जूनागढ़: गुजरात में अपनी रणनीति को लेकर नए आत्मविश्वास का संकेत देते हुए कांग्रेस पार्टी ने बुधवार को एक बड़ा कदम उठाया। पार्टी ने जूनागढ़ में जिला अध्यक्षों और पदाधिकारियों के लिए दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के साथ अपने ‘संगठन सृजन अभियान’ के दूसरे चरण की शुरुआत की।
इस कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया कि पार्टी गुजरात में आगामी चुनाव जीतने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
खड़गे ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि 2014 से गुजरात में एक ‘रिमोट-कंट्रोल’ सरकार चल रही है, जिसके अहम फैसले राज्य के बजाय दिल्ली से लिए जा रहे हैं।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ढाई दशकों से अधिक समय से गुजरात में सत्ता में है, लेकिन अब जमीनी हकीकत काफी बदल गई है। उन्होंने दावा किया कि गुजरात की जनता अब शासन की कमियों को समझने लगी है और कांग्रेस के साथ फिर से जुड़ना चाहती है।
खड़गे के अनुसार, यह बदलाव 2017 के चुनावों में पहले ही दिख गया था, जब भाजपा सात जिलों में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी और उसकी कुल सीटों की संख्या पहली बार 100 से नीचे आ गई थी।
खड़गे ने विश्वास जताया कि प्रशिक्षण का यह चरण गुजरात में कांग्रेस को नई ताकत देगा। उनका मानना है कि जिला इकाइयों को मजबूत करना राजनीतिक परिवर्तन की एक बड़ी लहर लाने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
यह प्रशिक्षण पहल उस व्यापक संगठनात्मक अभियान का हिस्सा है, जिसे कांग्रेस द्वारा 2025 को ‘संगठन निर्माण का वर्ष’ घोषित किए जाने के बाद शुरू किया गया था। इस अभियान को शुरू करने के लिए गुजरात को ही चुना गया था।
पटेल और नेहरू के विचारों से प्रेरणा
कार्यशाला में भाग लेने वालों को स्वतंत्रता संग्राम और बाद में देश को आकार देने में सरदार वल्लभभाई पटेल और जवाहरलाल नेहरू द्वारा निभाई गई भूमिकाओं के बारे में विस्तार से बताया गया।
संगठनात्मक ताकत पर पटेल के विचारों को भी याद किया गया, विशेष रूप से उनका यह विश्वास कि “संख्यात्मक ताकत एकता और संरचना के बिना अर्थहीन है।” वहीं, नेहरू के इस दृढ़ विश्वास को आज की कांग्रेस के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में प्रस्तुत किया गया कि “हर पार्टी को समय-समय पर राष्ट्रीय विकास की गति के साथ तालमेल बिठाने के लिए खुद को फिर से तैयार करना चाहिए।”
खड़गे ने दोहराया कि कांग्रेस की विचारधारा का प्रचार और जनता के साथ सीधा जुड़ाव इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वालों की प्रमुख जिम्मेदारियां हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह 10-दिवसीय कार्यशाला न केवल कार्यकर्ताओं को ज्ञान से लैस करेगी, बल्कि उनकी पहचान को भी आकार देगी और भविष्य में बड़ी जिम्मेदारियों के द्वार खोलेगी।
केंद्र सरकार पर तीखे प्रहार
खड़गे ने संविधान की रक्षा, लोकतांत्रिक संस्थानों की सुरक्षा, सामाजिक सद्भाव का बचाव, और गरीबों, किसानों, मजदूरों और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए संसद और सड़कों पर पार्टी की चल रही लड़ाई पर भी प्रकाश डाला। कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी नेता राहुल गांधी द्वारा की गई विभिन्न यात्राओं और उनके प्रभाव पर भी जोर दिया।
केंद्र सरकार की तीखी आलोचना करते हुए खड़गे ने कहा, “इस देश में दो गुजराती ऐसे थे जिन्होंने आजादी के लिए लड़ाई लड़ी और देश को जोड़ा, लेकिन आज दो गुजराती इसे बांटने में लगे हुए हैं।”
उनका इशारा प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की ओर था। उन्होंने प्रधानमंत्री पर चीनी घुसपैठ के मुद्दे पर देश को गुमराह करने का भी आरोप लगाया, यह कहते हुए कि उन्होंने पहले किसी भी घुसपैठ से इनकार किया और बाद में खुद चीन का दौरा किया।
चुनावी धांधली के गंभीर आरोप
खड़गे ने चुनावी हेरफेर पर भी चिंता जताई, जिसमें बिहार में मतदाता सूची में छेड़छाड़ और गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा द्वारा वर्णित “वोट चोरी” का उल्लेख किया गया।
नवसारी की चोरियासी सीट – जहाँ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जीते थे – में कथित तौर पर वोटर धांधली का एक मामला सामने आया था। छह लाख मतदाताओं में से 40% के सत्यापित सैंपल में कथित तौर पर लगभग 30,000 फर्जी या डुप्लीकेट नाम पाए गए।
पार्टी ने सूरत लोकसभा क्षेत्र में हुई अनियमितताओं को भी याद किया और पार्टी की विचारधारा में विश्वास रखने वाले समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पहचान कर उन्हें सशक्त बनाने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया।
नेताओं ने उपस्थित लोगों से धैर्य, अनुशासन और दृढ़ संकल्प के साथ आगे की राह के लिए तैयार रहने का आग्रह किया और हर स्तर पर संगठनात्मक समर्थन का वादा किया।
उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले महीनों में, कांग्रेस 31 अक्टूबर से सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय समारोह भी शुरू करेगी। इस अवसर पर कांग्रेस महासचिव के. सी. वेणुगोपाल भी मौजूद रहे।
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