वडोदरा: त्योहारों का मौसम आते ही गुजरात भर में पुलिस ने अवैध शराब की तस्करी को रोकने के लिए अपनी निगरानी तेज कर दी है। लेकिन शराब तस्कर भी पुलिस को चकमा देने के लिए नए-नए और हैरान करने वाले तरीके अपना रहे हैं। हाल ही में नर्मदा पुलिस ने एक ऐसे ही गिरोह का पर्दाफाश किया, जो शराब की तस्करी के लिए एम्बुलेंस का इस्तेमाल कर रहा था।
तस्करों को उम्मीद थी कि आपातकालीन वाहन होने के कारण कोई भी उन पर शक नहीं करेगा।
एक गुप्त सूचना के आधार पर, पुलिस ने सागबारा तालुका में एक चेक-पोस्ट के पास इस एम्बुलेंस को रोका। पुलिस यह देखकर हैरान रह गई कि सायरन बजाती हुई यह एम्बुलेंस किसी मरीज की जान बचाने के लिए नहीं जा रही थी, बल्कि इसके अंदर भारतीय निर्मित विदेशी शराब (IMFL) के बक्से भरे हुए थे, जिनकी कीमत कई लाख रुपये थी। इस मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है और इस पूरे नेटवर्क का पता लगाने के लिए आगे की जांच कर रही है।
पुलिस के अनुसार, पहली नज़र में एम्बुलेंस खाली लग रही थी और उसमें केवल मरीजों के लिए इस्तेमाल होने वाला एक स्ट्रेचर रखा हुआ था। हालांकि, जब पुलिस ने गहराई से जांच की, तो उन्हें एक गुप्त तहखाना मिला, जिसे खास तौर पर शराब के बक्से छिपाने के लिए बनाया गया था।
पुलिस ने बताया, “हमने जब उस गुप्त हिस्से को खोला, तो उसमें से लगभग ₹4 लाख की कीमत वाली शराब की बोतलें बरामद हुईं।”
गाड़ी के ड्राइवर, विपुल नट्ट को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के दौरान उसने कबूल किया कि शराब की यह खेप राजस्थान से भरी गई थी और इसे अहमदाबाद में डिलीवरी के लिए ले जाया जा रहा था।
विपुल नट्ट के खिलाफ पहले से ही वडोदरा और आणंद में शराबबंदी अधिनियम के तहत दो मामले दर्ज हैं। पुलिस ने इस मामले में राजस्थान के रहने वाले एक अन्य आरोपी अजयसिंह देवड़ा को फरार घोषित कर दिया है और उसकी तलाश जारी है।
इस बीच, दिवाली के त्योहार को देखते हुए वडोदरा पुलिस ने भी शहर भर में गश्त बढ़ा दी है और शराब तस्करों तथा पुराने अपराधियों पर नकेल कसने के लिए अभियान तेज कर दिया है।
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