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गुजरात के छात्र का यूक्रेन से दर्दनाक संदेश: झूठे ‘ड्रग्स केस’ में फंसाकर रूसी सेना में किया गया भर्ती

| Updated: December 22, 2025 13:14

मोरबी के साहिल मोहम्मद हुसैन को झूठे ड्रग्स केस का डर दिखाकर थमाई गई बंदूक; यूक्रेन में सरेंडर के बाद पीएम मोदी से लगाई गुहार, 15 दिन की ट्रेनिंग देकर भेजा था जंग में।

नई दिल्ली: शिक्षा के सपने लेकर विदेश गया गुजरात का एक होनहार छात्र आज दो देशों के बीच चल रहे भीषण युद्ध के बीच फंस गया है। रूस में पढ़ाई करने गए गुजरात के इस युवक ने एक वीडियो संदेश जारी कर अपनी आपबीती सुनाई है, जो किसी भी माता-पिता का दिल दहला सकती है। छात्र ने वीडियो में साफ तौर पर अपील की है कि किसी भी परिस्थिति में रूसी सेना में शामिल न हों।

झूठे केस का डर और सेना में जबरन भर्ती

पीड़ित छात्र का नाम साहिल मोहम्मद हुसैन है, जो गुजरात के मोरबी जिले का रहने वाला है। साहिल ने आरोप लगाया है कि उसे ब्लैकमेल किया गया और अपनी जान बचाने के लिए उसे रूसी सेना की वर्दी पहननी पड़ी। साहिल के मुताबिक, उसे एक झूठे ड्रग्स केस में फंसाया गया था और पुलिस ने उसके सामने शर्त रखी कि अगर वह रूसी सेना में सेवा देने को तैयार हो जाता है, तो उस पर से केस हटा लिया जाएगा।

यूक्रेन में सरेंडर और वतन वापसी की गुहार

वर्तमान में साहिल यूक्रेन में है, जहाँ उसे यूक्रेनी सेना ने पकड़ लिया है। यूक्रेनी अधिकारियों द्वारा साझा किए गए वीडियो में साहिल ने भारत सरकार से मदद की भीख मांगी है। साहिल ने बताया कि रूस में पढ़ाई के दौरान वह एक कूरियर कंपनी में पार्ट-टाइम काम करता था। इसी दौरान उसे निशाना बनाया गया।

वीडियो में साहिल ने कहा, “मैंने 2024 में पढ़ाई के लिए रूस में कदम रखा था। यहाँ वीजा और आर्थिक दिक्कतों के चलते मैं कुछ ऐसे रूसियों के संपर्क में आया जो नार्कोटिक्स (मादक पदार्थ) के धंधे में लिप्त थे। मैंने कुछ नहीं किया, फिर भी मुझे फंसाया गया। यहाँ करीब 700 लोगों को ड्रग्स के आरोपों में जेल में डाला गया है, लेकिन जेल प्रशासन ने उन्हें विकल्प दिया कि अगर वे रूसी सेना जॉइन करते हैं, तो उन पर से आरोप हटा दिए जाएंगे।”

15 दिन की ट्रेनिंग और फ्रंटलाइन पर तैनाती

साहिल ने अपनी मजबूरी बयां करते हुए कहा कि झूठे केस से बचने के लिए उसने रूसी सेना का सौदा स्वीकार कर लिया। उसे महज 15 दिनों की मिलिट्री ट्रेनिंग दी गई और उसके तुरंत बाद सीधे युद्ध के मोर्चे (फ्रंटलाइन) पर भेज दिया गया।

साहिल ने समझदारी दिखाते हुए फ्रंटलाइन पर पहुंचते ही यूक्रेनी सेना के सामने सरेंडर कर दिया। यूक्रेनी बलों ने साहिल के वीडियो उसकी माँ को गुजरात भेजे हैं और उनसे अपील की है कि वे इस बात को उजागर करें कि कैसे भारतीयों को धोखे से रूसी सेना में भर्ती किया जा रहा है।

पीएम मोदी से मदद की आस

ओलिव ग्रीन जैकेट पहने साहिल ने वीडियो में कहा, “हताशा महसूस हो रही है। मुझे नहीं पता आगे क्या होगा। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन हाल ही में भारत आए थे। मैं भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि वे पुतिन से बात करें और मेरी सुरक्षित घर वापसी में मदद करें।”

उसने रूस आने वाले युवाओं को भी चेतावनी दी है कि वे सावधान रहें, क्योंकि यहाँ कई ऐसे ठग हैं जो आपको झूठे मामलों में फंसा सकते हैं।

सरकार का रुख और कानूनी लड़ाई

साहिल की माँ ने अपने बेटे की सुरक्षित वापसी के लिए दिल्ली की एक अदालत में याचिका दायर की है, जिसकी अगली सुनवाई फरवरी महीने में होनी है।

दूसरी ओर, भारत सरकार भी इस मुद्दे पर गंभीर है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 5 दिसंबर को जानकारी दी थी कि भारत उन नागरिकों की रिहाई के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है जो रूसी सशस्त्र बलों में शामिल हो गए हैं। मिस्री ने रूसी राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान बताया था कि पीएम मोदी ने यह मुद्दा पुतिन के सामने उठाया था और भारतीय नागरिकों की जल्द रिहाई के लिए ठोस प्रयास जारी हैं।

सरकार ने नागरिकों को आगाह किया है कि वे रूसी सेना में नौकरी के किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार न करें और अत्यधिक सावधानी बरतें।

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