अहमदाबाद: शहर के पश्चिमी इलाके में रहने वाली 21 वर्षीय युवती को उसके पूर्व प्रेमी ने निजी तस्वीरें और वीडियो लीक करने की धमकी दी। दोनों के बीच आपसी सहमति से ब्रेकअप हुआ था और यह तय हुआ था कि साझा किए गए डिजिटल कंटेंट को डिलीट कर दिया जाएगा। लेकिन जब लड़के को युवती की सगाई की जानकारी सोशल मीडिया से मिली, तो उसने 8GB निजी डेटा जारी करने की धमकी दी और सगाई तोड़ने का दबाव बनाया।
अभयम 181 महिला हेल्पलाइन से जुड़े एक काउंसलर ने बताया, “उसने यह तक कहा कि अगर युवती ने सगाई खत्म नहीं की तो वह उसके नाम से फर्जी अकाउंट बनाकर सारी सामग्री पोस्ट कर देगा।”
परिवार की मदद से मामला सुलझा
जब निजी स्तर पर समस्या का समाधान नहीं निकला तो युवती ने अपने माता-पिता को पूरी बात बताई। इसके बाद अभयम 181 की टीम – जिसमें एक काउंसलर और पुलिस कांस्टेबल शामिल थे – आरोपी के घर पहुँची। टीम ने स्थिति उसकी माँ को समझाई। माँ ने तुरंत बेटे को घर बुलाकर डेटा डिलीट करवाया। साथ ही उसे यह चेतावनी दी गई कि अगर उसने आगे युवती को परेशान किया तो कानूनी कार्रवाई होगी। आरोपी ने इसके बाद युवती को और परेशान न करने का आश्वासन दिया।
हर महीने आते हैं ऐसे कई मामले
अभयम 181 हेल्पलाइन के अनुसार, इस तरह के 10 से 15 मामले हर महीने सामने आते हैं। ज्यादातर पीड़िताएँ तब धमकियों का सामना करती हैं जब वे रिश्ता खत्म करने या नई शुरुआत करने की कोशिश करती हैं। कई बार महिलाओं को यह तक पता नहीं होता कि उनकी तस्वीरें या वीडियो रिकॉर्ड किए जा रहे हैं।
इस महीने की शुरुआत में भी एक 27 वर्षीय महिला ने आत्महत्या का प्रयास किया था। उसे उसके शादीशुदा साथी ने धमकाया था कि अगर उसने रिश्ता जारी नहीं रखा या 50,000 रुपये नहीं दिए, तो उसकी निजी तस्वीरें सार्वजनिक कर दी जाएँगी।
हेल्पलाइन के वरिष्ठ समन्वयकों का कहना है कि ऐसे मामलों में इजाफा हो रहा है। अहमदाबाद और सूरत जैसे बड़े शहरों से लेकर बनासकांठा और डांग जैसे दूरदराज़ जिलों तक से शिकायतें मिल रही हैं। अहमदाबाद में ही बीते पंद्रह दिनों में सात ऐसे केस दर्ज हुए। पूरे गुजरात में औसतन रोज़ाना एक मामला सामने आता है। हेल्पलाइन का कहना है कि कई महिलाएँ सामाजिक बदनामी के डर से पुलिस में शिकायत दर्ज कराने से हिचकती हैं।
मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है असर
मनोचिकित्सक डॉ. हंसल भचेच का कहना है कि इस तरह की धमकियाँ महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालती हैं। उन्होंने कहा, “ऐसी परिस्थितियों से चिंता, अवसाद और लंबे समय तक भरोसे की समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। कई बार महिलाएँ सिर्फ ब्रेकअप से बचने के लिए धमकियों के आगे झुक जाती हैं, लेकिन बाद में उनका शोषण होने लगता है।”
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