अरवल्ली/मोडासा: गुजरात के अरवल्ली जिले में मंगलवार (18 नवंबर, 2025) तड़के एक बेहद हृदयविदारक घटना घटी, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। मोडासा शहर के पास मरीज को ले जा रही एक एंबुलेंस अचानक आग का गोला बन गई। इस भीषण अग्निकांड में एक दिन के नवजात शिशु, उसके पिता, एक डॉक्टर और एक नर्स की जलकर दर्दनाक मौत हो गई।
पुलिस ने जानकारी दी है कि यह हादसा मोडासा-धनसुरा रोड पर रात करीब 1 बजे हुआ।
इलाज के लिए अहमदाबाद ले जा रहे थे नवजात को
पुलिस निरीक्षक डी.बी. वाला ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि नवजात शिशु जन्म के बाद से ही बीमार था। उसकी नाजुक हालत को देखते हुए परिवार उसे मोडासा के एक अस्पताल से अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में बेहतर इलाज (फर्दर ट्रीटमेंट) के लिए ले जा रहा था। इसी दौरान रास्ते में यह अनहोनी हो गई।
हादसे में जान गंवाने वाले
इस दुर्घटना में जान गंवाने वालों की पहचान बच्चे के पिता जिग्नेश मोची (38), अहमदाबाद निवासी डॉक्टर शांतिलाल रेंटिया (30) और अरवल्ली की रहने वाली नर्स भूरीबेन मनात (23) के रूप में हुई है। आग की भयावहता इतनी ज्यादा थी कि नवजात समेत ये चारों लोग एंबुलेंस के अंदर ही फंस गए और उनकी जलकर मौत हो गई। जिग्नेश मोची पड़ोसी जिले महिसागर के मूल निवासी थे।
ड्राइवर और रिश्तेदारों ने कूदकर बचाई जान
अधिकारियों के मुताबिक, एंबुलेंस में कुल 7 लोग सवार थे। आगे की सीट पर बैठे एंबुलेंस चालक और मृतक जिग्नेश के दो रिश्तेदारों ने किसी तरह आग से बचकर अपनी जान बचाई, हालांकि वे भी इस घटना में झुलस गए हैं। घायलों की पहचान चालक अंकित ठाकोर और रिश्तेदारों – गौरांग मोची और गीताबेन मोची के रूप में हुई है। उन्हें इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सीसीटीवी में कैद हुई घटना
पुलिस द्वारा प्राप्त सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि ड्राइवर को गाड़ी के पिछले हिस्से में आग लगने का आभास हुआ, जिसके बाद उसने एक पेट्रोल पंप के पास एंबुलेंस की गति धीमी की। आगे बैठे लोग तो बाहर निकलने में सफल रहे, लेकिन एंबुलेंस के पिछले हिस्से में बैठे डॉक्टर, नर्स और पिता-पुत्र लपटों में घिर गए। स्थानीय फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाई, लेकिन तब तक चारों की जान जा चुकी थी।
फोरेंसिक टीम करेगी जांच
जिला पुलिस अधीक्षक मनोहरसिंह जडेजा ने बताया कि एंबुलेंस में आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। घटना की गंभीरता को देखते हुए फोरेंसिक विशेषज्ञों (FSL) की टीम को बुलाया गया है। वैज्ञानिक जांच के बाद ही आग लगने की असली वजह सामने आ पाएगी।
यह भी पढ़ें-
गुजरात: मैटरनिटी हॉस्पिटल के वीडियो टेलीग्राम पर बिके, 50,000 CCTV कैमरे हैक











