नई दिल्ली। पूरे भारत में इन दिनों नवरात्रि की धूम है और हर तरफ गरबा और डांडिया की गूंज सुनाई दे रही है। यह त्योहार सिर्फ पंडालों या सोसायटियों तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि इसका उत्साह अब एयरपोर्ट जैसी अप्रत्याशित जगहों पर भी देखने को मिल रहा है।
हाल ही में मुंबई और गोवा एयरपोर्ट से आई तस्वीरों ने सोशल मीडिया पर सबका ध्यान खींचा है, जहाँ यात्रियों और स्टाफ ने मिलकर गरबा किया। इन घटनाओं ने एक नई बहस को भी जन्म दिया है कि सार्वजनिक स्थानों पर त्योहार मनाने की सीमा क्या होनी चाहिए।
मुंबई एयरपोर्ट पर गरबा ने छेड़ी बहस
जाने-माने उद्योगपति हर्ष गोयनका ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर मुंबई एयरपोर्ट का एक वीडियो साझा किया। इस क्लिप में यात्री और एयरपोर्ट कर्मचारी एक साथ गरबा करते हुए नज़र आ रहे थे। पीले और लाल रंग के पारंपरिक परिधानों में सजे लोग पूरे उत्साह के साथ नाच रहे थे, और वर्दी में मौजूद एयरपोर्ट स्टाफ भी डांडिया खेलकर उनका साथ दे रहा था।
गोयनका ने वीडियो के कैप्शन में लिखा, “मुंबई एयरपोर्ट पर यात्री, पायलट, स्टाफ, सभी एक ही धुन पर थिरक रहे हैं। दुनिया के किसी और एयरपोर्ट पर ऐसा जज़्बा नहीं है। यह भारत है।”
हालांकि, इस वीडियो को लेकर लोगों की राय बँट गई। जहाँ कई लोगों ने इस त्योहारी भावना की जमकर तारीफ़ की, वहीं कुछ लोगों ने इसे एयरपोर्ट के अनुशासन के खिलाफ बताया।
एक यूज़र ने लिखा, “इस तरह का व्यवहार भारतीय प्रवासियों के लिए वैश्विक स्तर पर समस्याएँ पैदा करता है, ऐसी चीज़ों को बढ़ावा देना बंद करें।” एक अन्य ने इसे “शर्मनाक” बताया। इस आलोचना के बावजूद, वीडियो को लाखों बार देखा गया और इसने सार्वजनिक स्थानों पर जश्न मनाने के तौर-तरीकों पर एक गंभीर चर्चा शुरू कर दी है।
गोवा एयरपोर्ट पर इंतज़ार बन गया उत्सव
एक ऐसा ही खूबसूरत नज़ारा गोवा एयरपोर्ट पर देखने को मिला। यहाँ सूरत जाने वाली एक उड़ान तकनीकी खराबी के कारण पाँच घंटे की देरी से चल रही थी। यात्री, जो नवरात्रि मनाने के लिए सूरत पहुँचने को उत्सुक थे, इस देरी से निराश हो सकते थे। लेकिन उन्होंने इस निराशा को उत्सव में बदल दिया।
मयूर नाम के एक यात्री ने फ्लाइट अटेंडेंट से सूरत जाकर गरबा खेलने की अपनी इच्छा ज़ाहिर की। बस फिर क्या था, फ्लाइट अटेंडेंट ने यात्रियों की भावनाओं को समझा और स्पीकर्स का इंतज़ाम कर दिया।
देखते ही देखते गोवा एयरपोर्ट का बोर्डिंग एरिया एक गरबा ग्राउंड में तब्दील हो गया। वायरल हुए वीडियो में यात्री और एयरलाइन स्टाफ पारंपरिक लोकगीतों पर एक घेरा बनाकर नाचते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस दौरान बाकी यात्री भी इस अनोखे जश्न का आनंद लेते दिखे।
ये दोनों घटनाएँ एक सवाल खड़ा करती हैं कि सांस्कृतिक उत्सव और सार्वजनिक व्यवस्था के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए, खासकर एयरपोर्ट जैसी उच्च-सुरक्षा वाली जगहों पर। जहाँ एक तरफ यह भारतीय संस्कृति की जीवंतता को दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर यह अनुशासन और नागरिक बोध (civic sense) के महत्व को भी रेखांकित करता है।
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