अहमदाबाद/मेहसाणा: गुजरात में अपने पुराने जनाधार को वापस पाने और राजनीतिक वनवास को खत्म करने की कवायद में जुटी कांग्रेस ने अपनी ‘जन आक्रोश यात्रा’ का पहला चरण पूरा कर लिया है। पार्टी का दावा है कि इस यात्रा ने किसानों की समस्याओं और राज्य में अवैध शराब व नशीले पदार्थों की बिक्री जैसे मुद्दों पर जनता के दिलों को छुआ है। इसके साथ ही, पार्टी नेतृत्व ने राज्य भर में यात्रा के अगले चार चरणों की घोषणा भी कर दी है।
बेचराजी में हुआ पहले चरण का समापन
पिछले दो सप्ताह से चल रही इस यात्रा ने गुजरात के सात जिलों में करीब 1,100 किलोमीटर का सफर तय किया। बुधवार को मेहसाणा जिले के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बेचराजी में इसका औपचारिक समापन हुआ।
इस मौके पर गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी (GPCC) के अध्यक्ष अमित चावड़ा, विधायक दल के नेता तुषार चौधरी और पूर्व केंद्रीय मंत्री भरतसिंह सोलंकी सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। वहीं, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के महासचिव सचिन पायलट ने भी एक वर्चुअल संबोधन के जरिए कार्यकर्ताओं में जोश भरा।
‘परिवर्तन नो शंखनाद’: 1995 के बाद सत्ता में वापसी की कोशिश
“परिवर्तन नो शंखनाद” (बदलाव की घोषणा) टैगलाइन के साथ शुरू की गई इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य राज्य में कांग्रेस की चुनावी किस्मत को बदलना है। गौरतलब है कि गुजरात में कांग्रेस 1995 से सत्ता से बाहर है। 2022 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था, जहां उसे 182 में से केवल 17 सीटें मिली थीं, जबकि भाजपा ने रिकॉर्ड 156 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
नेताओं का दावा- जनता का मिला भरपूर साथ
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यात्रा को लोगों का “शानदार रिस्पॉन्स” मिला है, जिसने पार्टी के “पुनरुद्धार” (Revival) के लिए मंच तैयार कर दिया है।
बनासकांठा जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व विधायक गुलाबसिंह राजपूत ने कहा, “इस यात्रा ने किसानों के मुद्दों और शराब-ड्रग्स की अवैध बिक्री को लेकर जनता के साथ सीधा संवाद स्थापित किया है। लोगों ने हमारा स्वागत किया और अपनी समस्याएं साझा कीं, क्योंकि उन्हें लगता है कि सरकार गलत है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसने पार्टी कार्यकर्ताओं में भी नई ऊर्जा का संचार किया है। राज्य नेतृत्व की सक्रियता ने कार्यकर्ताओं को उत्साहित कर दिया है।”
उत्तर गुजरात के अहम गढ़ों से गुजरी यात्रा
यह यात्रा वाव-थराद के ढीमा से शुरू हुई और बनासकांठा, साबरकांठा, अरावली, गांधीनगर, पाटन और मेहसाणा से होकर गुजरी। अमित चावड़ा और तुषार चौधरी के अलावा, एआईसीसी के गुजरात प्रभारी मुकुल वासनिक, मीडिया विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा, और युवा कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.वी. श्रीनिवास जैसे केंद्रीय नेताओं ने भी इसमें हिस्सा लिया। कई मौजूदा और पूर्व विधायकों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
सरकार पर तीखे हमले और प्रमुख मुद्दे
यात्रा के दौरान कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवानी ने अपने क्षेत्रों में अवैध ड्रग्स और शराब की बिक्री को रोकने में पुलिस की “विफलता” पर सवाल उठाए, जिससे यात्रा को काफी चर्चा मिली। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री हर्ष संघवी पर भी अपने हमले तेज कर दिए हैं।
किसानों के मुद्दों पर भी पार्टी आक्रामक दिखी। बेमौसम बारिश से हुए नुकसान के लिए राज्य सरकार द्वारा घोषित 10,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज को कांग्रेस ने “अपर्याप्त” बताया और पूर्ण कर्ज माफी की मांग दोहराई। इसके अलावा, महंगाई, बेरोजगारी, और फिक्स्ड-वेतन रोजगार नीति व कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम को खत्म करने की मांग भी यात्रा के दौरान प्रमुखता से उठाई गई।
भविष्य की रणनीति और 2027 की तैयारी
उत्तर गुजरात को कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जाता है, और यात्रा के मार्ग में आने वाली 12 सीटों में से 6 पर कांग्रेस के विधायक हैं। लोकसभा में पार्टी की एकमात्र सांसद गेनीबेन ठाकोर भी इसी क्षेत्र से आती हैं। मेहसाणा डीसीसी प्रमुख बलदेवजी ठाकोर ने स्वीकार किया कि भले ही कांग्रेस की स्थिति कमजोर है, लेकिन जनता परेशान है, इसलिए 2027 के परिणाम भाजपा के खिलाफ हो सकते हैं।
पाटन के विधायक किरीट पटेल ने कहा कि इस यात्रा ने उस धारणा को तोड़ दिया है कि कांग्रेस लोगों के बीच नहीं जाती। उन्होंने उम्मीद जताई कि यदि यह सिलसिला जारी रहा, तो अगले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी एक मजबूत गति (Momentum) प्राप्त कर लेगी।
वरिष्ठ नेता भरतसिंह सोलंकी ने 2017 के चुनावों (जब कांग्रेस ने 77 सीटें जीती थीं) को याद करते हुए कहा कि पार्टी 2027 के लिए सक्रिय रूप से तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा, “2017 में हम मामूली अंतर से चूक गए थे। अप्रैल 2026 के स्थानीय निकाय चुनाव 2027 के विधानसभा चुनावों की दिशा तय करेंगे।”
अगले चरणों का ऐलान
पहले चरण की सफलता से उत्साहित होकर, अमित चावड़ा ने यात्रा के अगले चार चरणों की घोषणा कर दी है। इसके तहत दूसरा चरण मध्य गुजरात, तीसरा सौराष्ट्र, चौथा दक्षिण गुजरात और अंतिम चरण कच्छ क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा।
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