नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में सांसदों और पूर्व सांसदों के लिए बने संविधान क्लब ऑफ इंडिया (CCI) के सचिव (प्रशासन) पद के चुनाव में इस बार मुकाबला सीधे बीजेपी बनाम बीजेपी में बदल गया। सारण से सांसद राजीव प्रताप रूडी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और मुज़फ्फरनगर से सांसद संजीव बालियान को 102 वोटों से हराते हुए जीत दर्ज की।
इस बार के चुनाव में कुल 707 वोट डाले गए, जिनमें से 679 वैध और 38 डाक मतपत्र थे। करीब 60% मतदान हुआ, जो सीसीआई चुनावों के इतिहास में सबसे अधिक माना जा रहा है।
करीब पच्चीस साल से संविधान क्लब का नेतृत्व कर रहे राजीव प्रताप रूडी को इसे बदहाली से उबारने और आधुनिक सुविधाओं से लैस करने का श्रेय दिया जाता है। 2000 के दशक की शुरुआत से उनके नेतृत्व में क्लब में गेस्ट रूम, स्पा, जिम और रेस्तरां जैसी कई नई सुविधाएं जोड़ी गईं। हालांकि, उनके लंबे कार्यकाल को लेकर विपक्षियों ने बदलाव की मांग भी उठाई।
संविधान क्लब का मौजूदा स्वरूप 1965 में रफी मार्ग पर स्थापित हुआ था, जो विट्ठलभाई पटेल हाउस (सांसदों के आवास) के पास स्थित है। यह क्लब दशकों से राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजनों का केंद्र रहा है।
इस बार के चुनाव सिर्फ बीजेपी बनाम बीजेपी की वजह से ही नहीं, बल्कि आक्रामक चुनाव प्रचार के कारण भी चर्चा में रहे। पहली बार सांसद बनीं बीजेपी की कंगना रनौत ने चुटकी लेते हुए कहा, “पहली बार बीजेपी बनाम बीजेपी का चुनाव देख रही हूं, यह काफी कन्फ्यूज़िंग है, खासकर हम जैसे नए लोगों के लिए।”
चुनाव प्रचार में दलगत सीमाएं भी टूटती नजर आईं। झारखंड से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और अनाकापल्ली से सांसद सी. एम. रमेश ने संजीव बालियान का समर्थन किया, वहीं कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा खुले तौर पर राजीव प्रताप रूडी के पक्ष में नजर आए। मतदान के दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी जैसे बड़े नेताओं ने भी वोट डाला।
चुनाव के दौरान चर्चा रही कि संजीव बालियान को बीजेपी के वरिष्ठ नेतृत्व का समर्थन प्राप्त है, जबकि रूडी को पार्टी के एक शक्तिशाली क्षेत्रीय नेता का आशीर्वाद मिला हुआ है। हालांकि, दोनों ही नेताओं ने इस तरह के दावों से इनकार किया।
सचिव (प्रशासन) के अलावा, सचिव (कोषाध्यक्ष) पद पर डीएमके सांसद पी. विल्सन, सचिव (खेल) पद पर कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला और सचिव (संस्कृति) पद पर डीएमके सांसद तिरुचि शिवा निर्विरोध चुने गए। इनके अलावा 11 कार्यकारी समिति सदस्यों के लिए भी चुनाव हुए।
यह भी पढ़ें- न्यायाधीश यशवंत वर्मा पर बड़ी कार्रवाई: लोकसभा में बनी तीन सदस्यीय जांच कमेटी, महाभियोग की राह आसान?








