एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद अब एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। ब्रिटेन में मृतकों के कुछ परिजनों को उनके परिजनों की बजाय किसी और की लाशें भेज दी गईं। रिपोर्टों के मुताबिक, दो ब्रिटिश परिवारों को शव की शिनाख्त के बाद पता चला कि उन्हें जो शव सौंपा गया था, वह उनके अपने परिजन का नहीं था।
इस त्रासदी से दुखी परिवार अब जवाब मांग रहे हैं, जबकि ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर इस संवेदनशील मुद्दे को अगले सप्ताह अपनी भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी के साथ राज्य दौरे के दौरान उठाने वाले हैं।
मिश्रित और गलत शव सौंपने से बढ़ा दुख
ब्रिटिश अख़बार ‘मिरर’ के अनुसार, लंदन के इनर वेस्ट क्षेत्र की कोरोनर डॉ. फियोना विलकॉक्स ने जब पीड़ितों के शवों का डीएनए मिलान उनके परिवारों द्वारा दिए गए नमूनों से किया, तब यह गलती सामने आई। एक मामले में, अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे एक परिवार को तब झटका लगा जब उन्हें बताया गया कि उनके द्वारा प्राप्त शव उनके परिजन का नहीं, बल्कि किसी अज्ञात यात्री का है।
एक अन्य मामले में, एक ही शवपेटी में एक से अधिक व्यक्तियों के अवशेष यानी “मिश्रित शव” रखे गए थे। बाद में अंतिम संस्कार से पहले इन अवशेषों को अलग करना पड़ा।
यह घटना 12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद की है। इस दुर्घटना में कुल 261 लोग मारे गए थे, जिनमें से 52 ब्रिटिश नागरिक थे।
कानूनी और भावनात्मक प्रतिक्रिया
विमानन कानून विशेषज्ञ जेम्स हीली-प्रैट, जो पीड़ितों के कई ब्रिटिश परिवारों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, ने इस मामले को “गंभीर मानवीय चूक” बताया। उन्होंने मीडिया से कहा, “पिछले एक महीने से मैं इन परिवारों के घर जाकर मिल रहा हूं। उनका एक ही सवाल है – क्या उन्हें उनके प्रियजनों के शव लौटाए गए हैं? लेकिन कुछ को गलत शव मिले हैं, और वे पूरी तरह टूट चुके हैं। यह स्थिति हफ्तों से चल रही है और इन्हें इसकी पूरी सच्चाई जानने का हक है।”
उन्होंने ‘डेली मेल’ से कहा, “परिवार X के पास अंतिम संस्कार करने के लिए कोई शव नहीं है क्योंकि ताबूत में किसी और का शव था। अगर यह उनका परिजन नहीं था, तो सवाल उठता है कि यह शव किसका है? संभवतः किसी अन्य यात्री का, जिसका शव भी गलत परिवार को सौंप दिया गया होगा। अब कोरोनर के सामने भी चुनौती है, क्योंकि उनके क्षेत्राधिकार में एक अज्ञात शव है।”
डॉ. विलकॉक्स ने अब तक 12 मृतकों की जांच प्रक्रिया शुरू की है, लेकिन उन्होंने इस मुद्दे पर सार्वजनिक टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। माना जा रहा है कि यह पता लगाने के लिए जटिल जांच की जा रही है कि शवों की पहचान और उन्हें घर पहुंचाने की पूरी प्रक्रिया में गलती कहां हुई।
सरकार और कूटनीतिक प्रतिक्रिया
सरकारी प्रवक्ता ने कहा, “शवों की औपचारिक पहचान भारतीय अधिकारियों की जिम्मेदारी है। हम समझते हैं कि यह समय पीड़ित परिवारों के लिए अत्यंत पीड़ादायक है, और हमारी संवेदनाएं उनके साथ हैं।”
अब यह मामला केवल प्रशासनिक चूक नहीं रह गया है, बल्कि एक कूटनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है, जिसे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाने की तैयारी कर रहे हैं।
दुर्घटना के बाद का यह नया विवाद न केवल दुखी परिवारों की पीड़ा को और बढ़ा रहा है, बल्कि एयर इंडिया और संबंधित एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
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