नई दिल्ली के बाबा कड़क सिंह मार्ग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों के लिए बने नए आवासीय कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस कॉम्प्लेक्स में चार टॉवर हैं जिन्हें चार भारतीय नदियों के नाम पर रखा गया है। हर टॉवर में 25 मंजिलें हैं और कुल 184 फ्लैट्स सांसदों के लिए बनाए गए हैं।
Mint की रिपोर्ट के मुताबिक, “ये फ्लैट्स खासतौर पर उन सांसदों के लिए बनाए गए हैं जो लुटियंस दिल्ली में बंगले पाने की इच्छा रखते हैं। इन्हें पूरी तरह आत्मनिर्भर तरीके से डिजाइन किया गया है।”
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने 10 अगस्त को जारी एक प्रेस नोट में कहा कि ये 5,000 वर्ग फीट के फ्लैट्स “सभी आधुनिक सुविधाओं और हाई-स्पीड लिफ्ट्स से युक्त होंगे। इनमें सांसदों के लिए कार्यालय और निवास दोनों की जगह उपलब्ध कराई गई है।”
PIB ने हालांकि इन फ्लैट्स की लागत और ठेका किस कंपनी को मिला, इसका जिक्र नहीं किया। लेकिन 13 अगस्त को शहरी विकास मंत्रालय की ओर से दायर आरटीआई (RTI) के जवाब में खुलासा हुआ कि यह प्रोजेक्ट 477 करोड़ 55 लाख 88 हजार 965 रुपये की लागत से पूरा हुआ।
आरटीआई के जरिए यह जानकारी साझा करने वाले अजय बसुदेव बोस ने The Wire से बातचीत में कहा, “इस हिसाब से हर फ्लैट पर मंत्रालय को करीब 2,59,54,287 रुपये खर्च करने पड़े होंगे।”
दिल्ली के बीचों-बीच 5,000 वर्ग फीट का फ्लैट अगर 2.59 करोड़ रुपये में मिलता है, तो इसे महंगा नहीं कहा जाएगा। लेकिन सवाल तब उठता है जब यह ध्यान दिया जाए कि इस प्रोजेक्ट के लिए प्राइम लोकेशन की जमीन सरकार ने कंपनी को मुफ्त दी थी।
आरटीआई के जवाब के मुताबिक, इन टॉवरों का निर्माण सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (CPWD) के लिए Sam India LLP नामक कंपनी ने किया।
Sam India LLP का सफर
Sam India LLP की वेबसाइट पर नज़र डालें तो साफ होता है कि कंपनी ने केंद्र सरकार के कई बड़े ठेके हासिल किए हैं।
- दिल्ली मेट्रो की एक्वा लाइन के स्टेशन – 418.60 करोड़ रुपये
- सेक्टर 50, नोएडा में DMRC स्टाफ क्वार्टर – 171 करोड़ रुपये
- अशोक विहार मैजेंटा लाइन एक्सटेंशन (2020) – 755 करोड़ रुपये
- त्यागराज दिल्ली CPWD – 256 करोड़ रुपये
- मुंबई में ECGC (Export Credit Guarantee Corporation of India) बिल्डिंग – 71 करोड़ रुपये
- गुड़गांव में पंजाब नेशनल बैंक का डाटा सेंटर – 327.70 करोड़ रुपये
- मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन का डिपो-कम-वर्कशॉप
यह कंपनी 2007 में Sam (India) Infrastructure Pvt Ltd के रूप में शुरू हुई थी, जिसे बाद में बदलकर Sam (India) LLP कर दिया गया। वेबसाइट के मुताबिक दिसंबर 2020 में कंपनी का नियंत्रण मदन लाल के हाथों में आया, जो इसके चेयरमैन और डिज़ाइनेटेड पार्टनर हैं।
दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (DTU), रोहिणी का निर्माण भी इस कंपनी ने किया था। वहीं, इस अगस्त में इसकी सहयोगी कंपनी Sam India Builtwell Pvt Ltd ने DMRC से फेज़ 5A प्रोजेक्ट में 9.9 किलोमीटर लंबे इंद्रप्रस्थ–आर.के. आश्रम मार्ग कॉरिडोर पर बनने वाले YugeYugeen Bharat अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन का ठेका भी जीत लिया।
गुजरात से जुड़ाव
Sam India LLP के चेयरमैन मदन लाल के परिवार से जुड़ी कंपनियों की जांच करने पर सामने आता है कि उनके बेटे शुभम गर्ग और नितिन गर्ग Garg Realty Group नामक निर्माण कंपनी चलाते हैं। इसी वेबसाइट पर पहली बार मदन लाल का पूरा नाम मदन लाल गर्ग दर्ज मिलता है।
गर्ग रियल्टी ग्रुप की स्थापना भी 2007 में मदन लाल ने Garg Properties के नाम से की थी। इस साल जुलाई में, गुड़गांव स्थित इस कंपनी ने प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट धोलेरा (Gujarat) में अगले तीन सालों में 400 करोड़ रुपये निवेश करने का ऐलान किया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी ने पहले ही धोलेरा क्षेत्र में 20-22 एकड़ जमीन खरीदी है और अब अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण की योजना बना रही है, ताकि औद्योगिक, व्यावसायिक और आवासीय इंफ्रास्ट्रक्चर की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।
धोलेरा स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन (SIR) को भारत सरकार देश का पहला स्मार्ट सिटी और पहला ग्रीनफील्ड शहर बना रही है। इसे “वैश्विक निवेश हब” के रूप में पेश किया जा रहा है। मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए उनकी यह बड़ी महत्वाकांक्षा थी कि गुजरात को एक “औद्योगिक पावरहाउस” बनाया जाए।
इसीलिए, धोलेरा स्मार्ट सिटी की आधिकारिक वेबसाइट पर एक पूरा पेज है – “Why is Dholera Project Important for Narendra Modi”। पिछले कुछ वर्षों में केंद्र सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए हजारों करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है। जुलाई में PIB की प्रेस रिलीज़ में कहा गया कि भारत और जापान की साझेदारी अब “सेमीकंडक्टर और स्मार्ट सिटी निवेश” को धोलेरा में केंद्रित कर रही है।
इसके अलावा, गर्ग रियल्टी ग्रुप पहले ही गुजरात में तीन प्रोजेक्ट पूरे कर चुका है – Orchid Garden (पिपली-फेडरा रोड), Sukkoon Retreat (रतनपुर) और Sukkoon City (कसिंद्रा)।
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