नई दिल्ली: दशकों में देश के सबसे बड़े विमान हादसों में से एक के एक महीने बाद, एयर इंडिया के सीईओ कैम्पबेल विल्सन ने कहा है कि AI171 विमान दुर्घटना की प्रारंभिक जांच में विमान या उसके इंजनों में कोई यांत्रिक या मेंटेनेंस संबंधी खराबी नहीं पाई गई है।
उन्होंने एयरलाइन कर्मचारियों को भेजे एक पत्र में मीडिया में चल रही अटकलों और अफवाहों पर नाराजगी जताई, खासकर पिछले सप्ताह एअरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट जारी होने के बाद।
उन्होंने लिखा, “ऐसी व्याख्याओं पर ध्यान देने के बजाय, मैं सुझाव देता हूं कि हम यह नोट करें कि प्रारंभिक रिपोर्ट में विमान या इंजनों में कोई यांत्रिक या मेंटेनेंस समस्या नहीं पाई गई। सभी अनिवार्य मेंटेनेंस कार्य पूरे किए गए थे। ईंधन की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं थी और टेक-ऑफ रोल में कोई असामान्यता नहीं थी।”
विल्सन ने यह भी स्पष्ट किया कि दोनों पायलटों ने अनिवार्य प्री-फ्लाइट ब्रीथ एनालाइज़र टेस्ट पास किया था और उनकी चिकित्सा स्थिति में कोई दिक्कत दर्ज नहीं की गई थी।
हादसे में 271 लोगों की मौत, जांच जारी
12 जून को हुए इस हादसे में लंदन जा रहे विमान में सवार 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई थी। इसके अलावा जमीन पर 30 अन्य लोग भी इसकी चपेट में आकर मारे गए।
AAIB की 15 पन्नों की प्रारंभिक रिपोर्ट में सामने आया कि विमान के फ्यूल स्विच कट ऑफ हो गए थे और चालक दल ने इंजनों को फिर से स्टार्ट करने की कोशिश की थी। हालांकि, रिपोर्ट में किसी तरह की साजिश या बर्ड स्ट्राइक के सबूत नहीं मिले।
रिपोर्ट ने किसी को दोषी नहीं ठहराया और न ही कोई सिफारिश दी है। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने भी चेतावनी दी है कि ये निष्कर्ष सिर्फ शुरुआती हैं और अंतिम रिपोर्ट ही दुर्घटना के कारण को स्पष्ट करेगी।
कर्मचारियों से ‘जल्दबाजी में निष्कर्ष’ न निकालने की अपील
विल्सन ने अपने पत्र में कर्मचारियों से कहा कि वे जांच पूरी होने तक किसी भी तरह के पूर्वाग्रह या अटकलों से बचें।
उन्होंने कहा, “अंतिम रिपोर्ट या कारण सामने आने तक, निस्संदेह और भी अटकलें और सनसनीखेज हेडलाइन आएंगी। लेकिन हमें अपने कार्य पर ध्यान बनाए रखना होगा और उन मूल्यों के प्रति सच्चे रहना होगा जिन्होंने पिछले तीन वर्षों में एयर इंडिया के परिवर्तन यात्रा को शक्ति दी है – ईमानदारी, उत्कृष्टता, ग्राहक-केंद्रितता, नवाचार और टीमवर्क।”
उन्होंने आश्वस्त किया कि दुर्घटना के कुछ ही दिनों में एयर इंडिया के सभी बोइंग 787 विमानों की जांच की गई और सभी को सेवा के लिए उपयुक्त पाया गया।
जांच जारी, अंतिम निष्कर्ष का इंतजार
विमानन प्राधिकरणों ने भी दोहराया है कि इस स्तर की जांचें जटिल होती हैं और अंतिम निष्कर्ष आने में कई महीने लग सकते हैं। एयर इंडिया ने जांच में पूरी तरह सहयोग करने और सुरक्षा तथा पारदर्शिता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है।
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