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मनी लॉन्ड्रिंग का बड़ा खुलासा: अमेरिकी बुज़ुर्गों से 8 करोड़ की ठगी में गुजराती युवक का नाम, जानें पूरा मामला

| Updated: September 11, 2025 14:44

अमेरिका में 'फैंटम हैकर' स्कैम का पर्दाफाश, गुजरात का एक व्यक्ति गिरफ्तार; जानें 'डिजिटल अरेस्ट' से कितना अलग है ये मामला

अहमदाबाद: अमेरिका में ‘फैंटम हैकर’ स्कीम के जरिए बुज़ुर्गों से 10 लाख डॉलर (लगभग 8 करोड़ रुपये) से ज़्यादा की ठगी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में एक गुजराती व्यक्ति को दोषी ठहराया गया है।

विस्कॉन्सिन के ब्रुकफील्ड निवासी 41 वर्षीय अंकुर के पटेल पर मनी लॉन्ड्रिंग की साज़िश और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा है। अगर वह दोषी साबित होते हैं, तो उन्हें 20 साल तक की जेल और भारी जुर्माना हो सकता है।

क्या है ‘फैंटम हैकर’ धोखाधड़ी?

अमेरिकी अटॉर्नी रिचर्ड जी फ्रोलिंग ने 12 अगस्त, 2025 को घोषणा की कि संघीय ग्रैंड जूरी ने पटेल पर मनी लॉन्ड्रिंग की साज़िश रचने का आरोप लगाया है। अभियोग के मुताबिक, पटेल ने कई राज्यों के बुज़ुर्गों से 10 लाख डॉलर से ज़्यादा की ठगी की। इन पीड़ितों में विस्कॉन्सिन के शेबोयगन का एक व्यक्ति भी शामिल है।

‘फैंटम हैकर’ नामक इस स्कीम में ठग फ़ोन करके खुद को ग्राहक सेवा प्रतिनिधि या सरकारी अधिकारी बताते हैं। वे पीड़ितों को डराते हैं कि उनका अकाउंट या पहचान हैक हो गई है।

इसके बाद वे पीड़ितों को सुरक्षा के नाम पर पैसे या सोना-चाँदी जैसे कीमती सामान फ़र्ज़ी खातों में ट्रांसफर करने को कहते हैं। बाद में ये पैसे कई और लोगों के ज़रिए ट्रांसफर किए जाते हैं ताकि उनके स्रोत को छिपाया जा सके।

यह धोखाधड़ी भारत में होने वाले ‘डिजिटल अरेस्ट’ घोटाले से मिलती-जुलती है, जहाँ अपराधी ख़ुद को पुलिस या सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को जांच में फँसाने की धमकी देते हैं और गिरफ़्तारी से बचने के लिए पैसे वसूलते हैं। दोनों ही मामलों में, अपराधियों ने पीड़ितों पर दबाव बनाने के लिए डर और ग़लत जानकारी का इस्तेमाल किया।

फ्रोलिंग ने अपने एक बयान में कहा, “धोखाधड़ी करने वाले पीड़ितों से कहते हैं कि उनकी पहचान या बैंक अकाउंट हैक हो गया है और उन्हें सुरक्षा के लिए पैसे ट्रांसफर करने का निर्देश देते हैं। इसके बाद वे डर और भरोसे का फ़ायदा उठाकर इन पैसों को गुमनाम लेनदेन के ज़रिए ट्रांसफर करते हैं।”

क्या हो सकती है सजा?

दस्तावेजों के अनुसार, अगर पटेल मनी लॉन्ड्रिंग की साज़िश का दोषी पाया जाता है, तो उसे अधिकतम 20 साल की जेल और 500,000 डॉलर का जुर्माना हो सकता है। यदि वह मनी लॉन्ड्रिंग का दोषी ठहराया जाता है, तो उसे अधिकतम 10 साल की जेल और 250,000 डॉलर का जुर्माना हो सकता है।

अभियोग में यह भी कहा गया है कि पटेल ने कई राज्यों के बुज़ुर्गों से 10 लाख डॉलर से ज़्यादा इकट्ठा किए थे। उस पर पैसों को छिपाने वाले लेनदेन के ज़रिए दूसरों को मनी लॉन्ड्रिंग में मदद करने का भी आरोप है।

दुनिया भर में क़ानून प्रवर्तन एजेंसियाँ लगातार लोगों को इस तरह के संदिग्ध कॉल्स से सावधान रहने और ऐसी किसी भी धमकी की तुरंत रिपोर्ट करने की चेतावनी देती रही हैं।

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