बिहार विधानसभा चुनाव के दोनों चरणों का मतदान संपन्न हो चुका है और अब हर किसी की नजरें 14 नवंबर को आने वाले नतीजों पर टिकी हैं। लेकिन नतीजों से पहले आए एग्जिट पोल्स ने राज्य की सियासी फिजा में गर्मी बढ़ा दी है। पिछले दो दिनों में अलग-अलग एजेंसियों द्वारा जारी किए गए 11 एग्जिट पोल्स के आंकड़े इशारा कर रहे हैं कि बिहार में एक बार फिर ‘नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस’ (NDA) की सत्ता में वापसी हो सकती है।
हालांकि, जहां अधिकांश सर्वे में एनडीए की स्पष्ट जीत की भविष्यवाणी की गई है, वहीं एक एग्जिट पोल ने कड़े मुकाबले के संकेत भी दिए हैं।
सियासी समीकरण और मुद्दे
इस चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन (JDU और BJP) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 20 साल के शासन और केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी के 11 साल के कार्यकाल की उपलब्धियों के आधार पर जनता से वोट मांगे। दूसरी ओर, विपक्षी ‘महागठबंधन’ (RJD और कांग्रेस) ने इन चुनावों में सत्ता विरोधी लहर (एंटी-इनकमबेंसी), कुशासन के आरोपों और युवाओं को नौकरी देने के वादों को अपना मुख्य चुनावी हथियार बनाया। राज्य में 6 और 11 नवंबर को वोट डाले गए थे।
11 प्रमुख एग्जिट पोल्स के आंकड़े
आइए नजर डालते हैं कि बिहार चुनाव 2025 को लेकर अलग-अलग सर्वे एजेंसियों ने क्या भविष्यवाणी की है:
- दैनिक भास्कर: एनडीए (145-160), महागठबंधन (73-91), अन्य (5-10)
- पोलस्ट्रैट (Polstrat): एनडीए (133-148), महागठबंधन (87-102), अन्य (3-5)
- मैट्रिज (Matrize): एनडीए (147-167), महागठबंधन (70-90), जेएसपी (5), अन्य (10)
- वोट वाइब (Vote Vibe): एनडीए (125-145), महागठबंधन (95-115), जेएसपी (0-2), अन्य (1-3)
- पीपुल्स पल्स (People’s Pulse): एनडीए (133-159), महागठबंधन (75-101), जेएसपी (0-5), अन्य (2-8)
- पीपुल्स इनसाइट (People’s Insight): एनडीए (133-148), महागठबंधन (87-102), जेएसपी (0-2), अन्य (3-6)
- DVC रिसर्च: एनडीए (137-152), महागठबंधन (83-98), जेएसपी (2-4)
- एक्सिस माई इंडिया (Axis My India): एनडीए (121-141), महागठबंधन (98-118), जेएसपी (0-2)
- टुडेज चाणक्य (Today’s Chanakya): एनडीए (148-178), महागठबंधन (66-89), जेएसपी (0)
- पोल डायरी (Poll Diary): एनडीए (184-209), महागठबंधन (32-49), अन्य (1-5)
- JVC: एनडीए (135-150), महागठबंधन (88-103), अन्य (3-7)
आंकड़ों का विश्लेषण: कौन कहां खड़ा है?
इन आंकड़ों में सबसे बड़ी जीत का अनुमान ‘पोल डायरी’ ने लगाया है, जिसने एनडीए को 184-209 सीटें दी हैं और महागठबंधन को महज 32-49 सीटों पर समेट दिया है। इसके विपरीत, ‘एक्सिस माई इंडिया’ ने एनडीए के लिए सबसे कम सीटों (121-141) की भविष्यवाणी की है, जबकि महागठबंधन को 98-118 सीटें मिलने की संभावना जताई है।
‘एक्सिस माई इंडिया’ के मुताबिक, वोट शेयर के मामले में भी मुकाबला बेहद करीबी है। एनडीए को करीब 43% वोट मिल सकते हैं, जबकि महागठबंधन 41% वोट हासिल करता दिख रहा है। यह मामूली अंतर सीटों के गणित को कभी भी बदल सकता है।
सीमांचल और सीएम फेस का पेच
क्षेत्रवार देखें तो मुस्लिम बहुल सीमांचल इलाके को छोड़कर बाकी बिहार में एनडीए का प्रदर्शन शानदार रहने का अनुमान है। लेकिन इन सबके बीच एक चौंकाने वाला तथ्य भी सामने आया है। भले ही एनडीए चुनाव जीतता दिख रहा हो, लेकिन मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर तेजस्वी यादव जनता की पहली पसंद बनकर उभरे हैं। कई पोल्स, जैसे कि एक्सिस माई इंडिया, के अनुसार 34% लोग तेजस्वी को सीएम बनाना चाहते हैं, जबकि नीतीश कुमार को 22% लोगों का ही समर्थन मिला है।
प्रशांत किशोर की पार्टी का क्या हुआ?
बिहार की राजनीति में पहली बार किस्मत आजमा रहे प्रशांत किशोर की ‘जन सुराज पार्टी’ (JSP), जिसे कई लोग ‘किंगमेकर’ के रूप में देख रहे थे, एग्जिट पोल्स में कोई बड़ा प्रभाव छोड़ती नहीं दिख रही। अधिकतर सर्वे में उन्हें 0 से 5 सीटों के बीच ही सिमटते हुए दिखाया गया है।
क्या एग्जिट पोल पर भरोसा करें?
यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि एग्जिट पोल केवल एक अनुमान होते हैं, जो मतदान के बाद वोटरों से ली गई राय पर आधारित होते हैं। इतिहास गवाह है कि 2015 और 2020 के बिहार चुनावों में कई एग्जिट पोल असल नतीजों से काफी दूर साबित हुए थे। बिहार की जनता ने वास्तव में किसके सिर पर ताज सजाया है, यह 14 नवंबर को मतगणना के बाद ही साफ हो पाएगा।
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