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पति ने बाथरूम में लगाए माइक्रोफोन, हाईकोर्ट ने दिया तलाक और 1 लाख रुपए मासिक भरण-पोषण का आदेश

| Updated: August 9, 2025 12:20

गुजरात हाईकोर्ट ने क्रूरता के आधार पर मुंबई के पायलट और अहमदाबाद की शिक्षिका का तलाक मंजूर करते हुए, पत्नी को जीवनभर ₹1 लाख मासिक भरण-पोषण देने का आदेश दिया।

अहमदाबाद: गुजरात हाईकोर्ट ने मुंबई के एक पायलट को उसकी पत्नी को जीवनभर के लिए हर महीने 1 लाख रुपए स्थायी भरण-पोषण (Permanent Alimony) देने का आदेश देते हुए, क्रूरता (Cruelty) के आधार पर तलाक मंजूर कर लिया।

अदालत ने पति द्वारा घर के हर कमरे में सीसीटीवी कैमरे और बाथरूम में माइक्रोफोन लगाने, तथा पत्नी के भूख हड़ताल पर जाने को अपने फैसले के प्रमुख कारण बताया।

शादी और विवाद की शुरुआत

मामला अहमदाबाद की एक शिक्षिका से जुड़ा है, जिसने मई 2023 में मुंबई के पायलट से शादी की थी। यह पायलट की दूसरी शादी थी — उसकी पहली पत्नी ने आत्महत्या कर ली थी, जिससे उसका एक बेटा है। शिक्षिका ने इस शर्त पर विवाह स्वीकार किया था कि वह अपने बच्चे नहीं करेगी और पति के बेटे की देखभाल करेगी।

लेकिन शादी के बाद संबंध जल्दी बिगड़ने लगे। मुंबई में तीन घर होने के बावजूद पायलट ने अपनी संपत्तियां ट्रांसफर कर दीं और किराए के फ्लैट में रहने लगा। इसके बाद उसने घर के हर कमरे में सीसीटीवी कैमरे और बाथरूम में माइक्रोफोन लगा दिए।

पत्नी ने इन कार्रवाइयों को क्रूरता बताया और मामला पुलिस तक पहुंचा। पायलट ने यह स्वीकार किया कि उसने कैमरे और माइक्रोफोन लगाए थे, लेकिन उसने दलील दी कि यह परिवार की सुरक्षा के लिए था — जिसे अदालत ने खारिज कर दिया।

अलगाव और कानूनी लड़ाई

तनाव तब और बढ़ गया जब पत्नी ने भूख हड़ताल शुरू कर दी, जिसके बाद पति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। दोनों की वैवाहिक जिंदगी केवल दो साल ही चली, इसके बाद जुलाई 2015 में पत्नी अहमदाबाद लौट आई और तब से वहीं रह रही है।

पति ने तलाक के लिए अर्जी दी, जबकि पत्नी ने दांपत्य अधिकारों की पुनर्स्थापना (Restitution of Conjugal Rights) का दावा दायर किया। अहमदाबाद की फैमिली कोर्ट ने पति की तलाक याचिका खारिज कर दी और कहा कि पत्नी ने विवाह के लिए अपनी संतान पैदा करने का अधिकार त्याग दिया था, जो एक त्याग का उदाहरण है। मामला बाद में हाईकोर्ट पहुंचा।

हाईकोर्ट की टिप्पणी

मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस ए.वाई. कोगजे और जस्टिस एन.एस. संजय गौड़ा की बेंच ने कहा—

“यह ऐसा मामला है, जिसमें पति-पत्नी का साथ रहना, दोनों पर क्रूरता को कायम रखने जैसा होगा। शादी के शुरुआती दौर में ही पति द्वारा सभी कमरों में सीसीटीवी कैमरे और बाथरूम में माइक्रोफोन लगाना स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि इनके बीच सामान्य वैवाहिक जीवन की संभावना खत्म हो चुकी है।”

अदालत ने आगे कहा कि लंबे समय से अलग रहने और एक-दूसरे के प्रति बढ़ते विवादों तथा कई मुकदमों को देखते हुए, यह साफ है कि यह विवाह अब सुधरने योग्य नहीं है।

तलाक मंजूर करते हुए हाईकोर्ट ने पायलट को आदेश दिया कि वह पत्नी को जीवनभर 1 लाख रुपए प्रतिमाह स्थायी भरण-पोषण दे।

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