अहमदाबाद: अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने शुक्रवार को भारतीय ज्ञान परंपरा और इंडोलॉजी (Indology) को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक घोषणा की है। ‘अडानी ग्लोबल इंडोलॉजी कॉन्क्लेव’ के उद्घाटन सत्र में बोलते हुए उन्होंने ‘भारत नॉलेज ग्राफ’ (Bharat Knowledge Graph) के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये का योगदान देने का ऐलान किया।
क्या है ‘भारत नॉलेज ग्राफ’?
यह अपनी तरह का पहला डिजिटल ढांचा (Digital Framework) होगा, जिसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के युग में भारत के सभ्यतागत ज्ञान को संरक्षित करने, उसे व्यवस्थित करने और भविष्य के लिए सुरक्षित करने के लिए डिजाइन किया गया है।
सभ्यतागत ऋण चुकाने का प्रयास
कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान गौतम अडानी ने कहा, “शुरुआत के तौर पर, मैं भारत नॉलेज ग्राफ के निर्माण और इस इंडोलॉजी मिशन में योगदान देने वाले विद्वानों और टेक्नोलॉजिस्ट के समर्थन के लिए 100 करोड़ रुपये के योगदान की घोषणा करते हुए विनम्रता महसूस कर रहा हूं। यह एक सभ्यतागत ऋण (civilizational debt) को चुकाने जैसा है”।
उन्होंने आगे कहा कि यदि कोई सभ्यता अपने सांस्कृतिक और भावनात्मक ढांचे की रक्षा नहीं करती है, तो मानवीय व्यवहार संस्कृति या परंपरा की ओर नहीं, बल्कि मशीनी एल्गोरिदम के तर्क की ओर झुक जाएगा। यह बदलाव हमारी सोचने और समझने की शक्ति को बदल देगा।
शंकराचार्य का आशीर्वाद और समर्थन
इस कॉन्क्लेव में ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “जब मैंने शंकराचार्य का पद संभाला था, तो मैंने कहा था कि मेरी भूमिका तभी सार्थक होगी जब भारत विश्वगुरु बनेगा। आज, गौतम अडानी जी की यह पहल मेरे उस सपने को पूरा करने में एक बड़ा सहयोग है”।
14 पीएचडी विद्वानों को मिलेगा सहयोग
अडानी समूह और शिक्षा मंत्रालय के ‘इंडियन नॉलेज सिस्टम्स’ (IKS) के सहयोग से आयोजित यह पहल 14 पीएचडी विद्वानों (PhD Scholars) को सपोर्ट करेगी। ये विद्वान भाषा विज्ञान, खगोल विज्ञान, विरासत अध्ययन और पारंपरिक विज्ञान जैसे विविध विषयों में आधुनिक शोध विधियों को लागू करेंगे। इन विद्वानों का चयन आईआईटी (IITs), आईआईएम (IIMs) और अन्य प्रमुख संस्थानों के माध्यम से किया गया है।
कार्यक्रम का उद्देश्य
यह तीन दिवसीय ग्लोबल इंडोलॉजी कॉन्क्लेव 20 से 22 नवंबर 2025 तक अहमदाबाद स्थित अडानी कॉरपोरेट हाउस में आयोजित किया जा रहा है। ऐसे समय में जब दुनिया भर में इंडोलॉजी विभाग सिकुड़ रहे हैं, इस प्रयास का उद्देश्य भारत की ज्ञान प्रणालियों पर देश के स्वामित्व को फिर से स्थापित करना और उन्हें एक प्रामाणिक, शोध-आधारित भारतीय दृष्टिकोण के माध्यम से दुनिया के सामने प्रस्तुत करना है।
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