केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) संरचना में बड़ा बदलाव प्रस्तावित किया है। नए प्रस्ताव के अनुसार अब सिर्फ दो स्लैब—5% और 18%—रखे जाएंगे, जबकि तंबाकू और पान मसाला जैसे ‘सिन गुड्स’ पर 40% का जीएसटी लगाया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक यह प्रस्ताव जीएसटी काउंसिल को भेज दिया गया है। काउंसिल सितंबर में दो दिवसीय बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में इस सुधार का संकेत देते हुए कहा कि दिवाली से पहले “नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म” लागू किया जाएगा।
पीएम मोदी ने लाल किले से कहा, “मैं इस दिवाली एक बड़ा तोहफ़ा देने जा रहा हूं। पिछले आठ वर्षों में हमने जीएसटी लागू किया और टैक्स सिस्टम को सरल बनाया। अब समय आ गया है इसकी समीक्षा करने का। राज्यों से परामर्श करने के बाद अब ‘नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म’ लाने जा रहे हैं।”
प्रस्तावित सुधार की मुख्य बातें
- जरूरी वस्तुओं पर टैक्स में कटौती: खेती से जुड़े उत्पादों, स्वास्थ्य सेवाओं, बीमा और हस्तशिल्प जैसी चीजों पर जीएसटी घटाने की योजना।
- स्लैब संरचना में बदलाव: अभी जीएसटी की पांच दरें हैं—0%, 5%, 12%, 18% और 28%। नए प्रस्ताव में 12% स्लैब खत्म कर दिया जाएगा और इसके दायरे में आने वाली वस्तुओं को 5% और 18% स्लैब में समायोजित किया जाएगा।
- उपभोग और अर्थव्यवस्था पर फोकस: सरकार का मानना है कि आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स घटने से खपत बढ़ेगी, एमएसएमई को लाभ मिलेगा और अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा—“यह दिवाली का तोहफ़ा होगा। आवश्यक सेवाओं पर टैक्स में बड़ी कटौती होगी। एमएसएमई को फायदा मिलेगा, रोज़मर्रा की ज़रूरत के सामान सस्ते होंगे और अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।”
असर और लागू होने की समयसीमा
सूत्रों के अनुसार स्वास्थ्य और जीवन बीमा जैसी सेवाएं नई टैक्स संरचना के बाद सस्ती हो सकती हैं। हालांकि सरकार को अंदेशा है कि जीएसटी दरें घटने से राजस्व पर अस्थायी असर पड़ सकता है, लेकिन उम्मीद है कि बिक्री बढ़ने और अनुपालन बेहतर होने से घाटा पूरा हो जाएगा।
जीएसटी काउंसिल की सितंबर बैठक में अंतिम फैसला लिया जाएगा और सरकार इसे दिवाली से पहले लागू करने की तैयारी कर रही है।
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