गांधीनगर: गुजरात सरकार ने राज्य के किसानों के लिए एक बड़ी राहत का ऐलान किया है। पिछले दो सप्ताहों के दौरान हुई बेमौसम बारिश ने राज्य भर में फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया था, जिससे किसान काफी संकट में थे। इस मुश्किल घड़ी में मदद का हाथ बढ़ाते हुए, राज्य सरकार ने शुक्रवार को लगभग 10,000 करोड़ रुपये के एक विशाल राहत पैकेज की घोषणा की है। इसे राज्य के इतिहास में किसानों के लिए अब तक का सबसे बड़ा मुआवजा पैकेज बताया जा रहा है।
सरकार ने दरियादिली दिखाते हुए तय किया है कि प्रभावित सभी 33 जिलों के किसानों को एक समान दर से मुआवजा दिया जाएगा। इस पैकेज के तहत, फसल नुकसान झेलने वाले प्रत्येक किसान को 22,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की आर्थिक सहायता मिलेगी। हालांकि, यह सहायता अधिकतम दो हेक्टेयर तक सीमित रहेगी, जिसका अर्थ है कि एक किसान को सरकार की ओर से ज्यादा से ज्यादा 44,000 रुपये तक की मदद मिल सकेगी।
राज्य के कृषि मंत्री और सरकार के प्रवक्ता जीतू वाघाणी ने गांधीनगर में पत्रकारों को बताया कि यह राहत सिंचित और गैर-सिंचित, दोनों प्रकार की फसलों के लिए लागू होगी।
उन्होंने कहा, “आम तौर पर फसल नुकसान के अलग-अलग स्तरों के लिए अलग-अलग प्रावधान होते हैं, लेकिन हमारी सरकार ने बड़ा दिल रखते हुए सभी प्रभावित किसानों के लिए एक उदार और समान पैकेज देने का फैसला किया है।”
सरकारी सर्वेक्षण के आंकड़े बताते हैं कि बेमौसम बारिश का कहर काफी व्यापक था। राज्य के 33 जिलों के 251 तालुकों में फैले लगभग 16,500 गांवों में 44 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि पर खड़ी फसलें प्रभावित हुई हैं। नुकसान का आकलन करने के लिए 5,100 टीमों ने सर्वेक्षण किया था। मंत्री वाघाणी ने आश्वासन दिया कि यदि कोई किसान सर्वे में छूट गया है, तो वह आवेदन कर सकता है और सरकार उसे भी मुआवजा देगी।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस स्थिति को अभूतपूर्व बताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा कि अक्टूबर के अंत में शुरू हुई यह बारिश पिछले दो दशकों में देखी गई किसी भी बारिश से अलग थी, जिसने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई।
सीएम ने कहा, “राज्यव्यापी फसल नुकसान को देखते हुए, मैं किसानों के लिए लगभग 10,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा कर रहा हूं। राज्य सरकार किसानों की आर्थिक खुशहाली के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”
राहत पैकेज के अलावा सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जीतू वाघाणी ने जानकारी दी कि राज्य सरकार 9 नवंबर से समर्थन मूल्य पर लगभग 15,000 करोड़ रुपये मूल्य की फसलों की खरीद शुरू करेगी।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, बेमौसम बारिश से अनाज (धान, ज्वार, बाजरा) की 13.70 लाख हेक्टेयर, दलहन (तुअर, उड़द, मूंग) की 4.60 लाख हेक्टेयर, तिलहन (मूंगफली, सोयाबीन, अरंडी) की 31.76 लाख हेक्टेयर और कपास व सब्जियों जैसी नकदी फसलों की 22.62 लाख हेक्टेयर में हुई बुवाई प्रभावित हुई है।
विपक्ष ने इस घोषणा पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा ने तंज कसते हुए कहा कि यह पैकेज कांग्रेस की ‘खेड़ूत आक्रोश यात्रा’ के दबाव में घोषित किया गया है और उन्होंने किसानों के लिए पूर्ण कर्ज माफी की मांग की।
वहीं, गुजरात किसान कांग्रेस के चेयरमैन पाल अंबालिया का दावा है कि वास्तविक नुकसान 10,000 करोड़ रुपये से कहीं अधिक है, इसलिए सरकार को पूरे नुकसान की भरपाई करनी चाहिए।
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