देख शुरू हुआ सिलसिला

पुलिस को दी गई शिकायत के मुताबिक, पीड़ित करंज स्थित एक रेस्टोरेंट में जनरल सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत है। उसने साल 2025 के मध्य तक अमेरिका जाकर काम करने की योजना बनाई थी। इसी दौरान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर उसकी नजर “एक्सेस कंसल्टेंट यूएसए” (Access Consultant USA) नाम के एक पेज पर पड़ी। यह पेज अमेरिका में रोजगार दिलाने का दावा करता था।

फर्जी इंटरव्यू और जॉब ऑफर का नाटक

ठगों का तरीका इतना शातिर था कि पीड़ित को जरा भी शक नहीं हुआ। संपर्क करने पर आरोपियों ने बातचीत के लिए मोबाइल नंबर मांगा। भरोसा जीतने के लिए बाकायदा एक ऑनलाइन इंटरव्यू का आयोजन किया गया। इसके बाद पीड़ित को ईमेल के जरिए एक ‘जॉब ऑफर’ भी भेजा गया, जिस पर पीड़ित ने हस्ताक्षर करके वापस भेज दिया।

किस्तों में हड़पी रकम

एफआईआर (FIR) के अनुसार, ठगी का यह खेल 5 जून से 8 अक्टूबर के बीच चला। आरोपियों ने प्रोसेसिंग फीस, करेंसी कन्वर्जन (मुद्रा परिवर्तन) और अन्य शुल्कों के नाम पर बार-बार पैसे मांगे। भुगतान के लिए यूपीआई (UPI) और बैंक ट्रांसफर का इस्तेमाल किया गया। पुलिस ने बताया कि पैसे जमा करने के लिए पीड़ित को कई अलग-अलग बैंक खाता नंबर दिए गए थे, जो विभिन्न पुरुषों और महिलाओं के नाम पर थे।

इस प्रक्रिया में पीड़ित के एक दोस्त ने भी उसकी तरफ से 40,000 रुपये ट्रांसफर किए। कुल मिलाकर लगभग 11 लाख रुपये फीस के तौर पर और बाकी अन्य खर्चों के नाम पर वसूले गए।

रिफंड मांगने पर करने लगे आनाकानी

लाखों रुपये देने के बाद भी जब न तो वर्क परमिट मिला और न ही वीजा की कोई प्रक्रिया आगे बढ़ी, तो पीड़ित ने रिफंड की मांग की। एजेंसी ने बहाना बनाया कि उन्होंने पैसा एक मध्यस्थ (intermediary) को भेज दिया है। बाद में आरोपियों ने फोन कॉल को नजरअंदाज करना शुरू कर दिया और भ्रामक जवाब देने लगे।

ठगे जाने का अहसास होने पर सुपरवाइजर ने एलीसब्रिज पुलिस थाने में संपर्क किया। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita) के तहत धोखाधड़ी और विश्वासघात की धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।

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