पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे शुक्रवार को जैसे ही सामने आने शुरू हुए, राज्य में एक बार फिर एनडीए (NDA) की लहर स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगी। मतगणना सुबह शुरू हुई और शुरुआती रुझानों से ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) और नीतीश कुमार की जेडीयू (JD(U)) के गठबंधन ने जो बढ़त बनाई, वह समय के साथ और मजबूत होती गई। अब यह तय माना जा रहा है कि एनडीए बिहार में एक ऐतिहासिक जीत दर्ज करने जा रही है।
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, एनडीए गठबंधन 243 सीटों वाली विधानसभा में 200 से अधिक सीटों पर बढ़त बनाकर एकतरफा जीत की ओर अग्रसर है।
जेडीयू की शानदार वापसी, पुराने रिकॉर्ड टूटे
इस चुनाव में सबसे चौंकाने वाला प्रदर्शन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JD(U)) का रहा है। साल 2020 के विधानसभा चुनाव में जहाँ पार्टी केवल 43 सीटों पर सिमट गई थी, वहीं 2025 में पार्टी ने जबरदस्त वापसी की है। ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, जेडीयू न केवल 77 सीटों पर आगे चल रही है, बल्कि नतीजों वाले दिन उसने 6 सीटों पर जीत भी दर्ज कर ली है।
शाम 04:30 बजे तक चुनाव आयोग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, एनडीए कुल 204 सीटों पर आगे है। इसमें बीजेपी 93 सीटों पर, जेडीयू 83 पर, एलजेपी (LJP) 19 पर, एचएएम (HAM) 5 पर और आरएलएम (RLM) 4 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
दूसरी ओर, विपक्षी गठबंधन काफी पीछे छूट गया है। आरजेडी (RJD) 27 सीटों पर, कांग्रेस 4 पर, सीपीआई (एमएल) 1 और सीपीआई-एम 1 सीट पर आगे है। इस प्रकार विपक्षी खेमे का कुल आंकड़ा मात्र 33 सीटों तक सीमित नजर आ रहा है।
नीतीश कुमार का ₹10,000 वाला ‘मैजिक’
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस प्रचंड जीत के पीछे नीतीश कुमार की महिला वोट बैंक पर मजबूत पकड़ है। बिहार की महिलाएं दशकों से जेडीयू के लिए एक ठोस वोट बैंक रही हैं और इस बार भी उन्होंने खुलकर नीतीश कुमार का साथ दिया है। जेडीयू ने अपनी नीतियों और योजनाओं में हमेशा महिलाओं को प्राथमिकता दी है, जिसका फल उन्हें इन नतीजों में मिल रहा है।
पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए लिखा, “जीता है बिहार की महिलाओं का विश्वास… जीता है एनडीए, जीता है बिहार।”
‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ बनी गेमचेंजर
वैसे तो नीतीश सरकार के तहत महिलाओं को पहले से कई सुविधाएं मिल रही थीं, लेकिन चुनाव से ठीक पहले शुरू की गई एक योजना ने बाजी पलट दी। बिहार चुनाव 2025 से पहले सरकार ने ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ की शुरुआत की थी। 7,500 करोड़ रुपये की इस प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) योजना ने जमीनी स्तर पर बड़ा असर डाला।
इस योजना के तहत राज्य की करीब 1.2 करोड़ महिलाओं के बैंक खातों में सीधे 10,000 रुपये भेजे गए। खास बात यह रही कि इस योजना का समर्थन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था और उन्होंने ही इस साल की शुरुआत में एक रैली के दौरान इसकी पहली किश्त जारी की थी।
यह 10,000 रुपये की मदद बिहार की महिलाओं के लिए ‘सोने पे सुहागा’ साबित हुई। इससे पहले 2006 में पंचायतों में महिलाओं को 50% आरक्षण और 2013 में सरकारी नौकरियों में 35% कोटा जैसे फैसलों ने पहले ही महिलाओं को नीतीश कुमार का मुरीद बना रखा था।
वोटिंग पैटर्न ने दी थी जीत की गवाही
बिहार चुनाव 2025 के मतदान के आंकड़ों ने भी इस बदलाव के संकेत दे दिए थे। चुनाव आयोग के डेटा के मुताबिक, पटना को छोड़कर बाकी सभी जिलों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक थी। कुल मिलाकर, महिलाओं का मतदान प्रतिशत 71.78% रहा, जबकि पुरुषों का मतदान प्रतिशत 62.98% दर्ज किया गया।
पिछले चुनावों के ट्रेंड्स और इस बार के नतीजों से यह साफ हो गया है कि जिन इलाकों में महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा वोटिंग की, वहां नीतीश कुमार की पार्टी ने जीत हासिल की है।
यह भी पढ़ें-
अडानी सीमेंट ग्लोबल टीएनएफडी फ्रेमवर्क को अपनाने वाली भारत की पहली सीमेंट कंपनी बनी










