वडोदरा: माही नदी पर स्थित गंभीर पुल हादसे के 23 दिन बाद आखिरकार उस टैंकर को निकालने का ऑपरेशन शुक्रवार को शुरू हो गया, जो पुल के टूटे हिस्से से खतरनाक ढंग से लटक रहा था। इस हादसे में अब तक 21 लोगों की जान जा चुकी है। टैंकर के अगले हिस्से को हाई-प्रेशर एयरबैग की मदद से ऊपर उठाया जाएगा।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के निर्देश के बाद आनंद जिला प्रशासन ने पोरबंदर स्थित मरीन इमरजेंसी रेस्पॉन्स सेंटर (MERC) को इस काम में लगाया, जिसने सिंगापुर से विशेषज्ञों को बुलाया है। MERC को हाल ही में कोझिकोड (केरल) के तट पर 800 टन खतरनाक रसायन ले जा रहे सिंगापुर फ्लैग वाले कंटेनर जहाज ‘वान हाई 503’ को सुरक्षित निकालने के लिए तैनात किया गया था।
आनंद के जिलाधिकारी प्रवीन चौधरी ने बताया, “MERC की 20 सदस्यीय टीम बामनगाम में ऑपरेशन के लिए डेरा डाले हुए है। उन्हें इस तरह के भारी जहाजों को निकालने का अनुभव है, जिनका वजन 500 टन से अधिक होता है। इस 12-टन वजनी टैंकर को ‘बलून टेक्नोलॉजी’ से बाहर निकाला जाएगा।”
टैंकर के नीचे लचीले हाई-प्रेशर एयरबैग्स लगाए जाएंगे, जिन्हें फुलाकर टैंकर के सामने वाले हिस्से को धीरे-धीरे ऊपर उठाया जाएगा। यह हिस्सा करीब 50 फीट नीचे नदी की ओर झुका हुआ है।
शुक्रवार को MERC टीम ने टूटे स्लैब पर रिगिंग का काम पूरा कर लिया। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने साफ निर्देश दिए हैं कि यह ऑपरेशन “जीरो-इंसिडेंट” नीति के तहत किया जाए। MERC यह काम बिना किसी शुल्क के (Pro Bono) कर रही है।
अधिकारियों ने बताया कि ऑपरेशन के अंतिम चरण में पुल के ढांचे पर किसी भी तरह की मानवीय गतिविधि नहीं होगी, और पूरे इलाके को सील कर दिया गया है।
जब यह पूछा गया कि टैंकर को खींचकर क्यों नहीं निकाला गया, तो कलेक्टर चौधरी ने कहा, “इंजीनियरिंग दृष्टिकोण से देखा जाए तो पियर-5, जिस पर टैंकर टिका है, एक कैंटिलीवर संरचना है, जो एक तरफ से बिना सपोर्ट के क्षैतिज रूप से फैली हुई है। यह बहुत जटिल काम है क्योंकि पियर-5 अब भार नहीं उठा पा रहा है और टैंकर नदी की तरफ झुका हुआ है।”
गौरतलब है कि यह टैंकर पहले हाइड्रोक्लोरिक एसिड लेकर अहमदाबाद गया था और वहां से खाली होकर भराई के लिए दहेज लौट रहा था। हादसे के समय टैंकर चालक कूदकर पुल के एक स्थिर हिस्से पर चढ़ गया था, लेकिन उसके सामने कई वाहन और लोग नदी में गिर गए।
टैंकर शिवम रोडलाइन्स, अंकलेश्वर का है। इसके मालिक ने प्रशासन से वाहन को जल्द निकालने की गुहार लगाई है, क्योंकि वह हर महीने करीब ₹1 लाख की EMI भरते हैं। कलेक्टर चौधरी ने बताया, “मैंने राज्य स्तरीय बैंकर समिति से अनुरोध किया है कि उनकी EMI चार महीने के लिए स्थगित की जाए।”
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