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गुजरात ATS की बड़ी कार्रवाई: ‘रिसिन’ जहर से हमले की साजिश रच रहे डॉक्टर समेत तीन आतंकी गिरफ्तार, ISKP से जुड़े तार

| Updated: November 10, 2025 13:04

ISKP से जुड़े तार: पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए मंगवाए हथियार, चीन से मेडिकल पढ़ा डॉक्टर बना रहा था घातक 'रिसिन' जहर; गुजरात ATS ने ऐसे नाकाम की बड़ी आतंकी साजिश।

अहमदाबाद: गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने रविवार को एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम करते हुए तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में चीन से मेडिकल की डिग्री (MBBS) हासिल करने वाला एक डॉक्टर भी शामिल है। अधिकारियों के मुताबिक, ये संदिग्ध कथित तौर पर ‘रिसिन’ (Ricin) नामक एक अत्यंत घातक जहर बनाने की कोशिश कर रहे थे, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रासायनिक और जैविक हथियारों की सूची में रखा गया है।

ATS के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने देश में आतंकी हमला करने के इरादे से लखनऊ, दिल्ली और अहमदाबाद के कई संवेदनशील स्थानों की रेकी भी की थी। तलाशी के दौरान इनके पास से तीन पिस्तौल, 30 जिंदा कारतूस और लगभग चार लीटर अरंडी का तेल (Castor Oil) बरामद किया गया है।

कौन हैं गिरफ्तार आरोपी?

गुजरात ATS ने गिरफ्तार आरोपियों की पहचान हैदराबाद (तेलंगाना) निवासी 35 वर्षीय डॉ. अहमद मोहिउद्दीन सैयद, उत्तर प्रदेश के शामली निवासी 20 वर्षीय दर्जी आजाद सुलेमान शेख और उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी निवासी 23 वर्षीय छात्र मोहम्मद सुहैल मोहम्मद सलीम खान के रूप में की है।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ATS के पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) सुनील जोशी ने बताया कि डीएसपी एस.एल. चौधरी को खुफिया जानकारी मिली थी कि हैदराबाद का अहमद मोहिउद्दीन सैयद भारत में आतंकी हमले की साजिश में शामिल है और इसे अंजाम देने के लिए वह अहमदाबाद आया है।

कैसे हुई गिरफ्तारी?

तकनीकी निगरानी के आधार पर एसपी के. सिद्धार्थ के नेतृत्व में एक टीम ने अहमदाबाद-मेहसाणा रोड पर अडालज टोल प्लाजा के पास एक कार को रोका। कार चला रहे सैयद की तलाशी लेने पर टीम को दो ग्लॉक पिस्तौल, एक बेरेटा पिस्तौल, 30 जिंदा कारतूस और 10 लीटर के प्लास्टिक कंटेनर में रखा गया अरंडी का तेल मिला।

DIG जोशी ने बताया कि पूछताछ के दौरान सैयद ने स्वीकार किया कि वह आतंकी हमले की योजना में सक्रिय रूप से शामिल था। उसने कथित तौर पर गुजरात के कलोल के पास एक सुनसान जगह (डेड ड्रॉप) से हथियारों का यह जखीरा हासिल किया था।

अफगानिस्तान और पाकिस्तान से जुड़े तार

जांच में सामने आया है कि सैयद का हैंडलर अबू खदीजा नाम का व्यक्ति है, जो अफगानिस्तान में रहता है और इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (ISKP) से जुड़ा है। सैयद पाकिस्तान के भी कई लोगों के संपर्क में था।

अधिकारी ने बताया कि डॉक्टर सैयद घातक जहर ‘रिसिन’ तैयार कर रहा था। इसके लिए उसने रिसर्च शुरू कर दी थी, जरूरी उपकरण और कच्चा माल खरीदा था और इसे बनाने के लिए शुरुआती रासायनिक प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी।

ड्रोन से भेजे गए थे हथियार

सैयद के डिजिटल उपकरणों की फॉरेंसिक जांच के बाद, डीएसपी के.पी. पटेल और वी.के. परमार की टीम ने उत्तर प्रदेश से शेख और सलीम को भी गिरफ्तार कर लिया। इन दोनों पर आरोप है कि उन्होंने सैयद को पिस्तौल और कारतूस वाला बैग मुहैया कराया और बनासकांठा से राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में मदद की।

पूछताछ में पता चला कि ये दोनों चरमपंथी विचारधारा से प्रभावित थे। उन्होंने राजस्थान के हनुमानगढ़ से हथियार प्राप्त किए थे। आरोपियों ने खुलासा किया कि उनका हैंडलर पाकिस्तान सीमा पार से ड्रोन के जरिए हथियारों की खेप भेजता है।

कानूनी कार्रवाई

8 नवंबर को तीनों गिरफ्तार आरोपियों और वांछित आरोपी अबू खदीजा के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA), भारतीय न्याय संहिता (BNS) और आर्म्स एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। सैयद को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 17 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। गुजरात ATS इस साजिश में शामिल अन्य लोगों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए आगे की जांच कर रही है।

क्या है ‘रिसिन’ (Ricin)?

रिसिन एक अत्यधिक जहरीला पदार्थ है जो अरंडी के बीजों (Ricinus communis) से निकाला जाता है। यह अरंडी का तेल निकालने के बाद बचे हुए कचरे (वेस्ट मैश) में पाया जाता है। यह इंसानों के लिए बेहद घातक है और इसकी थोड़ी सी मात्रा भी जानलेवा हो सकती है। रिसिन पॉइजनिंग के लिए कोई विशिष्ट एंटीडोट (विषनाशक) उपलब्ध नहीं है, इसका इलाज मुख्य रूप से सहायक चिकित्सा देखभाल पर निर्भर करता है।

रासायनिक हथियार निषेध संगठन (OPCW) के अनुसार, रिसिन को रासायनिक हथियार कन्वेंशन (CWC) की अनुसूची-1 के तहत सूचीबद्ध किया गया है। हालांकि इसे खाने या इंजेक्शन के जरिए दिए जाने पर यह घातक होता है, लेकिन त्वचा के जरिए इसका अवशोषण कम होता है। इसे बड़े पैमाने पर फैलाना मुश्किल माना जाता है क्योंकि यह गर्मी के प्रति संवेदनशील है और पानी में घुल जाता है।

खबरों के मुताबिक, साल 2013 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और 2020 में डोनाल्ड ट्रंप को भी कथित तौर पर इस जहरीले पाउडर से लैसे पत्र भेजे गए थे, जिन्हें मेल सॉर्टिंग के दौरान ही पकड़ लिया गया था।

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