वडोदरा ज़िले के पादरा में गंभीरा नदी पर बने पुल के ढहने से मरने वालों की संख्या 17 हो गई है। गुरुवार को दूसरे दिन भी राहत और बचाव कार्य जारी रहा।
बुधवार सुबह महिसागर नदी पर बना पुल अचानक दो हिस्सों में टूट गया, जिससे कई वाहन नदी में गिर गए। बुधवार रात से गुरुवार तक चार और शव नदी से बरामद किए गए। कुछ लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।
करीब 30 साल पुराना यह पुल मध्य गुजरात को सौराष्ट्र से जोड़ता है।
वडोदरा के कलेक्टर अनिल धमेलिया ने मीडिया को बताया कि एक उच्च स्तरीय तकनीकी टीम पुल का निरीक्षण कर रही है और हादसे के कारणों की जांच कर रही है।
घटना के बाद राज्य सरकार की लापरवाही को लेकर विपक्षी दलों ने तीखी आलोचना की। कई नेताओं ने इस हादसे को “मानव निर्मित आपदा” करार दिया।
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर 2022 में मोरबी पुल हादसे में 135 से अधिक लोगों की मौत के बाद गुजरात सरकार ने राज्य में पुलों की स्थिति पर एक रिपोर्ट गुजरात हाई कोर्ट को सौंपी थी। इसके बावजूद राज्य में कई पुल, जिनमें गंभीरा पुल भी शामिल है, जर्जर हालत में हैं।
हादसे के बाद गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की विशेषज्ञ टीम भी मौके पर पहुंची। नदी में गिरा एक टैंकर रासायनिक पदार्थ ले जा रहा था, जिसे लेकर जांच की जा रही है।
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