नई दिल्ली: यूरोपीय संघ विमानन सुरक्षा एजेंसी (EASA) द्वारा जारी एक ‘इमरजेंसी एयरवर्थनेस डायरेक्टिव’ (आपातकालीन उड़ानों की सुरक्षा से जुड़ा निर्देश) के बाद, भारत में एयर इंडिया और इंडिगो द्वारा संचालित सैकड़ों एयरबस विमानों में बड़े पैमाने पर तकनीकी जांच की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, एयरलाइंस आज दिन के अंत तक सभी अनिवार्य चेकिंग और सुधार सुनिश्चित कर लेंगी। यात्रियों के लिए राहत की बात यह है कि किसी भी उड़ान के रद्द होने की संभावना नहीं है, और यदि इस तकनीकी सुधार के कारण कोई देरी होती भी है, तो वह 30 मिनट से कम समय की होगी।
क्या है पूरा मामला?
यह आपातकालीन निर्देश (EAD) दुनिया भर में लगभग 6,000 एयरबस A320-फैमिली के विमानों को प्रभावित करता है। निर्देश के अनुसार, जब तक फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम में महत्वपूर्ण सुधार नहीं किए जाते, तब तक इन विमानों को अस्थायी रूप से रोका जा सकता है। प्रभावित होने वाले एयरबस विमानों की सीरीज में A318, A319, A320 और A321/5 शामिल हैं।
भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए सभी एयरलाइनों को ‘बेहद जरूरी’ नोटिस जारी किया है। इसमें ‘ATA 27’ नामक तकनीकी हिस्से की जांच करने और एलीवेटर एलेरॉन कंप्यूटर (ELAC) को बदलने का आदेश दिया गया है।
चेतावनी की असली वजह: हवा में अचानक नीचे झुका विमान
EASA द्वारा इस अलर्ट को जारी करने का मुख्य कारण पिछले महीने कैनकन से नेवार्क जा रही एक उड़ान के दौरान हुई एक घटना थी। उस समय 35,000 फीट की ऊंचाई पर क्रूज कर रहा एक A-320 विमान पायलट के बिना किसी इनपुट के अचानक नीचे की ओर (Nose-down) झुक गया था, जिससे ऊंचाई में भारी गिरावट आई। गनीमत रही कि विमान को सुरक्षित रूप से टाम्पा डायवर्ट कर लिया गया।
जांचकर्ताओं ने पाया कि यह समस्या एलीवेटर एलेरॉन कंप्यूटर (ELAC) में आई गड़बड़ी के कारण हुई, जो पायलट के निर्देशों को विमान के पंखों और पिछले हिस्से (Tail) तक पहुंचाता है।
एयरबस की जांच में एक चौंकाने वाला कारण सामने आया— तेज सौर विकिरण (Solar Radiation)। यह विकिरण ELAC के नए अपडेटेड सॉफ्टवेयर को करप्ट कर सकता है, जिससे डेटा में गड़बड़ी हो सकती है और विमान अपने आप अनियंत्रित तरीके से मुड़ सकता है, जिससे विमान के स्ट्रक्चर पर खतरा हो सकता है।
भारतीय एयरलाइंस की मुस्तैदी
एयर इंडिया
एयर इंडिया ने अपने बयान में कहा है कि उनके इंजीनियर इस काम को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। एयरलाइन ने बताया, “हमने इस समस्या से प्रभावित अपने 40 प्रतिशत से अधिक विमानों पर रीसेट का काम पूरा कर लिया है और हमें विश्वास है कि EASA द्वारा तय की गई समयसीमा के भीतर हम पूरी फ्लीट को कवर कर लेंगे।” एयर इंडिया ने यह भी स्पष्ट किया कि इस कार्य के कारण कोई उड़ान रद्द नहीं हुई है और उनके नेटवर्क शेड्यूल पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा है।
इंडिगो
इंडिगो ने जानकारी दी है कि उसने अनिवार्य 200 A320-फैमिली विमानों में से 160 पर एयरबस का सुरक्षा अपडेट पूरा कर लिया है। इसमें बहुत कम देरी हुई है और कोई रद्दीकरण नहीं हुआ है। इंडिगो ने कहा, “हमारी मेहनती इंजीनियरिंग टीमों ने पहले ही 160 विमानों का काम पूरा कर लिया है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि हमारा बेड़ा आपकी यात्रा के लिए तैयार और सुरक्षित है। बाकी बचे विमान भी समयसीमा के भीतर पूरी तरह से ठीक कर लिए जाएंगे।”
तकनीकी समाधान
एयरबस ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि जिन विमानों में दोषपूर्ण कंप्यूटर लगा है, उन्हें अगली उड़ान भरने से पहले इसे नए और सुरक्षित मॉडल ‘ELAC L103 plus’ से बदलना होगा। विमान को मरम्मत के स्थान तक ले जाने के लिए बिना यात्रियों के अधिकतम तीन फेरी उड़ानों (Ferry Flight) की ही अनुमति दी गई है।
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