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GIFT City: ग्लोबल अकाउंटिंग और निवेश का नया ठिकाना, जहां से मैनेज हो रहा है दुनिया के दिग्गजों का हिसाब-किताब

| Updated: November 21, 2025 14:15

अमेरिका के दिग्गजों का टैक्स रिटर्न अब गुजरात से हो रहा फाइल, Fortune 500 कंपनियों की पहली पसंद बना GIFT City

अहमदाबाद/गांधीनगर: अगर आप सोचते हैं कि दुनिया के किसी दिग्गज बास्केटबॉल खिलाड़ी या मशहूर टॉक-शो होस्ट का टैक्स और पेपरवर्क न्यूयॉर्क या लॉस एंजिल्स में तैयार होता है, तो आप शायद गलत हैं। हकीकत यह है कि इनमें से कई रिटर्न अब गुजरात के अहमदाबाद या GIFT City (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी) में तैयार किए जा रहे हैं।

गिफ्ट सिटी अब एक ऐसे ग्लोबल फाइनेंशियल और टेक्नोलॉजी हब के रूप में उभर रहा है, जो एक ही छत के नीचे सिंगल-विंडो क्लीयरेंस और अप्रूवल की सुविधा देता है।

गुजरात का बदलता स्वरूप: ग्लोबल ऑडिट का नया केंद्र

Fortune 500 में शामिल कई बड़ी कंपनियां अब अपने टैक्स और ऑडिट ऑपरेशन्स के लिए गुजरात का रुख कर रही हैं। ग्लोबल ऑडिट नेटवर्क्स अपने अकाउंटिंग के काम का एक बड़ा हिस्सा अहमदाबाद और गिफ्ट सिटी स्थित फर्मों को आउटसोर्स (subcontract) कर रहे हैं।

मजबूत टैलेंट बेस और कम खर्च (competitive operating costs) के कारण, गुजरात चुपचाप टैक्स, ऑडिट, बुककीपिंग और रेगुलेटरी कंप्लायंस के लिए आउटसोर्स सेवाओं का एक प्रमुख ग्लोबल सेंटर बन गया है।

इंडस्ट्री के जानकारों के मुताबिक, करीब 10 प्रमुख फर्में इस बदलाव की अगुवाई कर रही हैं। ये फर्में करीब 20,000 प्रोफेशनल्स को रोजगार दे रही हैं—जिनमें 3,000 से ज्यादा क्वालिफाइड चार्टर्ड अकाउंटेंट्स शामिल हैं। अनुमान है कि ये फर्में सालाना 5,000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू जेनरेट कर रही हैं।

इस सेक्टर से जुड़े लोग इस बात की पुष्टि करते हैं कि कई हाई-प्रोफाइल इंटरनेशनल सेलेब्रिटीज की टैक्स फाइलिंग अब अहमदाबाद में ही संभाली जाती है।

एक्सपर्ट्स की राय: क्या बनाता है इसे खास?

GCCI डायरेक्ट टैक्स कमिटी के चेयरमैन, CA जैनिक वकील ने गुजरात की बढ़ती लोकप्रियता का कारण यहाँ की एक्सपर्टाइज (विशेषज्ञता), सिस्टम और किफायती लागत के अनूठे मेल को बताया है।

उन्होंने कहा, “कई स्पोर्ट्स और एंटरटेनमेंट जगत की हस्तियां, जिनमें एक लेजेंडरी बास्केटबॉल खिलाड़ी और एक आइकॉनिक टॉक-शो प्रेजेंटर शामिल हैं, अपने रिटर्न अहमदाबाद में तैयार करवाते हैं। जैसे-जैसे मल्टीनेशनल कंपनियां अपने GCC (ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स) यहाँ स्थापित कर रही हैं, गुजरात तेजी से एक ग्लोबल हब बन रहा है। गिफ्ट सिटी इस बदलाव को और रफ्तार देगा।”

निवेश के लिए आसान रास्ते और इंफ्रास्ट्रक्चर

सिर्फ अकाउंटिंग ही नहीं, गिफ्ट सिटी उन व्यवसायों के लिए ‘प्लग-एंड-प्ले’ इंफ्रास्ट्रक्चर भी मुहैया करा रहा है जो तेजी से विकास चाहते हैं। हाल तक, विदेशों में निवेश करने के इच्छुक भारतीयों के पास सीमित विकल्प थे—या तो घरेलू म्यूचुअल फंड्स (जो RBI की विदेशी सीमाओं से बंधे थे) या सीधे इंटरनेशनल ब्रोकरेज के जरिए। खुदरा निवेशकों (Retail Investors) के लिए स्टॉक का चयन और मार्केट की टाइमिंग को समझना काफी चुनौतीपूर्ण था।

अब गिफ्ट सिटी प्लेटफॉर्म पर लॉन्च किए गए फंड्स एक सरल विकल्प पेश करते हैं। ये प्रोफेशनली मैनेज्ड होते हैं और भारत से सलाह और प्रबंधन के साथ इंटरनेशनल मार्केट में पूंजी लगाते हैं। इससे रिटेल इन्वेस्टर्स को विदेशी निवेश की जटिलताओं में उलझे बिना ग्लोबल मौकों का फायदा मिलता है।

टैलेंट का पावरहाउस: गुजरात का एजुकेशन इकोसिस्टम

यह कहना गलत नहीं होगा कि गिफ्ट सिटी के साथ गुजरात भारत में फाइनेंशियल सर्विसेज की अगुवाई कर रहा है। अपने बढ़ते टैक्स और ऑडिट ऑपरेशन्स के साथ, गिफ्ट सिटी ने एक बड़ी छलांग लगाई है।

मनुभाई एंड शाह एलएलपी (Manubhai & Shah LLP) के को-मैनेजिंग पार्टनर CA क्षितिज पटेल, जिनकी फर्म में करीब 1,500 स्टाफ विदेशी अकाउंटिंग और टैक्स असाइनमेंट में लगे हैं, मानते हैं कि राज्य के पास एक स्पष्ट बढ़त है।

उन्होंने कहा, “पश्चिमी देशों में काम करने वाली आबादी बूढ़ी हो रही है और वहां ट्रेंड टेक टैलेंट की कमी है। इसके विपरीत, गुजरात में एक मजबूत अकाउंटिंग एजुकेशन इकोसिस्टम है, जिससे हमें स्किल्ड युवा प्रोफेशनल्स लगातार मिलते रहते हैं।”

लागत में भारी बचत और भविष्य की योजनाएं

इन खूबियों ने गुजरात को ग्लोबल अकाउंटिंग, टैक्स और फाइनेंशियल सर्विसेज के लिए एक लीडिंग डेस्टिनेशन बना दिया है।

फाइनेंशियल स्पेस में एक और प्रमुख नाम CA शालिन पारीख का है, जिन्होंने 2015 में MyCPE One लॉन्च किया था। उनकी फर्म में अब लगभग 3,000 प्रोफेशनल्स काम करते हैं और यह सालाना 500 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज करती है।

भविष्य की संभावनाओं पर बात करते हुए शालिन पारीख ने कहा, “हम अमेरिका की लागत के मुकाबले कम से कम 70% सस्ता टैक्सेशन और अकाउंटिंग सर्विस देते हैं। हमारे आउटसोर्सिंग रेवेन्यू का लगभग 80% अकेले अमेरिका से आता है। AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद से, हम गैर-अंग्रेजी बाजारों (non-English markets) में भी विस्तार करेंगे।” वे अगले दशक में तेजी से विस्तार की उम्मीद कर रहे हैं।

भरोसे का प्रतीक

इन प्रभावशाली आंकड़ों के पीछे एक व्यापक इकोसिस्टम है जिसने पीढ़ियों से कुशल प्रोफेशनल्स को तैयार किया है। पूर्व ICAI प्रेसिडेंट अनिकेत तलाटी गुजरात के इस उदय का श्रेय अकाउंटिंग प्रोफेशन के प्रति यहाँ के पुराने सांस्कृतिक और शैक्षणिक लगाव को देते हैं।

अब मल्टीनेशनल कंपनियां अहमदाबाद में अपने GCC सिर्फ लागत बचाने के लिए नहीं खोल रही हैं, बल्कि इसलिए भी आ रही हैं क्योंकि उन्हें यहाँ के काम की सुपीरियर क्वालिटी (superior quality) पर पूरा भरोसा है।

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