नई दिल्ली: प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में अधिकारियों के कथित फेरबदल को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। मुख्य विपक्षी दल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राजनीतिक “म्यूजिकल चेयर” खेलने का आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार “एक कथित भ्रष्ट अधिकारी को हटाकर दूसरे को लाने” की तैयारी कर रही है।
पार्टी ने प्रधानमंत्री से स्पष्टीकरण मांगा है कि क्या भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे प्रसार भारती के पूर्व चेयरमैन नवनीत सहगल को पीएमओ में हिरेन जोशी की जगह नियुक्त किया जा रहा है?
क्या है पूरा मामला?
कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इन गंभीर मुद्दों को उठाया। उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि 2022 में उत्तर प्रदेश में एक गोपनीय आयकर (Income Tax) रिपोर्ट सामने आई थी। इस रिपोर्ट में 112 करोड़ रुपये के ‘किकबैक नेटवर्क’ (रिश्वत का जाल) का जिक्र था।
कथित तौर पर, इस रिपोर्ट में व्यवस्थित नौकरशाही भ्रष्टाचार की बात कही गई थी, जिसमें वरिष्ठ नौकरशाह नवनीत सहगल का नाम सबसे ऊपर बताया गया था।
पवन खेड़ा ने सवाल किया कि क्या हिरेन जोशी, जो पीएमओ में विशेष कर्तव्य अधिकारी (OSD) हैं और मीडिया मामलों को संभालते हैं, उन्हें हटाकर अब सहगल को लाया जा रहा है?
महादेव ऐप और हिरेन जोशी को लेकर सस्पेंस
हिरेन जोशी की मौजूदा स्थिति और उनके पद से हटाए जाने को लेकर सोशल मीडिया पर काफी अटकलें लगाई जा रही हैं। कई अपुष्ट वायरल दावों में उन्हें महादेव ऐप (एक अवैध सट्टेबाजी ऐप नेटवर्क) से भी जोड़ा जा रहा है। इससे पहले कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी आरोप लगाया था कि पीएमओ का एक अधिकारी करोड़ों रुपये के सट्टेबाजी ऐप घोटाले में शामिल है।
दूसरी ओर, रिपोर्ट्स बताती हैं कि हिरेन जोशी, जो पीएमओ में ओएसडी (संचार और सूचना प्रौद्योगिकी) के रूप में तैनात थे और बड़े मीडिया घरानों के प्रमुख पत्रकारों के व्हाट्सएप फीड में लगातार सक्रिय रहते थे, उन्हें पहले हटाया गया और फिर वापस लाया गया।
वहीं, नवनीत सहगल का तीन साल के कार्यकाल के दौरान महज 20 महीने में अचानक इस्तीफा देना भी चर्चा का विषय बना हुआ है। अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या सहगल की अचानक विदाई का हिरेन जोशी के मामले से कोई संबंध है?
पवन खेड़ा ने दागे 5 तीखे सवाल
कांग्रेस नेता ने सरकार से जवाब मांगते हुए पूछा कि पीएमओ में और कौन से रैकेट चल रहे हैं और इसके लिए कौन जवाबदेह है? उन्होंने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा, “सट्टेबाजी ऐप घोटाले से जुड़े अधिकारी अगर पीएमओ के दिल में बैठकर काम कर सकते हैं, तो यह पीएम मोदी के बारे में क्या दर्शाता है? पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर ‘रेनकोट पहनकर नहाने’ का तंज कसने वाले पीएम मोदी अब खुद ‘मौन मोदी’ क्यों बन गए हैं?”
कांग्रेस ने निम्नलिखित सवाल पूछे हैं:
हिरेन जोशी का स्टेटस क्या है? क्या उन्हें औपचारिक रूप से हटाया गया है, निलंबित किया गया है, या उनके खिलाफ जांच चल रही है? क्या पीएम मोदी व्यक्तिगत रूप से उन्हें जांच से बचा रहे हैं?
क्या नवनीत सहगल की एंट्री हो रही है? क्या मीडिया रिपोर्ट्स सही हैं कि हिरेन जोशी की जगह नवनीत कुमार सहगल को लाया जा रहा है? वही अधिकारी, जिनका नाम आदित्यनाथ सरकार के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के लिए आयकर जांच में आया था?
जवाबदेही क्यों नहीं? पीएम मोदी जवाबदेही सुनिश्चित करने के बजाय “म्यूजिकल चेयर” क्यों खेल रहे हैं, जहां एक कथित भ्रष्ट अधिकारी की जगह दूसरे को लाया जा रहा है?
योगी सरकार की चुप्पी पर सवाल: पवन खेड़ा ने यह भी पूछा कि जब आयकर विभाग ने अपने निष्कर्ष सरकार के साथ साझा किए थे, तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?
क्या यह ‘व्हाइटवॉश’ है? क्या यह भ्रष्टाचार की “साफ-सफाई” (Whitewashing) नहीं है, जबकि पीएम मोदी लगातार “ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा” का नारा देते रहते हैं?
कांग्रेस का यह आरोप और अधिकारियों के फेरबदल पर उठ रहे सवाल अब सियासी गलियारों में चर्चा का केंद्र बन गए हैं।
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